नई दिल्ली : पंजाब के कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा ने मंगलवार को राज्य में डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) संकट को लेकर केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात की.
मंडाविया ने पंजाब को तीन से चार दिनों के भीतर डीएपी के 10 रेक, एनपीके (कॉम्प्लेक्स उर्वरक) के 5 रेक और एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) के 2 रेक की आपूर्ति का आश्वासन दिया है. साथ ही उन्होंने राज्य को आगामी नवंबर और दिसंबर माह में यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति का आश्वासन दिया है.
नाभा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि रबी फसलों के लिए डीएपी की कुल आवश्यकता 5.50 लाख मीट्रिक टन है, जिसमें से 4.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं की फसल की समय पर बुवाई के लिए अक्टूबर और नवंबर के महीने के दौरान जरूरी है.
नाभा ने कहा कि पंजाब में 1 अक्टूबर, 2021 को डीएपी का ओपनिंग स्टॉक 0.74 एलएमटी था, इसी तारीख में 2020 से तुलना की जाए तो स्टॉक 3.63 एलएमटी था. उन्होंने कहा कि 'भारत सरकार ने अक्टूबर 2021 के दौरान 2.75 एलएमटी की मांग के मुकाबले केवल 1.97 एलएमटी डीएपी आवंटित किया है. ऐसा महसूस किया जा रहा है कि गेहूं की फसल की बुवाई के लिए इस महत्वपूर्ण इनपुट की कमी दिखाई दे सकती है और गेहूं की पूरी बुवाई के लिए केवल 20-25 डेटा ही बचा है.' उन्होंने अक्टूबर 2021 के लिए राज्य को 1.50 लाख मीट्रिक टन डीएपी के अतिरिक्त आवंटन और डीएपी की आपूर्ति में तेजी लाने की मांग की.
राज्यवार गिनाए आंकड़े, सौतेले व्यवहार का लगाया आरोप
नाभा ने अक्टूबर 2021 के लिए केंद्र की आपूर्ति योजना और वास्तविक प्रेषण का विवरण देते हुए बताया कि राज्य को 197250 मीट्रिक टन की आवंटन योजना के मुकाबले केवल 80951 मीट्रिक टन डीएपी मिला है. कुल आवंटन का 41 प्रतिशत जबकि हरियाणा को कुल आवंटन का 89 प्रतिशत, यूपी को 170 प्रतिशत और राजस्थान को 88 प्रतिशत मिला है. नाभा ने आरोप लगाया कि पंजाब के साथ केंद्र से 'सौतेला' व्यवहार किया जा रहा है.
नाभा ने मीडिया को यह भी बताया कि केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डीएपी की कमी अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की अनुपलब्धता के कारण है और केंद्र सरकार पंजाब को डीएपी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेगी.
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जाने-माने वैज्ञानिक डॉ. मार्कंडेय की नवीनतम ट्यूब तकनीक को अपनाने और कपास की फसल पर पिंक बॉलवर्म के हमले के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर, मंत्री ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने पहले ही किसानों को मुआवजे का वादा किया था और भविष्य में इस तरह के हमलों से फसलों को बचाने के लिए राज्य सहयोग कर रहा है.