रायपुर: इन दिनों छत्तीसगढ़ में हनुमानजी के नाम पर राजनीति चल रही है. बजरंगदल को बैन करने के सीएम के बयान के बाद से लगातार प्रदेश की सड़कों पर कांग्रेस और भाजपा नेता उतर गए हैं. नेता सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करते नजर आ रहे हैं. जहां एक ओर बीजेपी हनुमान चालीसा पढ़कर कांग्रेस और बघेल सरकार को सद्बुद्धि देने की बात कह रही है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी सुंदरकांड का पाठ कर बीजेपी को सद्बुद्धि प्रदान करने की बात कह रही है.
इस विषय में रायपुर के पुजारियों का क्या कहना है... आईए जानते हैं.
किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचाए: पंडित राहुल दुबे ने कहा, "राजनीति का अपना अलग स्तर है. धर्म का अपना एक अलग स्तर. कोई भी व्यक्ति जब धर्म से जुड़ता है. तो भगवान की शरण में आता है. दोनों ही अलग-अलग पार्टी के लोग भगवान के ही हैं, तो कोई राम मंदिर या कौशल्या मंदिर के प्रति किसी की भावनाओं को ठेस ना पहुंचाएं."
राजनीति में भगवान को न घसीटें: पंडित आशुतोष त्रिपाठी ने कहा, " राजनीति में भगवान को घसीटना अच्छी बात नहीं है. धर्म और राजनीति अलग-अलग है. जो राजनीति करते हैं, वह लोग इसे धर्म से ना जोड़ें."पंडित चंद्र प्रकाश तिवारी का कहना है, "धर्म और राजनीति अलग-अलग है. धर्म और राजनीति एक साथ नहीं चल सकते. धर्म की रक्षा यदि हम करेंगे, तो धर्म हमारी रक्षा करेगा. राजनीति अलग क्षेत्र है, धर्म अलग क्षेत्र है. धर्म का कर्म जो कर रहे हैं, उन्हें कर्म करने दें."
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धर्म के नाम पर राजनीति गलत: पंडित नंद कुमार तिवारी का कहना है कि, "जो लोग भगवान के नाम पर राजनीति करते हैं, वह गलत है. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. भगवान के प्रति सभी को सम्मान, आस्था और भक्ति भावना रखनी चाहिए. भगवान तो सभी के हैं, श्रीसीताराम जी सभी के हैं. भगवान की देन से राजनीति चल रही है, तो भगवान के नाम पर राजनीति करना गलत है." पंडित श्याम सुंदर शास्त्री का कहना है कि, "धर्म के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. धर्म सबका है. वेद से विज्ञान है ना कि विज्ञान से वेद. इसीलिए धर्म के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए."
यहां सभी पुजारियों की राय एक ही है. बावजूद इसके प्रदेश में धर्म के नाम पर सियासी बयानबाजी चल रही है. बजरंग दल और बीजेपी नेताओं की ओर से चौक पर बैठ कर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. जिसके बाद कांग्रेस ने भी सुंदरकांड का पाठ किया.