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सार्वजनिक उद्यानों का उपयोग सांस्कृतिक समारोह के लिए नहीं : एनजीटी

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Published : Jul 5, 2021, 7:42 PM IST

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सार्वजनिक उद्यानों का उपयोग सामाजिक, सांस्कृतिक, वाणिज्यिक, विवाह या अन्य कार्यों के लिए नहीं किये जा सकने की बात की ओर ध्यान दिलाते हुए सोमवार को एक समिति का गठन कर जिला उद्यान में एक मंदिर को डीडीए द्वारा जगह आवंटित किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर रिपोर्ट मांगी.

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नई दिल्ली : एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल (NGT Chairperson Justice Adarsh Kumar Goel) की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक समिति का गठन किया, जिसमें जिला मजिस्ट्रेट, उत्तरी दिल्ली, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारी शामिल हैं.

पीठ ने कहा कि हम संयुक्त समिति को इस मामले में ई-मेल द्वारा एक तथ्यात्मक तथा कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देते हैं. समन्वय एवं अनुपालन की नोडल एजेंसी डीपीसीसी होगी. पीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई आठ नवम्बर को होगी.

एनजीटी शहर के निवासी एके मलिक की रोहिणी की सेक्टर-14 के जिला उद्यान में 'अग्रणी मातृ मंदिर' को डीडीए द्वारा एक खुला पार्क आवंटित करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस कदम से स्थानीय लोगों के खुले क्षेत्र में जाने का अधिकार प्रभावित हुआ है और यह ध्वनि प्रदूषण का स्रोत भी बना है, क्योंकि यहां रात 10 बजे के बाद भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है और डीजे भी बजता है.

इसे भी पढ़ें : हैदराबाद की ऐतिहासिक झील में सुधार नहीं, एनजीटी ने दी कार्रवाई की चेतावनी

एनजीटी ने इससे पहले डीपीसीसी को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी पार्क का उपयोग किसी सामाजिक, सांस्कृतिक, वाणिज्यिक तथा विवाह या अन्य कार्यों के लिए ना हो.
(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल (NGT Chairperson Justice Adarsh Kumar Goel) की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक समिति का गठन किया, जिसमें जिला मजिस्ट्रेट, उत्तरी दिल्ली, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारी शामिल हैं.

पीठ ने कहा कि हम संयुक्त समिति को इस मामले में ई-मेल द्वारा एक तथ्यात्मक तथा कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देते हैं. समन्वय एवं अनुपालन की नोडल एजेंसी डीपीसीसी होगी. पीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई आठ नवम्बर को होगी.

एनजीटी शहर के निवासी एके मलिक की रोहिणी की सेक्टर-14 के जिला उद्यान में 'अग्रणी मातृ मंदिर' को डीडीए द्वारा एक खुला पार्क आवंटित करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस कदम से स्थानीय लोगों के खुले क्षेत्र में जाने का अधिकार प्रभावित हुआ है और यह ध्वनि प्रदूषण का स्रोत भी बना है, क्योंकि यहां रात 10 बजे के बाद भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है और डीजे भी बजता है.

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एनजीटी ने इससे पहले डीपीसीसी को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी पार्क का उपयोग किसी सामाजिक, सांस्कृतिक, वाणिज्यिक तथा विवाह या अन्य कार्यों के लिए ना हो.
(पीटीआई-भाषा)

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