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इसरो की लंबी उड़ान : PSLV C55 ने सिंगापुर के 2 उपग्रहों को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पीएसएलवी सी55 रॉकेट ने सिंगापुर के दो उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया. 44.4 मीटर लंबा रॉकेट श्रीहरिकोटा से सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में पहले से तय दोपहर 2.19 बजे के समय लॉन्च हुआ (PSLV C55 lifts off from Sriharikota).

PSLV C55 lifts off from Sriharikota
इसरो की लंबी उड़ान
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Published : Apr 22, 2023, 3:52 PM IST

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) : सिंगापुर के दो उपग्रहों को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पीएसएलवी सी55 रॉकेट ने शनिवार को यहां स्थित अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी. यह जानकारी इसरो ने दी.

यह रॉकेट समर्पित वाणिज्यिक मिशन के तहत न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के माध्यम से प्राथमिक उपग्रह के रूप में 'टेलीओएस-2' और सह-यात्री उपग्रह के रूप में 'ल्यूमलाइट-4' को लेकर रवाना हुआ और दोनों उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थपित कर दिया.

  • #WATCH | "Congratulations| PSLV-C55/TeLEOS-2 Mission - the PSLV has placed both satellites in the intended orbit." says ISRO chief S Somanath

    (Source: ISRO) pic.twitter.com/W1rUczvmt9

    — ANI (@ANI) April 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के जरिए सिंगापुर के दो उपग्रहों का प्रक्षेपण करने के लिए शुक्रवार को यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में 22.5 घंटे की उलटी गिनती शुरू हुई थी.

मिशन के तहत चेन्नई से लगभग 135 किलोमीटर दूर स्थित अंतरिक्ष केंद्र से 44.4 मीटर लंबा रॉकेट दोनों उपग्रहों को लेकर प्रथम लॉन्च पैड से रवाना हुआ और बाद में इसने दोनों उपग्रहों को इच्छित कक्षा में स्थापित कर दिया.

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि पीएसएलवी ने दोनों उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया. सोमनाथ ने मिशन कंट्रोल सेंटर से कहा कि 'पीएसएलवी ने अपने 57वें मिशन में एक बार फिर अपनी उच्च विश्वसनीयता और इस तरह के वर्ग के वाणिज्यिक मिशनों के लिए उपयुक्तता का प्रदर्शन किया है.'

वहीं, मिशन निदेशक एस आर बीजू ने कहा कि 'पूरी तरह से समर्पित वाणिज्यिक मिशन' को 'अत्यंत सटीकता' के साथ अंजाम दिया गया. प्राथमिक उपग्रह TeLEOS-2 सिंगापुर सरकार और ST इंजीनियरिंग का प्रतिनिधित्व करने वाली रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी एजेंसी (DSTA) के बीच साझेदारी के तहत विकसित एक सिंथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह है.

TeLEOS-2 में सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) पेलोड है. इसका उपयोग पूरे मौसम में दिन और रात कवरेज प्रदान करने के लिए किया जाएगा और यह सिंगापुर के लिए एक मीटर पूर्ण पोलरिमेट्रिक रिज़ॉल्यूशन पर इमेजिंग करने में सक्षम है.

पढ़ें- ISRO Mission: इसरो ने पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान स्वायत्त लैंडिंग मिशन के तहत सफल परीक्षण किया

(PTI)

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) : सिंगापुर के दो उपग्रहों को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पीएसएलवी सी55 रॉकेट ने शनिवार को यहां स्थित अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी. यह जानकारी इसरो ने दी.

यह रॉकेट समर्पित वाणिज्यिक मिशन के तहत न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के माध्यम से प्राथमिक उपग्रह के रूप में 'टेलीओएस-2' और सह-यात्री उपग्रह के रूप में 'ल्यूमलाइट-4' को लेकर रवाना हुआ और दोनों उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थपित कर दिया.

  • #WATCH | "Congratulations| PSLV-C55/TeLEOS-2 Mission - the PSLV has placed both satellites in the intended orbit." says ISRO chief S Somanath

    (Source: ISRO) pic.twitter.com/W1rUczvmt9

    — ANI (@ANI) April 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के जरिए सिंगापुर के दो उपग्रहों का प्रक्षेपण करने के लिए शुक्रवार को यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में 22.5 घंटे की उलटी गिनती शुरू हुई थी.

मिशन के तहत चेन्नई से लगभग 135 किलोमीटर दूर स्थित अंतरिक्ष केंद्र से 44.4 मीटर लंबा रॉकेट दोनों उपग्रहों को लेकर प्रथम लॉन्च पैड से रवाना हुआ और बाद में इसने दोनों उपग्रहों को इच्छित कक्षा में स्थापित कर दिया.

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि पीएसएलवी ने दोनों उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया. सोमनाथ ने मिशन कंट्रोल सेंटर से कहा कि 'पीएसएलवी ने अपने 57वें मिशन में एक बार फिर अपनी उच्च विश्वसनीयता और इस तरह के वर्ग के वाणिज्यिक मिशनों के लिए उपयुक्तता का प्रदर्शन किया है.'

वहीं, मिशन निदेशक एस आर बीजू ने कहा कि 'पूरी तरह से समर्पित वाणिज्यिक मिशन' को 'अत्यंत सटीकता' के साथ अंजाम दिया गया. प्राथमिक उपग्रह TeLEOS-2 सिंगापुर सरकार और ST इंजीनियरिंग का प्रतिनिधित्व करने वाली रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी एजेंसी (DSTA) के बीच साझेदारी के तहत विकसित एक सिंथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह है.

TeLEOS-2 में सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) पेलोड है. इसका उपयोग पूरे मौसम में दिन और रात कवरेज प्रदान करने के लिए किया जाएगा और यह सिंगापुर के लिए एक मीटर पूर्ण पोलरिमेट्रिक रिज़ॉल्यूशन पर इमेजिंग करने में सक्षम है.

पढ़ें- ISRO Mission: इसरो ने पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान स्वायत्त लैंडिंग मिशन के तहत सफल परीक्षण किया

(PTI)

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