बेंगलुरु : कर्नाटक सरकार ने पीएसआई (Police Sub-Inspector) भर्ती परीक्षा में धांधली और फर्जीवाड़े के आरोपों के बाद दोबारा परीक्षा आयोजित कराने का आदेश दिया है. लेकिन परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों ने सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है. पीएसआई के रूप में चयनित 400 से अधिक उम्मीदवारों ने शनिवार को बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में प्रदर्शन किया और सरकार से दोबारा परीक्षा कराने के फैसले को वापस लिए जाने की मांग की. उनका कहना है कि निर्दोष लोगों को इसकी सजा दिए जाने के बजाय सरकार दोषी लोगों को दंडित करे.
बता दें, सीआईडी पीएसआई भर्ती 2020-21 में हुए फर्जीवाड़े की जांच कर रही है. सीआईडी ने मुख्य आरोपी दिव्या हागरागी समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है. इस बीच, राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने शुक्रवार को भर्ती परीक्षा रद्द करने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि पीएसआई भर्ती के लिए दोबारा परीक्षा की तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी. ज्ञानेंद्र ने कहा कि एक से अधिक परीक्षा केंद्र गड़बड़ी में लिप्त हैं. सरकार ने संपूर्ण पीएसआई भर्ती परीक्षा रद्द कर दी है.
अक्टूबर में हुई थी परीक्षा
पीएसआई के 545 पदों के लिए परीक्षा पिछले साल अक्टूबर में आयोजित की गई थी. परीक्षा में 54,041 उम्मीदवारों ने भाग लिया था. जनवरी 2022 में नतीजे घोषित किए गए थे. बाद में खुलासा हुआ कि वर्णनात्मक लेखन में बहुत खराब प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवारों ने पेपर-2 में अधिकतम अंक प्राप्त किए. इस मामले में सीआईडी ने 18 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
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