सूरत: यह सूरत सहित पूरे गुजरात के लिए गर्व की बात है कि भारतीय नौसेना के जहाज का नाम आईएनएस सूरत रखा है. आईएनएस सूरत जहाज 17 मई को मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड से नौसेना को सौंपा जाएगा. इस जहाज का वजन 7400 टन है. जहाज को अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके नौसेना के शिप प्रोजेक्ट 15-बी के तहत बनाया गया है. जहाज को विशाखापत्तनम में तैनात किया जाएगा.
जहाज को प्रोजेक्ट 15-बी के तहत बनाया गया है. भारत के रक्षा मंत्रालय के अनुसार 7400 टन का चौथा और आखिरी युद्धपोत बनाया गया है. जिसका नाम आईएनएस सूरत है. तीन युद्धपोतों के नाम, आईएनएस विशाखापत्तनम, आईएनएस प्रदीप और आईएनएस इंफाल थे. युद्धपोत का निर्माण भारत सरकार की कंपनी मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड द्वारा 19 जुलाई 2018 से मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में किया जा रहा था. जिसे अब 17 तारीख को भारतीय सेना को सौंपा जाएगा.
सूरत देश के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक है. डायमंड सिटी के रूप में सूरत शहर एक अलग पहचान बनता जा रहा है. सूरत के लोगों के लिए यह गर्व की बात है कि भारतीय नौसेना के इस जहाज का नाम आईएनएस सूरत रखा गया है. गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 17 मई को मुंबई के मझगांव से समुद्र में दो फ्रंटलाइन युद्धपोत लॉन्च करेंगे.
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अधिकारियों ने बताया कि आईएनएस सूरत चौथा और आखिरी स्टेल्थ विध्वंसक है. यह एक स्वदेशी युद्धपोत है. जहाज निर्माण के इतिहास में यह एक ऐतिहासिक क्षण है. यह एक निर्देशित मिसाइल विध्वंसक है. सूरत को गुजरात की व्यावसायिक राजधानी माना जाता है. सूरत का नाम समुद्रों और जहाज निर्माण के इतिहास से भी जुड़ गया है.