नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (UNHCR) के दफ्तर के सामने बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे अफगानी नागरिकों को हटा दिया गया है. इस बात की जानकारी दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में दी है. दिल्ली सरकार की इस सूचना के बाद हाई कोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया.
पिछले 3 सितंबर को हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो प्रदर्शन कर रहे अफगानी नागरिकों को दूसरे जगह शिफ्ट करने पर दो दिन में फैसला करे.
कोर्ट ने कहा था कि अगर दिल्ली सरकार फैसला नहीं लेगी ताे वह आदेश जारी करेगी. एक सितंबर को कोर्ट ने UNHCR के दफ्तर के सामने भीड़ जुटने पर चिंता जताई थी.
कोर्ट ने कहा था कि इस तरह की भीड़ से कोरोना फैलने का खतरा है. कोर्ट ने इस बाबत केंद्र और दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और नगर निगम को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि लोगों के जुलूस और प्रदर्शनों को रेगुलेट करने के लिए क्या कदम उठाये गए हैं. कोर्ट ने कहा था कि क्या आपने सुप्रीम कोर्ट के मजदूर किसान शक्ति संगठन बनाम भारत सरकार पर दिए गए फैसले के तहत दिशानिर्देश तैयार किया है. उस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन और धरने की इजाजत दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस संबंध में दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया था. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि अगर धरना प्रदर्शनों को रेगुलेट करने के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं बनाया गया है तो उसका कारण बताएं.
दिल्ली हाई कोर्ट में यह याचिका वसंत विहार वेलफेयर एसोसिएशन ने दायर की थी. इसमें कहा गया था कि वसंत विहार के बी ब्लॉक स्थित UNHCR के दफ्तर के सामने बड़ी संख्या में अफगानी नागरिक एकत्र होकर शरण की मांग कर रहे हैं.
अफगानी नागरिक वहां के सार्वजनिक पार्कों और इलाकों में जमा हैं. इतने लोगों के जमा होने से वहां के नागरिकों को कोरोना के संक्रमण का खतरा है. याचिका में मांग की गई थी कि इन अफगानी नागरिकों को हटाने का दिशानिर्देश जारी किया जाए.
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