पटना/बक्सरः केंद्र सरकार की 'अग्निपथ योजना' को लेकर बिहार में बवाल मच गया है. बक्सर में अग्निपथ के तहत 4 साल के लिए युवाओं को सेना में भर्ती करने की योजनाओं (Protest In Bihar Against Agneepath Scheme) का विरोध करते हुए युवा रेलवे ट्रैक पर उतरे गए हैं. केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अभ्यर्थियों ने कई ट्रेनों को रोक दिया. हंगामे के बीच अप एवं डाउन में कई ट्रेनें फंसी रहीं. पटना-दिल्ली रेल मार्ग को घंटों जाम रखा गया. 45 डिग्री तपती गर्मी में लोग ट्रेन में फंसे होने के कारण काफी परेशान हुए. वहीं, मौके पर मौजूद पुलिस और जीआरपी ने अभ्यर्थियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े हैं.
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बक्सर, मुजफ्फरपुर और आरा में जोरदार प्रदर्शनः वहीं, बिहार के मुजफ्फरपुर में भी इस योजना को लेकर सड़कों पर हंगामे की सूचना मिली है. कई जगहों पर चक्का जाम भी किया गया. छात्र हाथों में लाठी डंडे लेकर सड़क पर उतर आए. बिहार के आरा में भी ट्रेनों को रोका गया और उसपर पथराव किया गया है. बक्सर में सेना बहाली के नए नियम को लेकर उग्र हुए बहाली के दौड़ लगाने वाले छात्रों ने दिल्ली, कोलकाता लाइफलाइन रेलवे ट्रैक बक्सर स्टेशन के मालगोदाम को जाम कर दिया. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर रेल सुरक्षा बल, रेल थाना, नगर थाना समेत बक्सर समेत रेल प्रबन्धक पहुंचे. जहां युवाओं को समझा-बुझाकर ट्रैक पर से जाम हटा गया और परिचालन शुरू कराया गया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था भर्ती का ऐलानः बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अग्निवीरों के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा करने के अगले ही दिन यानी बुधवार को बिहार में प्रदर्शन शुरू हो गया. केंद्र सरकार ने 14 जून को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की है. जिसके तहत नौजवानों को सिर्फ 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी. सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है. इस योजना से नाराज छात्रों का कहना है कि ये योजना उनके भविष्य को बर्बाद कर देगी.
क्या है प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहनाः विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि नेता हो या विधायक सभी को 5 साल का समय मिलता है. हमारा 4 साल में क्या होगा. हमारे पास पेंशन की भी सुविधा नहीं है. 4 साल बाद हम रोड पर आ जाएंगे. चार साल पूरे होने के बाद भले ही 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती कर लिया जाए. बाकी 75% का क्या होगा. ये कहां का न्याय है. वहीं, कुछ छात्रों का कहना है कि इस योजना से छात्र परेशान हैं और हमें जॉब की गारंटी नहीं मिल रही है. उनका ये भी कहना है कि सेना बहाली में टीओटी हटाया जाए.
"4 साल के लिए आर्मी की जॉब कैसे होगी. तीन-तीन साल से तैयारी कर रहे हैं. बेरोजगार आदमी कहां जाएगा. सड़क पर नहीं जाएगा तो कहां जाएगा. कोई वैकेंसी नहीं है, चारो तरफ से सेना भर्ती में प्रतिबंध लगा हुआ है. जो लोग सेना में सेवा देना चाहता है वो क्या सिर्फ चार साल ही रहेंगे. फिर हमारे भविष्य का क्या होगा" -रंजन तिवारी, छात्र
ये है अग्निवीर बनने की योग्यता: बताया गया है कि अग्निपथ योजना के तहत, पुरुष और महिला (सेवा की जरूरत होने पर शामिल की जाएंगी) दोनों को अग्निवीर बनने का मौका दिया जाएगा. 17.5 साल से लेकर 21 साल तक के युवा इस सेवा में शामिल होने के लिए योग्य माने जाएं. वर्तमान में सेना के जो मेडिकल और फिजिकल स्टैंडर्ड हैं वही मान्य होंगे. 10वीं और 12वीं पास कर चुके युवा (सैन्य बलों की नियम और शर्तों के अनुसार) अग्निवीर बन सकते हैं. अग्निपथ योजना के तहत हर साल करीब 45 हजार युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा.
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4 साल के लिए डिफेंस में सेवाः इस योजना के तहत 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी. इस दौरान ही इन्हें 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग भी दी जाएगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया है कि अग्निपथ योजना से निकले जवानों को बहुत सारे राज्यों, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, मंत्रालयों में नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी. अग्निपथ योजना के लिए देश के ITI और अन्य शिक्षण संस्थानों से युवाओं को भर्ती किया जाएगा.
ऐसे किया जाएगा वेतन का भुगतानः भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुवात की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. लेकिन इस योजना को लेकर बिहार में चारों तरफ हंगामा बरपा है.
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