हरिद्वार: प्रसिद्ध अभिनेत्री तापसी पन्नू की हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई फिल्म हसीन दिलरूबा को लेकर धर्मनगरी हरिद्वार में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल, हरिद्वार में पिछले दिनों पर्यटकों द्वारा हुक्का और शराब पिए जाने को लेकर भारी बवाल मचा हुआ है, जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने ऑपरेशन मर्यादा (Operation Maryada) चलाया है और धार्मिक स्थलों पर ऐसे कार्य करने वालों पर एक्शन हो रहा है.
इसी बीच, तापसी पन्नू (Taapsee Pannu), विक्रांत मेस्सी (Vikrant Massey) और हर्षवर्धन राणे (Harshavardhan Rane) की फिल्म हसीन दिलरूबा में भी कुछ ऐसे ही तरह के दृश्यों को फिल्माया गया है, जिससे हरिद्वार का तीर्थ पुरोहित समाज और गंगा सभा के साथ-साथ उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद भी बेहद खफा हैं.
गंगा घाट पर शराब-सिगरेट: दरअसल, फिल्म में दिखाया गया है कि गंगा किनारे अभिनेता विक्रांत मेस्सी शराब पी रहे हैं और धूम्रपान कर रहे हैं. इतना ही नहीं, तापसी पन्नू द्वारा एक दृश्य में दिखाया गया है कि हरिद्वार के ललतारा पुल स्थित आश्रमों के बीचों-बीच कुत्तों को मांस खिलाया जा रहा है. इन सभी दृश्यों को देखकर गंगा सभा ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. गंगा सभा फिल्म प्रोड्यूसर को नोटिस भेज रही है तो वहीं, सरकार में कैबिनेट मंत्री और हरिद्वार ग्रामीण से विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने भी कह दिया है कि देवस्थान और देवी देवताओं का इस तरह का अपमान किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
हरिद्वार में शूट सीन पर हंगामा: नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हुई हसीन दिलरूबा (Haseen Dilruba) से पहले भी इस तरह की कॉन्टेंट डाले गए हैं, जो कानूनी पचड़े में बार-बार पड़ते रहे हैं, चाहे फिर वह फिल्म 'तांडव' के दृश्य हों या फिर 'अ सूटेबल बॉय' जैसी कई फिल्मों में हिंदू देवी देवताओं के मंदिरों में फिल्माए गए सीन पर हंगामा मचा है. वहीं, हाल ही में हसीन दिलरूबा फिल्म में दिखाया गया है कि एक्टर विक्रांत मेस्सी गंगा किनारे बैठकर शराब और सिगरेट का सेवन कर रहे हैं. फिल्म में डाम कोठी और बिरला घाट के बीच जो दृश्य दिखाए गए हैं, उसमें अभिनेत्री तापसी पन्नू कुत्तों को मीट खिलाती हुई भी दिखाई दे रही हैं.
इस मामले में अब कानूनी पहलू भी सामने आ गया है. गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का कहना है कि फिल्म में दिखाए गए दृश्य बेहद आपत्तिजनक हैं. हिंदू देवी देवताओं के धार्मिक स्थलों पर इस तरह के दृश्यों को फिल्माना नहीं चाहिए था और अब गंगा सभा अपने बैनर तले फिल्म से जुड़े लोगों को नोटिस भिजवा रही है और उन्हें चेतावनी दे रही है कि जल्द से जल्द फिल्म से इन दृश्यों को हटाया जाए.
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फिल्म के कंटेंट पर भड़के मंत्री यतीश्वरानंंद: उधर, सरकार में कैबिनेट मंत्री और हरिद्वार से संत समाज से आने वाले विधायक स्वामी यतीश्वरानंंद ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा है कि हिंदू देवी देवताओं के इस तरह के अपमान को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जो लोग इस तरह की फिल्में बना रहे हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आखिर बार-बार क्यों देवी देवताओं के स्थलों पर इस तरह का गलत कृत्य किया जाता है. स्वामी स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि फिल्मों को युवा भी देखते हैं, ऐसे में वो भी फिल्म से कुछ धारण करते हैं. लिहाजा, शराब पीना, मीट का सेवन जैसे दृश्यों की शूटिंग को यहां नहीं करना चाहिए और इन पर ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए कि आगे से कोई भी फिल्म निर्माता इस तरह के फिल्मांकन यहां पर न करें.
मेयर ने बताया सरकार का फेलियर: उधर, हरिद्वार मेयर अनीता शर्मा का कहना है कि हरिद्वार में इतने बड़े बजट की फिल्म शूट हो रही है और सरकार इसको परमिशन दे रही है. ऐसे दृश्यों को अगर फिल्माया जा रहा है तो यह सरकार का फेलियर है. सरकार को चाहिए कि इस तरह के प्रोडक्शन हाउस को किसी भी कीमत पर परमिशन न दी जाए. हरिद्वार हिंदुओं का पवित्र स्थान है. अगर गंगा किनारे इस तरह के दृश्य फिल्म में होंगे तो इससे हरिद्वार का अपमान होगा. ऐसे में चाहिए की तुरंत फिल्म से जुड़े लोगों को फिल्म से आपत्तिजनक दृश्य हटाने चाहिए.
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वही हरिद्वार में बींग भागीरथ (Being Bhagirath) संस्था से जुड़े लोगों ने भी इस पूरे मामले पर आपत्ति दर्ज कराई है, वह इस फिल्म और अभिनेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने जा रहे हैं.
सरकार में सूचना विभाग में तैनात फिल्म परिषद के उप निदेशक कलम सिंह चौहान का कहना है कि उनका काम फिल्म की परमिशन देना होता है. कोई भी प्रोड्यूसर, डायरेक्टर, स्क्रिप्ट दूसरे के साथ शेयर नहीं करता है. हां, इतना जरूर कहा जा सकता है कि कोई भी इस तरह के दृश्य फिल्म में न हों, जिससे उत्तराखंड की गरिमा को ठेस पहुंचे. आपको याद होगा कि केदारनाथ मूवी में भी कुछ इस तरह के दृश्यों को फिल्माया गया था, जिन्हें बाद में हटाया गया. फिल्म में क्या होगा, क्या नहीं होगा? यह तय सरकार नहीं सेंसर बोर्ड करता है.