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Property Tax in JK: एप टेक मामले पर कुछ भी कहना कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है- मनोज सिन्हा - Excise Tax in Jammu and Kashmir

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रशासन ने लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर में संपत्ति कर लागू किया है. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में जम्मू-कश्मीर में एक्साइज टैक्स बहुत कम है.

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Published : Mar 11, 2023, 8:08 PM IST

मनोज सिन्हा, उपराज्यपाल, जम्मू व कश्मीर

जम्मू व कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज जम्मू में कई परियोजनाओं के स्थल का दौरा किया और निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. उन्होंने जंबो जू, तिरुमाला तिरुपति मंदिर और तवी रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट के चल रहे निर्माण कार्य की समीक्षा की. वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव एसएच धीरज गुप्ता ने जंबो जू की प्रगति से उपराज्यपाल को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की एक उच्च स्तरीय टीम अंतिम निरीक्षण के लिए इस महीने का दौरा करेगी और सभी प्रक्रियाओं को समय के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. मीडिया से बात करते हुए एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि जिन निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया है, वे सही तरीके से चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू में इस निर्माण कार्य से पर्यटन उद्योग का विकास होगा. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से बाहरी लोग यहां आएंगे.

जम्मू-कश्मीर में संपत्ति कर लागू करने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में संपत्ति कर का क्रियान्वयन शहरी इलाकों में होता है न कि ग्रामीण इलाकों में. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की तुलना में यहां संपत्ति कर बहुत कम है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कुल 100,000 व्यावसायिक संपत्तियां हैं, जिनमें से 42,000 संपत्तियों पर प्रति वर्ष 700 रुपये का कर देना होता है. उन्होंने कहा कि 36 हजार व्यावसायिक संपत्तियां होंगी, जिन पर एक साल में 2 हजार टैक्स देना होगा. उन्होंने कहा कि प्रशासन जम्मू-कश्मीर के लोगों की परवाह करता है और इसके लिए प्रशासन ने एक टॉल-फ्री नंबर स्थापित किया है, जहां लोग कॉल कर सकते हैं. मनोज सिन्हा ने एप टेक मामले पर कहा कि जिस मामले में कोर्ट में सुनवाई होगी, उस पर टिप्पणी करना कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान इसकी इजाजत नहीं देता.

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने एकल पीठ से मुंबई स्थित कंपनी ऐपटेक के माध्यम से नौकरी की परीक्षा आयोजित करने के जम्मू-कश्मीर प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली एक नई याचिका पर सुनवाई करने को कहा है. एकल पीठ ने पहले समझौते को रद्द कर दिया था लेकिन खंडपीठ ने फैसले को रद्द करते हुए अंतरिम निर्देशों को बरकरार रखा.

यह भी पढ़ें: Heroin sent by drone: BSF ने अमृतसर बॉर्डर से 3 किलो हेरोइन बरामद की

मनोज सिन्हा, उपराज्यपाल, जम्मू व कश्मीर

जम्मू व कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज जम्मू में कई परियोजनाओं के स्थल का दौरा किया और निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. उन्होंने जंबो जू, तिरुमाला तिरुपति मंदिर और तवी रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट के चल रहे निर्माण कार्य की समीक्षा की. वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव एसएच धीरज गुप्ता ने जंबो जू की प्रगति से उपराज्यपाल को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की एक उच्च स्तरीय टीम अंतिम निरीक्षण के लिए इस महीने का दौरा करेगी और सभी प्रक्रियाओं को समय के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. मीडिया से बात करते हुए एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि जिन निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया है, वे सही तरीके से चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू में इस निर्माण कार्य से पर्यटन उद्योग का विकास होगा. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से बाहरी लोग यहां आएंगे.

जम्मू-कश्मीर में संपत्ति कर लागू करने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में संपत्ति कर का क्रियान्वयन शहरी इलाकों में होता है न कि ग्रामीण इलाकों में. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की तुलना में यहां संपत्ति कर बहुत कम है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कुल 100,000 व्यावसायिक संपत्तियां हैं, जिनमें से 42,000 संपत्तियों पर प्रति वर्ष 700 रुपये का कर देना होता है. उन्होंने कहा कि 36 हजार व्यावसायिक संपत्तियां होंगी, जिन पर एक साल में 2 हजार टैक्स देना होगा. उन्होंने कहा कि प्रशासन जम्मू-कश्मीर के लोगों की परवाह करता है और इसके लिए प्रशासन ने एक टॉल-फ्री नंबर स्थापित किया है, जहां लोग कॉल कर सकते हैं. मनोज सिन्हा ने एप टेक मामले पर कहा कि जिस मामले में कोर्ट में सुनवाई होगी, उस पर टिप्पणी करना कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान इसकी इजाजत नहीं देता.

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने एकल पीठ से मुंबई स्थित कंपनी ऐपटेक के माध्यम से नौकरी की परीक्षा आयोजित करने के जम्मू-कश्मीर प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली एक नई याचिका पर सुनवाई करने को कहा है. एकल पीठ ने पहले समझौते को रद्द कर दिया था लेकिन खंडपीठ ने फैसले को रद्द करते हुए अंतरिम निर्देशों को बरकरार रखा.

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