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West Bengal Cartoon Gate Controversy: ममता बनर्जी का कार्टून साझा करने वाले प्रोफेसर 11 साल बाद मामले में आरोपमुक्त

पश्चिम बंगाल की जादवपुर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा को सीएम ममता बनर्जी और मुकुल रॉय के बारे में कथित रूप से मानहानिकारक कार्टून फॉरवर्ड करने के आरोप में बाइज्जत बरी किया गया है. दरअसल, गिरफ्तार हुए प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा को 11 साल की कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद इस मामले में बरी किया गया है. वहीं, शुक्रवार को आए अलीपुर कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए अंबिकेश ने इसे लोकतंत्र की जीत करार दिया.

West Bengal Cartoon Gate Controversy
प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा की फाइल फोटो.
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Published : Jan 21, 2023, 7:06 AM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कथित तौर पर निशाना बनाकर बनाए गए एक कार्टून को साझा करने के मामले में आरोपी एक प्रोफेसर को 11 साल बाद अलीपुर की एक अदालत ने शुक्रवार को आरोपमुक्त कर दिया. कार्टून को ईमेल के माध्यम से कुछ लोगों को भेजने पर प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा के खिलाफ अप्रैल 2012 में कोलकाता के पूर्वी यादवपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और बाद में उन्हें एक अदालत ने जमानत दे दी थी.

पढ़ें: Joint Forces Destroy 80k Opium In Manipur : संयुक्त बलों ने मणिपुर में 1.25 एकड़ भूमि में लगाए गए अफीम पोस्त के 80 हजार पौधों को नष्ट कर दिया

प्रोफेसर महापात्रा ने शुक्रवार को ईटीवी भारत को बताया कि राज्य में सत्ताधारी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और पार्टी की नेता ममता बनर्जी ने 2011 में सत्ता में आने के बाद ही अलोकतांत्रिक कार्य शुरू कर दिए. वास्तव में, ममता बनर्जी सरकार आलोचना नहीं सुनना चाहती. अगर कोई उनकी पार्टी और सरकार की आलोचना करता है, तो वे उस व्यक्ति की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को छीनने के लिए पुलिस प्रशासन का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में सच्चाई की जीत हुई है. यह मामला भविष्य में एक उदाहरण साबित होगा.

पढ़ें: DGPs IGPs Conference: नेपाल-म्यांमार और भूमि सीमाओं पर सुरक्षा चुनौती - अमित शाह

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने महापात्रा को उन पर लगे आरोपों से मुक्त कर दिया. न्यायाधीश ने 14 सितंबर, 2021 के अलीपुर अदालत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें मामले में आरोप मुक्त करने के महापात्रा के निवेदन को खारिज कर दिया गया था. यादवपुर विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र के प्रोफेसर महापात्रा को 14 अप्रैल 2012 को गिरफ्तार किया गया था.

पढ़ें: Bikaner Tripple murder case: तिहरे हत्याकांड में 19 आरोपियों को आजीवन कारावास, 14 साल बाद कोर्ट ने सुनाई सजा

10वीं अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने दोपहर को महापात्रा को उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया. न्यायाधीश ने अलीपुर अदालत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के 14 सितंबर, 2021 के आदेश को रद्द किया, जिसने मामले से आरोपमुक्त करने के महापात्रा के अनुरोध को खारिज कर दिया था.

पढ़ें: Fuel ran out in mid-air : हवा में ईंधन कम होने पर एअर इंडिया के विमान की चेन्नई में इमरजेंसी लैंडिंग

14 अप्रैल 2012 को गिरफ्तार हुए थे प्रोफेसर महापात्रा : दिनेश त्रिवेदी की जगह ममता बनर्जी के रेल मंत्री बनने के बाद महापात्रा ने उनका एक कार्टून फॉरवर्ड किया था. यह कार्टून सत्यजीत रे की 1974 की जासूसी फिल्म सोनार केल्ला पर आधारित था, जिसमें मुकुल नाम का किरदार था. जादवपुर यूनिवर्सिटी में केमिस्ट्री के प्रोफेसर महापात्रा को 14 अप्रैल 2012 को गिरफ्तार किया गया था.

पढ़ें: Maliwal Dragged Case: BJP नेता मनोज तिवारी ने बताया फर्जी स्टिंग, दावा- आरोपी AAP का कार्यकर्ता

(एक्सट्रा इनपुट : पीटीआई-भाषा)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कथित तौर पर निशाना बनाकर बनाए गए एक कार्टून को साझा करने के मामले में आरोपी एक प्रोफेसर को 11 साल बाद अलीपुर की एक अदालत ने शुक्रवार को आरोपमुक्त कर दिया. कार्टून को ईमेल के माध्यम से कुछ लोगों को भेजने पर प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा के खिलाफ अप्रैल 2012 में कोलकाता के पूर्वी यादवपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और बाद में उन्हें एक अदालत ने जमानत दे दी थी.

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प्रोफेसर महापात्रा ने शुक्रवार को ईटीवी भारत को बताया कि राज्य में सत्ताधारी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और पार्टी की नेता ममता बनर्जी ने 2011 में सत्ता में आने के बाद ही अलोकतांत्रिक कार्य शुरू कर दिए. वास्तव में, ममता बनर्जी सरकार आलोचना नहीं सुनना चाहती. अगर कोई उनकी पार्टी और सरकार की आलोचना करता है, तो वे उस व्यक्ति की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को छीनने के लिए पुलिस प्रशासन का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में सच्चाई की जीत हुई है. यह मामला भविष्य में एक उदाहरण साबित होगा.

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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने महापात्रा को उन पर लगे आरोपों से मुक्त कर दिया. न्यायाधीश ने 14 सितंबर, 2021 के अलीपुर अदालत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें मामले में आरोप मुक्त करने के महापात्रा के निवेदन को खारिज कर दिया गया था. यादवपुर विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र के प्रोफेसर महापात्रा को 14 अप्रैल 2012 को गिरफ्तार किया गया था.

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10वीं अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने दोपहर को महापात्रा को उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया. न्यायाधीश ने अलीपुर अदालत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के 14 सितंबर, 2021 के आदेश को रद्द किया, जिसने मामले से आरोपमुक्त करने के महापात्रा के अनुरोध को खारिज कर दिया था.

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14 अप्रैल 2012 को गिरफ्तार हुए थे प्रोफेसर महापात्रा : दिनेश त्रिवेदी की जगह ममता बनर्जी के रेल मंत्री बनने के बाद महापात्रा ने उनका एक कार्टून फॉरवर्ड किया था. यह कार्टून सत्यजीत रे की 1974 की जासूसी फिल्म सोनार केल्ला पर आधारित था, जिसमें मुकुल नाम का किरदार था. जादवपुर यूनिवर्सिटी में केमिस्ट्री के प्रोफेसर महापात्रा को 14 अप्रैल 2012 को गिरफ्तार किया गया था.

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(एक्सट्रा इनपुट : पीटीआई-भाषा)

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