मुंबई : दादर नागर हवेली के एक स्वतंत्र सांसद मोहन डेलकर द्वारा मुंबई के ग्रीन होटल में आत्महत्या करने के मामले में राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मीडिया को बताया कि इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है.
पुलिस ने उनके कमरे से गुजराती भाषा में लिखा 15 पन्नों का एक सुसाइड नोट जब्त किया है. नोट के आधार पर मामले की जांच की जा रही है और डेलकर आत्महत्या के संबंध में मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई है.प्राथमिकी में दादर नगर हवेली के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल सहित नौ आरोपियों के नाम शामिल हैं.
वरिष्ठ वकील अटल बिहारी दुबे के अनुसार, अपराध सीआरपीसी अधिनियम की धारा 306, 506, 389 और 120 के तहत दर्ज किया गया है और इसलिए जांच के लिए कोई अनुमति आवश्यक नहीं है.
उन्होंने कहा कि दादरा नगर हवेली केंद्र शासित प्रदेश है और इसलिए सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या एसआईटी को जांच के लिए विशेष अनुमति लेनी होगी. हालांकि जांच के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है.
दुबे ने कहा कि राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया है और सीआरपीसी अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है, यह किसी भी अधिकारी या प्रशासक की जांच करने के लिए काफी है, लेकिन जब सरकार आरोपी के खिलाफ अदालत में मुकदमा करेगी, तो संबंधित विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य होगी.
अभिजीत डेलकर के बेटे मोहन अभिजीत डेलकर ने इस मामले में गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि मेरे पिता पिछले साल से काफी तनाव में थे. दादर नागर हवेली प्रशासन उन्हें बार-बार परेशान कर रहा था और उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा था.यह सब मेरे पिता से संबंधित कॉलेज पर कब्जा करने और अगले चुनाव लड़ने से रोकने के लिए किया जा रहा था.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह सब उत्पीड़न जानबूझकर प्रफुल्ल खोड़ा पटेल के निर्देश पर किया जा रहा था. उन्होंने परेशान करने के लिए एक साजिश रची गई थी. उन अधिकारियों के नाम एफआईआर में दर्ज हैं.
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एफआईआर में जिन आरोपियों के नाम दर्ज हैं उनमें दादरा नागरवेली के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल, जिला कलेक्टर संदीप सिंह, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक शरद दराडे, डिप्टी कलेक्टर अपूर्व शर्मा, उप-मंडल अधिकारी मंदिरी जैन, पुलिस निरीक्षक मनोज पटेल, रोहित यादव, फतेसिंह चौहान और दिलीप पटेल के नाम शामिल हैं.
अभिजीत ने कहा है कि इन सभी अधिकारियों ने मेरे पिता के खिलाफ साजिश रची. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनसे 22 करोड़ की फिरौती मांगी गई और झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी गई.