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हिमाचल में प्रियंका गांधी वाड्रा की रैलियों का बड़ा असर, 5 जिलों की 23 सीटों पर दिलाई जीत

हिमाचल प्रदेश में प्रियंका गांधी का जादू चल गया है. कांग्रेस ने प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बना ली है. चुनाव के दौरान हिमाचल कांग्रेस को स्टार प्रचारकों की कमी खल रही थी लेकिन प्रियंका गांधी ने पूरी जिम्मेदारी बखूबी निभाई. प्रियंका ने जहां जहां भी रैली की वहां वहां कांग्रेस का परफॉर्मेंस शानदार देखने को मिला. (Himachal assembly election result 2022 ) (Priyanka Gandhi strategy successful in himachal )

Priyanka Gandhi strategy successful in himachal
हिमाचल में प्रियंका गांधी वाड्रा की रैलियों का बड़ा असर
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Published : Dec 9, 2022, 5:30 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों में से 40 सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई है. सबसे बड़ी बात ये कि कांग्रेस के स्टार प्रचारक हिमाचल में कम सक्रिय दिखे. चुनाव प्रचार की बागडोर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने संभाली. उनके अलावा बड़े चेहरों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी के युवा नेता सचिन पायलट और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने चुनाव प्रचार में अहम भूमिका निभाई. इस प्रचारकों का कितना जादू चला जानें.. (election result 2022 ) ( Congress star campaigners in himachal assembly election)

कांग्रेस ने करीब 70 रैलियां की : कांग्रेस सिर्फ प्रियंका वाड्रा व सचिन पायलट के सहारे रही. अलबत्ता नव नियुक्त पार्टी मुखिया मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी दो रैलियां कीं. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत सहित पार्टी प्रवक्ताओं व पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ला ने कई कार्यक्रम किए. (Himachal Pradesh Election news)

प्रियंका गांधी वाड्रा ने की 4 रैली: पीएम मोदी और प्रियंका वाड्रा ने हिमाचल में चार-चार रैलियां ही कीं. वहीं प्रियंका को शिमला में रोड शो भी करना था, लेकिन वो ऐन समय पर रद्द हो गया. वहीं, चुनाव से पूर्व प्रियंका वाड्रा ने सोलन में परिवर्तन संकल्प रैली की थी. 4 नवंबर को कांगड़ा जिले के नगरोटा में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने एक के बाद एक रैलियां की. इस दौरान उनके साथ भूपेश बघेल भी मौजूद थे. कांग्रेस प्रत्याशी आरएस बाली के पक्ष पर वोट की अपील की. 7 नवंबर को प्रियंका गांधी ने ऊना जिले के हरोली के कांगड़ मैदान में कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश अग्निहोत्री के पक्ष में रैली को संबोधित किया. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन 10 नवंबर को प्रियंका गांधी ने सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में कांग्रेस प्रत्याशी किरनेश जंग के पक्ष में चुनावी रैली को संबोधित किया था.

प्रियंका की रैलियों का दमदार असर: भले ही प्रियंका गांधी ने हिमाचल में कम रैलियां की लेकिन उनका व्यापक असर परिणामों में देखने को मिला. सोलन में प्रियंका की परिवर्तन रैली रंग लाई. सोलन की पांच सीटों में से चार सीटों अर्की, दून, कसौली और सोलन पर कांग्रेस ने कब्जा किया है. जबकि नालागढ़ सीट से निर्दलीय प्रत्याशी किशन लाल ठाकुर ने जीत हासिल की. नगरोटा में भी प्रियंका की रैली हुई थी. प्रियंका की रैली का इतना असर हुआ कि नगरोटा ही नहीं बल्कि कांगड़ा जिले की 15 सीटों में 10 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया. नगरोटा से कांग्रेस प्रत्याशी आरएस बाली की जीत हुई. ऊना के हरोली में भी प्रियंका गांधी ने मुकेश अग्निहोत्री के लिए प्रचार किया था. हरोली से मुकेश अग्निहोत्री की जीत हुई.

वहीं, ऊना जिले की पांच सीटों की बात करें तो 4 पर कांग्रेस ने फतह हासिल की. हालांकि सिरमौर के पांवटा साहिब में रैली का असर नहीं दिखा. कांग्रेस प्रत्याशी किरनेश जंग की हार हुई है. वहीं सिरमौर जिले की बात करें तो पांच सीटों में से 3 पर कांग्रेस का कब्जा हुआ. वहीं शिमला शहरी और ग्रामीण सीट पर भी प्रियंका का असर दिखा. दोनों ही सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई. शिमला जिले की 8 सीटों में से 7 पर कांग्रेस का कब्जा हुआ. कुल मिलाकर प्रियंका ने पांच जिलों में चुनाव प्रचार किया और 23 सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई. (Congress government in Himachal)

हिमाचल सीएम तय करेंगी प्रियंका गांधी वाड्रा!: हिमाचल में चुनाव प्रचार के दौरान ना तो राहुल गांधी नजर आए और ना ही सोनिया गांधी. स्टार प्रचारकों के नाम पर कांग्रेस के लिए प्रियंका गांधी ने अकेले मोर्चा संभाले रखा. इस बार हिमाचल में प्रचार के दौरान प्रियंका गांधी ने हिमाचल की जनता और यहां के राजनीतिक माहौल को नजदीक से परखा है. साथ ही राज्य के कांग्रेस नेताओं की कमिटमेंट और सिंसियरिटी को भी तौला है. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस को मिले समर्थन के बाद प्रियंका वाड्रा को भी आस बंधी है कि पार्टी हिमाचल में सत्ता में वापिसी करेगी. इसलिये प्रियंका गांधी की सक्रियता के कारण ये तय है कि अगले मुख्यमंत्री की फाइल पर प्रियंका गांधी के ही दस्तखत होंगे. मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए प्रियंका गांधी का एक फॉर्मूला भी है जिसमें फिट होने वाला ही सीएम की कुर्सी पर बैठेगा. फिलहाल सीएम के रेस में कई नाम आगे चल रहे हैं.

पायलट की 16 रैली : सचिन पायलट ने छोटी-बड़ी 16 रैलियां की. सचिन पायलट ने शाहपुर के रैत में उपस्थित जनसभा को संबोधित किया. 1 नवंबर को ऊना जिले के कुटलेहड़ में जनसभा को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने कांग्रेस उम्मीदवार देवेंद्र भुट्टो के लिए वोट मांगा. 6 नवंबर को राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने पालमपुर और सुलह विधानसभा में जनसभाओं को संबोधित किया. सचिन पायलट ने लोगों से पालमपुर से आशीष बुटेल और सुलह विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश सिपहिया के पक्ष में मतदान करने की अपील की. 10 नवंबर को कांग्रेस पार्टी के युवा नेता सचिन पायलट ने कांग्रेस प्रत्याशी केवल सिंह पठानिया के पक्ष में मतदान करने की अपील की.

सचिन पायलट ने हिमाचल में निभायी अहम जिम्मेदारी: प्रियंका गांधी के बाद हिमाचल प्रदेश में चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा सक्रिय राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और स्टार प्रचारक सचिन पायलट रहे. सचिन ने जहां जहां भी रैली की वहां की सीट और जिले में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा. कांगड़ा जिले की शाहपुर में रैली का असर हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी केवल सिंह पठानिया ने जीत दर्ज की. वहीं कांगड़ा जिले की बात करें तो कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने 15 सीटों को साधने की पूरी कोशिश की. यही कारण है कि कांगड़ा की 10 सीटें जीतकर कांग्रेस ने हिमाचल में अपनी सरकार बना ली है. ऊना की कुटलैहड़ से कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंदर कुमार ने जीत हासिल की है. वहीं ऊना जिले में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया. 5 सीटों में से 4 पर जीत मिली. कांगड़ा के पालमपुर से कांग्रेस के आशीष बुटेल ने जीत दर्ज की. सुलह सीट पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन कांगड़ा जिले में कांग्रेस का प्रदर्शन उम्दा रहा.

भूपेश बघेल ने ताबड़तोड़ की रैलियां: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार किए और प्रियंका गांधी के साथ ही मल्लिलार्जुन खड़गे की रैली में भी मंच साझा किया.

मल्लिकाजुर्न खड़गे ने की सिर्फ एक रैली: चुनाव प्रचार के आखिरी दिन से ठीक एक दिन पहले यानी कि 9 नवंबर को कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के बनूटी में चुनावी रैली की. कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह के लिए वोट मांगा साथ ही उन्होंने जनता से सरकार बनने पर ओल्ड पेंशन बहाल करने के साथ ही कई और वादे किए. अब उसका असर कितना हुआ है इसकी तस्वीर भी बहुत जल्द साफ हो जाएगी.

एक रैली का बड़ा असर: कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की एक रैली का भी बड़ा असर हुआ. शिमला ग्रामीण से उन्होंने प्रचार किया था. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह की जीत हुई.

पढ़ें- Result 2022 Live: जिन सीटों पर हुई मोदी और योगी की रैली... वहां रुझानों में पिछड़ रही बीजेपी

शिमला: हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों में से 40 सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई है. सबसे बड़ी बात ये कि कांग्रेस के स्टार प्रचारक हिमाचल में कम सक्रिय दिखे. चुनाव प्रचार की बागडोर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने संभाली. उनके अलावा बड़े चेहरों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी के युवा नेता सचिन पायलट और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने चुनाव प्रचार में अहम भूमिका निभाई. इस प्रचारकों का कितना जादू चला जानें.. (election result 2022 ) ( Congress star campaigners in himachal assembly election)

कांग्रेस ने करीब 70 रैलियां की : कांग्रेस सिर्फ प्रियंका वाड्रा व सचिन पायलट के सहारे रही. अलबत्ता नव नियुक्त पार्टी मुखिया मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी दो रैलियां कीं. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत सहित पार्टी प्रवक्ताओं व पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ला ने कई कार्यक्रम किए. (Himachal Pradesh Election news)

प्रियंका गांधी वाड्रा ने की 4 रैली: पीएम मोदी और प्रियंका वाड्रा ने हिमाचल में चार-चार रैलियां ही कीं. वहीं प्रियंका को शिमला में रोड शो भी करना था, लेकिन वो ऐन समय पर रद्द हो गया. वहीं, चुनाव से पूर्व प्रियंका वाड्रा ने सोलन में परिवर्तन संकल्प रैली की थी. 4 नवंबर को कांगड़ा जिले के नगरोटा में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने एक के बाद एक रैलियां की. इस दौरान उनके साथ भूपेश बघेल भी मौजूद थे. कांग्रेस प्रत्याशी आरएस बाली के पक्ष पर वोट की अपील की. 7 नवंबर को प्रियंका गांधी ने ऊना जिले के हरोली के कांगड़ मैदान में कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश अग्निहोत्री के पक्ष में रैली को संबोधित किया. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन 10 नवंबर को प्रियंका गांधी ने सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में कांग्रेस प्रत्याशी किरनेश जंग के पक्ष में चुनावी रैली को संबोधित किया था.

प्रियंका की रैलियों का दमदार असर: भले ही प्रियंका गांधी ने हिमाचल में कम रैलियां की लेकिन उनका व्यापक असर परिणामों में देखने को मिला. सोलन में प्रियंका की परिवर्तन रैली रंग लाई. सोलन की पांच सीटों में से चार सीटों अर्की, दून, कसौली और सोलन पर कांग्रेस ने कब्जा किया है. जबकि नालागढ़ सीट से निर्दलीय प्रत्याशी किशन लाल ठाकुर ने जीत हासिल की. नगरोटा में भी प्रियंका की रैली हुई थी. प्रियंका की रैली का इतना असर हुआ कि नगरोटा ही नहीं बल्कि कांगड़ा जिले की 15 सीटों में 10 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया. नगरोटा से कांग्रेस प्रत्याशी आरएस बाली की जीत हुई. ऊना के हरोली में भी प्रियंका गांधी ने मुकेश अग्निहोत्री के लिए प्रचार किया था. हरोली से मुकेश अग्निहोत्री की जीत हुई.

वहीं, ऊना जिले की पांच सीटों की बात करें तो 4 पर कांग्रेस ने फतह हासिल की. हालांकि सिरमौर के पांवटा साहिब में रैली का असर नहीं दिखा. कांग्रेस प्रत्याशी किरनेश जंग की हार हुई है. वहीं सिरमौर जिले की बात करें तो पांच सीटों में से 3 पर कांग्रेस का कब्जा हुआ. वहीं शिमला शहरी और ग्रामीण सीट पर भी प्रियंका का असर दिखा. दोनों ही सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई. शिमला जिले की 8 सीटों में से 7 पर कांग्रेस का कब्जा हुआ. कुल मिलाकर प्रियंका ने पांच जिलों में चुनाव प्रचार किया और 23 सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई. (Congress government in Himachal)

हिमाचल सीएम तय करेंगी प्रियंका गांधी वाड्रा!: हिमाचल में चुनाव प्रचार के दौरान ना तो राहुल गांधी नजर आए और ना ही सोनिया गांधी. स्टार प्रचारकों के नाम पर कांग्रेस के लिए प्रियंका गांधी ने अकेले मोर्चा संभाले रखा. इस बार हिमाचल में प्रचार के दौरान प्रियंका गांधी ने हिमाचल की जनता और यहां के राजनीतिक माहौल को नजदीक से परखा है. साथ ही राज्य के कांग्रेस नेताओं की कमिटमेंट और सिंसियरिटी को भी तौला है. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस को मिले समर्थन के बाद प्रियंका वाड्रा को भी आस बंधी है कि पार्टी हिमाचल में सत्ता में वापिसी करेगी. इसलिये प्रियंका गांधी की सक्रियता के कारण ये तय है कि अगले मुख्यमंत्री की फाइल पर प्रियंका गांधी के ही दस्तखत होंगे. मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए प्रियंका गांधी का एक फॉर्मूला भी है जिसमें फिट होने वाला ही सीएम की कुर्सी पर बैठेगा. फिलहाल सीएम के रेस में कई नाम आगे चल रहे हैं.

पायलट की 16 रैली : सचिन पायलट ने छोटी-बड़ी 16 रैलियां की. सचिन पायलट ने शाहपुर के रैत में उपस्थित जनसभा को संबोधित किया. 1 नवंबर को ऊना जिले के कुटलेहड़ में जनसभा को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने कांग्रेस उम्मीदवार देवेंद्र भुट्टो के लिए वोट मांगा. 6 नवंबर को राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने पालमपुर और सुलह विधानसभा में जनसभाओं को संबोधित किया. सचिन पायलट ने लोगों से पालमपुर से आशीष बुटेल और सुलह विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश सिपहिया के पक्ष में मतदान करने की अपील की. 10 नवंबर को कांग्रेस पार्टी के युवा नेता सचिन पायलट ने कांग्रेस प्रत्याशी केवल सिंह पठानिया के पक्ष में मतदान करने की अपील की.

सचिन पायलट ने हिमाचल में निभायी अहम जिम्मेदारी: प्रियंका गांधी के बाद हिमाचल प्रदेश में चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा सक्रिय राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और स्टार प्रचारक सचिन पायलट रहे. सचिन ने जहां जहां भी रैली की वहां की सीट और जिले में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा. कांगड़ा जिले की शाहपुर में रैली का असर हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी केवल सिंह पठानिया ने जीत दर्ज की. वहीं कांगड़ा जिले की बात करें तो कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने 15 सीटों को साधने की पूरी कोशिश की. यही कारण है कि कांगड़ा की 10 सीटें जीतकर कांग्रेस ने हिमाचल में अपनी सरकार बना ली है. ऊना की कुटलैहड़ से कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंदर कुमार ने जीत हासिल की है. वहीं ऊना जिले में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया. 5 सीटों में से 4 पर जीत मिली. कांगड़ा के पालमपुर से कांग्रेस के आशीष बुटेल ने जीत दर्ज की. सुलह सीट पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन कांगड़ा जिले में कांग्रेस का प्रदर्शन उम्दा रहा.

भूपेश बघेल ने ताबड़तोड़ की रैलियां: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार किए और प्रियंका गांधी के साथ ही मल्लिलार्जुन खड़गे की रैली में भी मंच साझा किया.

मल्लिकाजुर्न खड़गे ने की सिर्फ एक रैली: चुनाव प्रचार के आखिरी दिन से ठीक एक दिन पहले यानी कि 9 नवंबर को कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के बनूटी में चुनावी रैली की. कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह के लिए वोट मांगा साथ ही उन्होंने जनता से सरकार बनने पर ओल्ड पेंशन बहाल करने के साथ ही कई और वादे किए. अब उसका असर कितना हुआ है इसकी तस्वीर भी बहुत जल्द साफ हो जाएगी.

एक रैली का बड़ा असर: कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की एक रैली का भी बड़ा असर हुआ. शिमला ग्रामीण से उन्होंने प्रचार किया था. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह की जीत हुई.

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