हैदराबाद : संसद के मॉनसून सत्र में केंद्र सरकार के नये स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के उस बयान पर विपक्षी पार्टियां हमलावर हैं जिनमें उन्होंने कहा था कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और ट्विट किया कि सरकार के पास भले ही कोई रिकॉर्ड नहीं है लेकिन अपनों को खोने वालों के आंसुओं में सब रिकॉर्ड दर्ज है.
वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार के संवदेनहीन बयान पर तंज कसते हुए ट्विट किया कि केंद्र सरकार के हिसाब से मौतें इसलिए हुईं क्योंकि महामारी वाले साल में सरकार ने ऑक्सीजन निर्यात 700% तक बढ़ा दिया. मौतें इसलिए हुईं क्योंकि सरकार ने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने वाले टैंकरों की व्यवस्था नहीं की.
एंपावर्ड ग्रुप और संसदीय समिति की सलाह को नजरंदाज कर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम नहीं किया गया. अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में कोई सक्रियता नहीं दिखाई.
वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि मैं अवाक हूं. ऑक्सीजन की कमी से अपनों को खोने वाले इस बयान को सुनकर उनके परिवारों का क्या होगा? सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए. वे झूठ बोल रहे हैं.
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राजनीतिक दलों के नेता ही नहीं बल्कि आम लोग भी सरकार के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि जैसे वे कह रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई, कुछ दिन बाद कह सकते हैं कि भारत में कोरोना आया ही नहीं, कोरोना से कोई मौत ही नहीं हुई.