ETV Bharat / bharat

Priyank Kharge Statement: दक्षिण भारत vs उत्तर भारत...अब कहां जाएगी ये लड़ाई, क्या MP- राजस्थान के चुनाव में होगा असर - बीजेपी का प्रियंक खड़गे पर निशाना

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे व कर्नाटक के सूचना प्रोद्योगिक मंत्री प्रियंक खड़गे के सवाल ने बवाल मचा दिया है. प्रियंक खड़गे द्वारा यह बयान हिंदी भाषी राज्यों को लेकर दिया गया है. जिस पर बीजेपी ने निशाना साधते हुए कहा एमपी-राजस्थान से वोट लेकर दिखाएं.

Priyank Kharge Statement
प्रियंक खड़गे
author img

By

Published : Aug 4, 2023, 7:56 PM IST

भोपाल। एमपी में नौजवानों की बड़ी तादात है, जो लग्जरी लाइफ के साथ मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी की चाह में बैंगलोर हैदराबाद का रुख करते हैं. लेकिन दक्षिण भारत के नौजवानों की आजीविका का सवाल क्या एमपी-यूपी के राज्यों में हल हो पाता है. कर्नाटक के सूचना प्रोद्योगिक एवं जैव प्रोद्योगिक मंत्री प्रियंक खड़गे के इस सवाल ने विधानसभा चुनाव के ऐन पहले एमपी की राजनीति में भूचाल ला दिया है. बीजेपी इसे उत्तर दक्षिण के बीच की लकीर की तरह बता रही है. लेकिन कर्नाटक से उछाले गए इस सवाल ने एमपी में उन सरकारों पर भी सवालिया निशान लगा दिया है, जो ये दावा करती है कि एमपी में नौजवानों के लिए नौकरी की गारंटी के साथ रोजगार का माहौल है.

खड़गे के बयान पर बवाल: बीजेपी प्रियंक खड़गे का सवाल है कि जिस तरह से हिंदी हार्टलैंड के लोग दक्षिण भारत आकर आजीविका चला लेते हैं. दक्षिण भारत का कोई व्यक्ति वहां के सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से सोच भी नहीं सकता कि वो हिंदी हार्टलैंड में जाकर नौकरी पा सके. उन्होंने सवाल किया है कि आपने कभी सुना है कि किसी कन्नड़ ने कहा हो कि मैं यूपी जा रहा हूं नौकरी के लिए. मैं आपको बताऊंगा कि यूपी और एमपी से आए कितने लोग कर्नाटक में हैं. यहां के इकोसिस्टम की वजह से. बीजेपी ने तो इसे मौके की तरह लिया है और अब इसे एमपी-यूपी और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भुनाने की तैयारी में है. बीजेपी एससी मोर्चे ने ट्वीट कर बताया है कि अब यूपी-एमपी राजस्थआन में कांग्रेस और उसके सहयोगी दल वोट लेकर दिखाएं.

एमपी से बैंगलोर हैदराबाद नौजवानों की दौड़ कब खत्म होगी: प्रियंक खड़गे ने जो बयान दिया है, उसके विस्तार में जाइए तो एमपी में लंबे समय से रही शिवराज सरकार के कार्यकाल में बड़ी कंपनियों को एमपी बुलाने 6 इन्वेस्टर्स समिट हुए. जिसमें 17 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आने बताए गए. हालांकि जमीन पर केवल डेढ़ लाख करोड़ के प्रोजेक्ट ही उतर पाए. सरकार ये दावा जरुर करती है कि इस निवेश से दो लाख 37 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि "आंकड़े फर्जी हैं." जाहिर है कि ऐसे में दौड़ बैंगलोर और हैदराबाद की तरफ लगती है. तो सवाल ये कि जब एमपी में नौकरियों के अवसर नहीं है तो ऐसे में दक्षिण भारत से आने वाले नौजवानों के लिए माहौल कहां बन पाएगा. सरकारी नौकरी में एमपी के लोगों की प्राथमिकता है, लेकिन शिक्षक भर्ती में 2018 की भर्तियां अब तक नहीं हो पाई.

यहां पढ़ें...

Priyank Kharge Statement
प्रियंक खड़गे का बयान

प्रियंक खड़गे ने कहा क्या है: प्रियंक खड़गे ने अपने बयान में कहा है "कि जिस तरह से हिंदी हार्टलैंड के लोग दक्षिण भारत आकर आजीविका चला लेते हैं. दक्षिण भारत का कोई व्यक्ति वहां के सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से सोच भी नहीं सकता कि वो एमपी-यूपी जैसे राज्यों में जाकर नौकरी पा सके. उन्होंने सवाल किया है कि आपने कभी सुना है कि किसी कन्नड़ ने कहा हो कि मैं यूपी जा रहा हूं नौकरी के लिए. मैं आपको बताऊंगा कि यूपी और एमपी से आए कितने लोग कर्नाटक में हैं. यहां के इकोसिस्टम की वजह से."

Priyank Kharge Statement
बीजेपी ने साधा निशाना

खड़गे के बयान पर बीजेपी का पारा क्यों चढ़ा: बीजेपी इस बयान को हिंदी बेल्ट और दक्षिण भारत के बीच लकीर खींचने की तरह बता रही है. बीजेपी एससी मोर्चा ने तो ट्वीट कर इसे तीन राज्यों में चुनावी मुद्दे की तरह उछाल दिया है. बीजेपी ने कहा है कि "कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे और गांधी परिवार के करीबी प्रियंक खड़गे ने हिंदी भाषियों को अपमानित किया है. अब यूपी-एमपी और राजसथान में कांग्रेस वोट लेकर दिखाए." बाकी बीजेपी प्रवक्ताओं ने भी इसे हाथों हाथ लपका और कहा कि ये मध्यप्रदेश का अपमान है. हमारे यहां हर जाति धर्म के लोग बिना भेदभाव के रहते हैं."

भोपाल। एमपी में नौजवानों की बड़ी तादात है, जो लग्जरी लाइफ के साथ मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी की चाह में बैंगलोर हैदराबाद का रुख करते हैं. लेकिन दक्षिण भारत के नौजवानों की आजीविका का सवाल क्या एमपी-यूपी के राज्यों में हल हो पाता है. कर्नाटक के सूचना प्रोद्योगिक एवं जैव प्रोद्योगिक मंत्री प्रियंक खड़गे के इस सवाल ने विधानसभा चुनाव के ऐन पहले एमपी की राजनीति में भूचाल ला दिया है. बीजेपी इसे उत्तर दक्षिण के बीच की लकीर की तरह बता रही है. लेकिन कर्नाटक से उछाले गए इस सवाल ने एमपी में उन सरकारों पर भी सवालिया निशान लगा दिया है, जो ये दावा करती है कि एमपी में नौजवानों के लिए नौकरी की गारंटी के साथ रोजगार का माहौल है.

खड़गे के बयान पर बवाल: बीजेपी प्रियंक खड़गे का सवाल है कि जिस तरह से हिंदी हार्टलैंड के लोग दक्षिण भारत आकर आजीविका चला लेते हैं. दक्षिण भारत का कोई व्यक्ति वहां के सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से सोच भी नहीं सकता कि वो हिंदी हार्टलैंड में जाकर नौकरी पा सके. उन्होंने सवाल किया है कि आपने कभी सुना है कि किसी कन्नड़ ने कहा हो कि मैं यूपी जा रहा हूं नौकरी के लिए. मैं आपको बताऊंगा कि यूपी और एमपी से आए कितने लोग कर्नाटक में हैं. यहां के इकोसिस्टम की वजह से. बीजेपी ने तो इसे मौके की तरह लिया है और अब इसे एमपी-यूपी और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भुनाने की तैयारी में है. बीजेपी एससी मोर्चे ने ट्वीट कर बताया है कि अब यूपी-एमपी राजस्थआन में कांग्रेस और उसके सहयोगी दल वोट लेकर दिखाएं.

एमपी से बैंगलोर हैदराबाद नौजवानों की दौड़ कब खत्म होगी: प्रियंक खड़गे ने जो बयान दिया है, उसके विस्तार में जाइए तो एमपी में लंबे समय से रही शिवराज सरकार के कार्यकाल में बड़ी कंपनियों को एमपी बुलाने 6 इन्वेस्टर्स समिट हुए. जिसमें 17 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आने बताए गए. हालांकि जमीन पर केवल डेढ़ लाख करोड़ के प्रोजेक्ट ही उतर पाए. सरकार ये दावा जरुर करती है कि इस निवेश से दो लाख 37 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि "आंकड़े फर्जी हैं." जाहिर है कि ऐसे में दौड़ बैंगलोर और हैदराबाद की तरफ लगती है. तो सवाल ये कि जब एमपी में नौकरियों के अवसर नहीं है तो ऐसे में दक्षिण भारत से आने वाले नौजवानों के लिए माहौल कहां बन पाएगा. सरकारी नौकरी में एमपी के लोगों की प्राथमिकता है, लेकिन शिक्षक भर्ती में 2018 की भर्तियां अब तक नहीं हो पाई.

यहां पढ़ें...

Priyank Kharge Statement
प्रियंक खड़गे का बयान

प्रियंक खड़गे ने कहा क्या है: प्रियंक खड़गे ने अपने बयान में कहा है "कि जिस तरह से हिंदी हार्टलैंड के लोग दक्षिण भारत आकर आजीविका चला लेते हैं. दक्षिण भारत का कोई व्यक्ति वहां के सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से सोच भी नहीं सकता कि वो एमपी-यूपी जैसे राज्यों में जाकर नौकरी पा सके. उन्होंने सवाल किया है कि आपने कभी सुना है कि किसी कन्नड़ ने कहा हो कि मैं यूपी जा रहा हूं नौकरी के लिए. मैं आपको बताऊंगा कि यूपी और एमपी से आए कितने लोग कर्नाटक में हैं. यहां के इकोसिस्टम की वजह से."

Priyank Kharge Statement
बीजेपी ने साधा निशाना

खड़गे के बयान पर बीजेपी का पारा क्यों चढ़ा: बीजेपी इस बयान को हिंदी बेल्ट और दक्षिण भारत के बीच लकीर खींचने की तरह बता रही है. बीजेपी एससी मोर्चा ने तो ट्वीट कर इसे तीन राज्यों में चुनावी मुद्दे की तरह उछाल दिया है. बीजेपी ने कहा है कि "कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे और गांधी परिवार के करीबी प्रियंक खड़गे ने हिंदी भाषियों को अपमानित किया है. अब यूपी-एमपी और राजसथान में कांग्रेस वोट लेकर दिखाए." बाकी बीजेपी प्रवक्ताओं ने भी इसे हाथों हाथ लपका और कहा कि ये मध्यप्रदेश का अपमान है. हमारे यहां हर जाति धर्म के लोग बिना भेदभाव के रहते हैं."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.