नई दिल्ली : राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar) ने संसद की एक समिति से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के 12 सदस्यों द्वारा बार-बार आसन के समीप आकर, नारे लगाकर और सदन की कार्यवाही बाधित करके कथित रूप से विशेषाधिकार का हनन करने के मामले की जांच करने को कहा है. राज्यसभा के बुलेटिन के अनुसार नौ सदस्य कांग्रेस के और तीन आम आदमी पार्टी (आप) के हैं. कांग्रेस सदस्यों में शक्तिसिंह गोहिल, नारणभाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, कुमार केतकर, इमरान प्रतापगढ़ी, एल हनुमंतैया, फूलो देवी नेताम, जेबी एम हिशाम और रंजीत रंजन हैं. आप सदस्यों में संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और संदीप कुमार पाठक हैं.
राज्यसभा सचिवालय ने बुलेटिन में कहा, 'सभापति ने (सांसदों) द्वारा प्रदर्शित घोर नियम विरुद्ध आचरण से उत्पन्न विशेषाधिकार के कथित उल्लंघन के एक प्रश्न का उल्लेख किया है...इसमें राज्य सभा के नियमों और शिष्टाचार का उल्लंघन करते हुए बार-बार सदन में आसन के समीप आना, नारे लगाना और लगातार तथा जानबूझकर परिषद की कार्यवाही में बाधा डालना, सभापति को बैठकों को बार-बार स्थगित करने के लिए बाध्य करना हैं.' बजट सत्र के पहले चरण में राज्यसभा में विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही बार बार बाधित हुई.
बता दें कि इससे पहले संसद के उच्च सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका था और बजट सत्र का पहला हिस्सा अडाणी समूह से जुड़े विवाद और कांग्रेस सदस्य रजनी पाटिल को निलंबित करने के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे की भेंट चढ़ गया था. वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने स्वयं सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा की गई टिप्पणियों को दोहराया और फिर उन्हें रिकॉर्ड से हटा दिया. इस पर राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'मैंने आज पाया कि नेता प्रतिपक्ष और मेरी कुछ टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटा दिया गया है. यह हमारी सहयोगी रजनी पाटिल के निलंबन से संबंधित है.'
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(पीटीआई-भाषा)