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कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभा रहे प्राइवेट सेक्टर

देश इस वक्त काेराेना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है. केंद्र सरकार के साथ ही सभी राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर इस संकट से उबरने की काेशिश में जुटी हैं. देश काे इस संकट से बाहर निकालने में निजी क्षेत्र भी पीछे नहीं हैं, जानें इसमें कितनी है इनकी भागीदारी...

काेराेना
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Published : Apr 27, 2021, 3:29 PM IST

हैदराबाद : काेराेना महामारी से देश काे उबारने में निजी क्षेत्र भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. इनका मुख्य उद्देश्य ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे अस्पतालाें काे पर्याप्त ऑक्सीजन मुहैया कराना है, ताकि जल्द से जल्द इस आपदा के प्रभाव काे कम किया जा सके. आइए डालें एक नजर.

COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में निजी क्षेत्र का योगदान

देश इस वक्त कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है. इसे देखते हुए भारत के उद्यमी और निवेशक संकट की इस घड़ी में देश की मदद के लिए धन और संसाधन जुटाने में लगे हुए हैं.

ACT ग्रांट्स

एक्शन कोविड -19 टीम ग्रांट्स (एसीटी ग्रांट्स) ने स्वास्थ्य प्रबंधन, ऑक्सीजन, टीकाकरण और चिकित्सा कार्यबल के लिए 75 करोड़ रुपये जुटाने की योजना की घोषणा की.

ACT ग्रांट्स की स्थापना पिछले साल कोविड -19 महामारी के बीच हुई थी. 34 संस्थापक एक्सेल, सेकोइया कैपिटल, मैट्रिक्स पार्टनर्स, कलारी कैपिटल, लेट्सवेन्चर सहित 44 अन्य निवेश फंडों के साथ इस संकट से उबारने के लिए एक मंच पर काम कर रहे हैं. इसके तहत 500 करोड़ रुपये की निधि जुटा कर महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने की याेजना बनाई गई है.

अमेजन मुहैया करा रहा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स

अमेजन देश के कई शहरों में कोविड -19 संक्रमित रोगियों की इलाज में मदद के लिए अस्पतालों और सार्वजनिक संस्थानों को 10,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और बाईपैप मशीनें नि:शुल्क मुहैया करा रहा है.

अमेजन ने ACT ग्रांट, टेमसेक फाउंडेशन, पुणे प्लेटफ़ॉर्म COVID-19 रिस्पॉन्स (PPCR) और अन्य साझेदारों के साथ मिलकर सिंगापुर से 8,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और 500 बाईपैप मशीनें तत्काल मंगाने पर काम शुरू कर रहा है. इसके अतिरिक्त, अमेजन इंडिया 1,500 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण खरीद रहा है. कंपनी ने कहा कि अमेजन भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है, ताकि देश में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और BiPAP मशीनें जल्द मुहैया कराई जा सके.

माइक्राेसॉफ्ट जारी रखेगा सहायता

माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने एक ट्वीट में कहा कि कंपनी संकट के इस क्षण में राहत के लिए प्रयासरत है. साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स उपकरणाें के लिए अपने संसाधनों और प्रौद्योगिकी का उपयोग जारी रखेगा.

नडेला ने यह भी कहा कि संकट में भारत की मदद के लिए वे अमेरिकी सरकार के आभारी हैं. जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आवश्यक चिकित्सा जीवन रक्षक उपकरणाें की आपूर्ति सहित अन्य मदद भेजने का आश्वासन दिया है.

नडेला ने साेमवार काे ट्वीट किया, 'मैं भारत के मौजूदा हालात से दुखी हूं. मैं संकट की इस घड़ी में मदद के लिए अमेरिकी सरकार का आभारी हूं, माइक्रोसॉफ्ट मदद के लिए अपने प्रयासाें काे जारी रखेगा, साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की खरीद के लिए अपनी संसाधनों और प्रौद्योगिकी का उपयोग जारी रखेगा.'

गूगल ने की 135 करोड़ के राहत कोष की घोषणा

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि वे भारत की स्थिति से मर्माहत हैं और उन्हाेंने देश की मदद के लिए 135 करोड़ रुपये के राहत काेष की घोषणा की है.

जाेमैटाे

फूड टेक कंपनी जाेमैटो ने Delhivery के साथ मिलकर अपने हेल्प सेव माई इंडिया पहल के तहत फीडिंग इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की है. जिसके तहत वे जरूरत के मुताबिक अस्पतालों और परिवाराें काे ऑक्सीजन की आपूर्ति करेंगे. कंपनी ने लोगों को बचाने में मदद के लिए 50 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.

पेटीएम

पेटीएम ने कहा कि अपने ऑक्सीज़न फॉर इंडिया पहल के तहत सरकारी और निजी अस्पतालों, COVID-19 देखभाल केंद्रों, गैर सरकारी संगठनों और निवासी कल्याण संघों के लिए 3,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स का आयात करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

सीआरईडी

बेंगलुरु स्थित CRED ने हेल्थकेयर संगठनों के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स खरीदने के लिए धन जुटाने के लिए एक पहल की है. अपने सदस्यों को ऑक्सीजन से संबंधित उपकरण खरीदने के लिए अपने CRED सिक्कों को दान करने के लिए आमंत्रित किया है. मिलाप नाम के इस पहल का उद्देश्य एक बिलियन लीटर ऑक्सीजन के लिए उपकरणों की खरीद के लिए धन जुटाना है.

केवीएन फाउंडेशन ने शुरू किया मिशन मिलियन एयर

उद्यमी और निवेशक के. गणेश द्वारा स्थापित, केवीएन फाउंडेशन ने पिछले साल फीड माय सिटी पहल शुरू की, जिसमें 400 से अधिक स्वयंसेवकों, 50,000 रिटेल और 60 इंस्टीट्यूशनल डाेनर प्रवासी मजदूरों के लिए 58 लाख से अधिक भोजन के पैकेट मुहैया कराए हैं. केवीएन, पोर्टिया और रेज़ोरपे के साथ साझेदारी कर अब बेंगलुरु और मुंबई में गरीबों को मुफ्त में ऑक्सीजन प्रदान करना चाहता है.

हेमकुंट फाउंडेशन अपने वॉलंटियर्स के जरिए COVID-19 रोगियों को मुफ्त में ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करा रहा है.

स्वस्थ

स्वस्थ एक गैर-लाभकारी संगठन है जाे भारत में हेल्थकेयर सिस्टम को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है. इसने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की खरीद और आयात करने के लिए एटीटी ग्रांट्स से हाथ मिलाया है.

मिशन ऑक्सीजन

यह दिल्ली / एनसीआर के उद्यमियों का संगठन है. जाे आवश्यक उपकरणाें की कमी से जूझ रहे अस्पतालों की सहायता के लिए आगे आया है. सामूहिक रूप से पूरे भारत में 7.5 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. अब तक, समूह ने 800 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर का ऑर्डर दिया है जो 1 मई से पहले वितरित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें : टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में निजी क्षेत्र की भागीदारी जरूरी

यह चीनी निर्माताओं से सीधे एक लाख ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स खरीदेगा. उन्होंने कहा दिल्ली / NCR में 400 से ज्यादा क्लीनिकों, सरकारी अस्पतालों और छोटे नर्सिंग होम में 28 अप्रैल से इसका वितरण शुरू होगा. सामूहिक रूप से यह लैटिस, डिज़ाइनहिल, सैतवाकार्ट, बीटो, ब्रीथइजी, कटलफिश के संस्थापकों द्वारा चलाया जा रहा है.

हैदराबाद : काेराेना महामारी से देश काे उबारने में निजी क्षेत्र भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. इनका मुख्य उद्देश्य ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे अस्पतालाें काे पर्याप्त ऑक्सीजन मुहैया कराना है, ताकि जल्द से जल्द इस आपदा के प्रभाव काे कम किया जा सके. आइए डालें एक नजर.

COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में निजी क्षेत्र का योगदान

देश इस वक्त कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है. इसे देखते हुए भारत के उद्यमी और निवेशक संकट की इस घड़ी में देश की मदद के लिए धन और संसाधन जुटाने में लगे हुए हैं.

ACT ग्रांट्स

एक्शन कोविड -19 टीम ग्रांट्स (एसीटी ग्रांट्स) ने स्वास्थ्य प्रबंधन, ऑक्सीजन, टीकाकरण और चिकित्सा कार्यबल के लिए 75 करोड़ रुपये जुटाने की योजना की घोषणा की.

ACT ग्रांट्स की स्थापना पिछले साल कोविड -19 महामारी के बीच हुई थी. 34 संस्थापक एक्सेल, सेकोइया कैपिटल, मैट्रिक्स पार्टनर्स, कलारी कैपिटल, लेट्सवेन्चर सहित 44 अन्य निवेश फंडों के साथ इस संकट से उबारने के लिए एक मंच पर काम कर रहे हैं. इसके तहत 500 करोड़ रुपये की निधि जुटा कर महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने की याेजना बनाई गई है.

अमेजन मुहैया करा रहा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स

अमेजन देश के कई शहरों में कोविड -19 संक्रमित रोगियों की इलाज में मदद के लिए अस्पतालों और सार्वजनिक संस्थानों को 10,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और बाईपैप मशीनें नि:शुल्क मुहैया करा रहा है.

अमेजन ने ACT ग्रांट, टेमसेक फाउंडेशन, पुणे प्लेटफ़ॉर्म COVID-19 रिस्पॉन्स (PPCR) और अन्य साझेदारों के साथ मिलकर सिंगापुर से 8,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और 500 बाईपैप मशीनें तत्काल मंगाने पर काम शुरू कर रहा है. इसके अतिरिक्त, अमेजन इंडिया 1,500 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण खरीद रहा है. कंपनी ने कहा कि अमेजन भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है, ताकि देश में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और BiPAP मशीनें जल्द मुहैया कराई जा सके.

माइक्राेसॉफ्ट जारी रखेगा सहायता

माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने एक ट्वीट में कहा कि कंपनी संकट के इस क्षण में राहत के लिए प्रयासरत है. साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स उपकरणाें के लिए अपने संसाधनों और प्रौद्योगिकी का उपयोग जारी रखेगा.

नडेला ने यह भी कहा कि संकट में भारत की मदद के लिए वे अमेरिकी सरकार के आभारी हैं. जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आवश्यक चिकित्सा जीवन रक्षक उपकरणाें की आपूर्ति सहित अन्य मदद भेजने का आश्वासन दिया है.

नडेला ने साेमवार काे ट्वीट किया, 'मैं भारत के मौजूदा हालात से दुखी हूं. मैं संकट की इस घड़ी में मदद के लिए अमेरिकी सरकार का आभारी हूं, माइक्रोसॉफ्ट मदद के लिए अपने प्रयासाें काे जारी रखेगा, साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की खरीद के लिए अपनी संसाधनों और प्रौद्योगिकी का उपयोग जारी रखेगा.'

गूगल ने की 135 करोड़ के राहत कोष की घोषणा

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि वे भारत की स्थिति से मर्माहत हैं और उन्हाेंने देश की मदद के लिए 135 करोड़ रुपये के राहत काेष की घोषणा की है.

जाेमैटाे

फूड टेक कंपनी जाेमैटो ने Delhivery के साथ मिलकर अपने हेल्प सेव माई इंडिया पहल के तहत फीडिंग इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की है. जिसके तहत वे जरूरत के मुताबिक अस्पतालों और परिवाराें काे ऑक्सीजन की आपूर्ति करेंगे. कंपनी ने लोगों को बचाने में मदद के लिए 50 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.

पेटीएम

पेटीएम ने कहा कि अपने ऑक्सीज़न फॉर इंडिया पहल के तहत सरकारी और निजी अस्पतालों, COVID-19 देखभाल केंद्रों, गैर सरकारी संगठनों और निवासी कल्याण संघों के लिए 3,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स का आयात करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

सीआरईडी

बेंगलुरु स्थित CRED ने हेल्थकेयर संगठनों के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स खरीदने के लिए धन जुटाने के लिए एक पहल की है. अपने सदस्यों को ऑक्सीजन से संबंधित उपकरण खरीदने के लिए अपने CRED सिक्कों को दान करने के लिए आमंत्रित किया है. मिलाप नाम के इस पहल का उद्देश्य एक बिलियन लीटर ऑक्सीजन के लिए उपकरणों की खरीद के लिए धन जुटाना है.

केवीएन फाउंडेशन ने शुरू किया मिशन मिलियन एयर

उद्यमी और निवेशक के. गणेश द्वारा स्थापित, केवीएन फाउंडेशन ने पिछले साल फीड माय सिटी पहल शुरू की, जिसमें 400 से अधिक स्वयंसेवकों, 50,000 रिटेल और 60 इंस्टीट्यूशनल डाेनर प्रवासी मजदूरों के लिए 58 लाख से अधिक भोजन के पैकेट मुहैया कराए हैं. केवीएन, पोर्टिया और रेज़ोरपे के साथ साझेदारी कर अब बेंगलुरु और मुंबई में गरीबों को मुफ्त में ऑक्सीजन प्रदान करना चाहता है.

हेमकुंट फाउंडेशन अपने वॉलंटियर्स के जरिए COVID-19 रोगियों को मुफ्त में ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करा रहा है.

स्वस्थ

स्वस्थ एक गैर-लाभकारी संगठन है जाे भारत में हेल्थकेयर सिस्टम को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है. इसने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की खरीद और आयात करने के लिए एटीटी ग्रांट्स से हाथ मिलाया है.

मिशन ऑक्सीजन

यह दिल्ली / एनसीआर के उद्यमियों का संगठन है. जाे आवश्यक उपकरणाें की कमी से जूझ रहे अस्पतालों की सहायता के लिए आगे आया है. सामूहिक रूप से पूरे भारत में 7.5 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. अब तक, समूह ने 800 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर का ऑर्डर दिया है जो 1 मई से पहले वितरित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें : टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में निजी क्षेत्र की भागीदारी जरूरी

यह चीनी निर्माताओं से सीधे एक लाख ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स खरीदेगा. उन्होंने कहा दिल्ली / NCR में 400 से ज्यादा क्लीनिकों, सरकारी अस्पतालों और छोटे नर्सिंग होम में 28 अप्रैल से इसका वितरण शुरू होगा. सामूहिक रूप से यह लैटिस, डिज़ाइनहिल, सैतवाकार्ट, बीटो, ब्रीथइजी, कटलफिश के संस्थापकों द्वारा चलाया जा रहा है.

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