गांधीनगर : उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने मंगलवार को कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की कमी के कारण गुजरात सरकार जल्द ही नई नीति लाएगी, जिसमें निजी चिकित्सक भी सरकारी अस्पतालों में रोगियों का इलाज कर सकेंगे.
गुजरात विधानसभा में राज्य के अस्पतालों में विशेषज्ञ की कमी पर पटेल ने जवाब दिया. स्वास्थ्य का प्रभार रखने वाले पटेल ने सदन को बताया कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में दिसंबर 2020 तक बाल रोग विशेषज्ञ के 58 पद भरे जाने थे.
उन्होंने कहा कि 141 बाल विशेषज्ञों की भर्ती के लिए 2015 के अंत में राज्य सरकार ने एक विज्ञापन जारी किया था. भर्ती प्रक्रिया में पाया गया कि इसके लिए केवल छह डॉक्टर तैयार थे. ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर विशेषज्ञ हमारे अस्पतालों की जगह निजी अस्पतालों में सेवा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि डॉक्टर अंशकालिक सेवा देने के लिए तैयार नहीं थे.
जब कोविड-19 अपने चरम पर था तब सामान्य चिकित्सकों की सेवाएं और सरकारी अमला पर्याप्त नहीं था. यहां तक कि ज्यादातर आयुर्वेद चिकित्सक प्रति माह 30,000 रुपये के वेतन पर काम करने के लिए तैयार नहीं थे.
उन्होंने इसका मुख्य कारण डॉक्टरों की अनुपलब्धता बताई. कहा कि अतीत में गुजरात में एमबीबीएस सीटों की संख्या कम थी. लेकिन अब हमारे पास गुजरात में 5,500 मेडिकल सीटें हैं. इससे भरोसा है कि भविष्य में हमें और डॉक्टर मिलेंगे. डॉक्टरों की कमी के मुद्दे का सामना करने के लिए सरकार जल्द ही एक नई नीति लाएगी. अब तक निजी डॉक्टरों को मानद नहीं दिया जाता था और सरकारी अस्पतालों में उनसे सेवा नहीं ली जाती थी. अब हम प्रसिद्ध निजी विशेषज्ञों की सेवाएं लेने पर फैसला कर रहे हैं.
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पटेल ने कहा कि राज्य सरकार एक नीति लेकर आएगी, क्योंकि कई निजी डॉक्टर समाज की सेवा करना चाहते हैं. नई नीति से वे सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में रोगियों का इलाज करेंगे. साथ ही वे अस्पतालों और हमारे मेडिकल छात्रों को भी पढ़ाएंगे.