नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान देने वाले विनायक दामोदर सावरकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
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आजादी की लड़ाई के महान सेनानी और प्रखर राष्ट्रभक्त वीर सावरकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।
— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">आजादी की लड़ाई के महान सेनानी और प्रखर राष्ट्रभक्त वीर सावरकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।
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पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा आजादी की लड़ाई के महान सेनानी और प्रखर राष्ट्रभक्त वीर सावरकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन.
प्रकाश जावड़ेकर ने दी श्रद्धांजलि
महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर राष्ट्रवादी नेता व लेखक विनायक दामोदर वीर सावरकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन. उनका संपूर्ण जीवन स्वराज्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष करते हुए ही बीता.
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महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर राष्ट्रवादी नेता व लेखक विनायक दामोदर वीर सावरकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन। उनका संपूर्ण जीवन स्वराज्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष करते हुए ही बीता। #VeerSavarkar pic.twitter.com/DBwLb1kW78
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) May 28, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर राष्ट्रवादी नेता व लेखक विनायक दामोदर वीर सावरकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन। उनका संपूर्ण जीवन स्वराज्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष करते हुए ही बीता। #VeerSavarkar pic.twitter.com/DBwLb1kW78
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) May 28, 2021महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर राष्ट्रवादी नेता व लेखक विनायक दामोदर वीर सावरकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन। उनका संपूर्ण जीवन स्वराज्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष करते हुए ही बीता। #VeerSavarkar pic.twitter.com/DBwLb1kW78
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अमित शाह ने दी श्रद्धांजलि
स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख स्तंभ स्वातंत्र्य वीर सावरकर भारत की अखंडता व संस्कृति के प्रखर समर्थक और जातिवाद के धुर विरोधी थे. सावरकर जी ने अपने अविरल संघर्ष, ओजस्वी वाणी और कालजयी विचारों से जन-जन को स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया. उनका संकल्प व साहस अद्भुत था.
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स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख स्तंभ स्वातंत्र्य वीर सावरकर भारत की अखंडता व संस्कृति के प्रखर समर्थक और जातिवाद के धुर विरोधी थे। सावरकर जी ने अपने अविरल संघर्ष, ओजस्वी वाणी और कालजयी विचारों से जन-जन को स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। उनका संकल्प व साहस अद्भुत था। pic.twitter.com/ts2KLHl9rF
— Amit Shah (@AmitShah) May 28, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख स्तंभ स्वातंत्र्य वीर सावरकर भारत की अखंडता व संस्कृति के प्रखर समर्थक और जातिवाद के धुर विरोधी थे। सावरकर जी ने अपने अविरल संघर्ष, ओजस्वी वाणी और कालजयी विचारों से जन-जन को स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। उनका संकल्प व साहस अद्भुत था। pic.twitter.com/ts2KLHl9rF
— Amit Shah (@AmitShah) May 28, 2021स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख स्तंभ स्वातंत्र्य वीर सावरकर भारत की अखंडता व संस्कृति के प्रखर समर्थक और जातिवाद के धुर विरोधी थे। सावरकर जी ने अपने अविरल संघर्ष, ओजस्वी वाणी और कालजयी विचारों से जन-जन को स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। उनका संकल्प व साहस अद्भुत था। pic.twitter.com/ts2KLHl9rF
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सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को नासिक के भगूर गांव में हुआ था. 1937 में वह हिन्दू महासभा के अध्यक्ष भी चुने गए थे, उन्हें वीर सावरकर के नाम से भी जाना जाता है.