नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संत की दृष्टि के अनुरूप 'न्यायपूर्ण, सामंजस्यपूर्ण और समृद्ध समाज' के लिए सरकार के संकल्प को दोहराया. संत रविदास 15वीं से 16वीं शताब्दी के दौरान भक्ति आंदोलन से जुड़े थे. उनके भजन गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि संत रविदास जी को उनकी जयंती पर नमन करते हुए हम उनके महान संदेशों को याद करते हैं. उन्होंने कहा कि उनके रास्ते पर चलते हुए हम विभिन्न पहलों के माध्यम से गरीबों की सेवा और सशक्तिकरण कर रहे हैं.
रविदास जयंती माघ पूर्णिमा को मनाई जाती है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ महीने की पूर्णिमा है. शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी संत गुरु रविदास की जयंती की पूर्व संध्या पर लोगों को बधाई दी. राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा कि मैं गुरु रविदासजी की जयंती के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं. उन्होंने आगे कहा कि संत रविदास ने दलितों के उत्थान के लिए काम किया. संत गुरु रविदास एक महान समाज सुधारक और शांति, प्रेम और भाईचारे के दूत थे.
उन्होंने जाति और धर्म आधारित भेदभाव को दूर करने के लिए अथक प्रयास किया. उन्होंने दलितों के उत्थान के लिए काम किया. उन्होंने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर कई रचनाएं भी लिखीं. मुर्मू ने देश के नागरिकों से रविदास की शिक्षाओं का पालन करने का आह्वान करते हुए कहा कि उनका जीवन त्याग और तपस्या का एक अनूठा उदाहरण है. उन्होंने मानवता की सेवा को ईश्वर की सेवा माना. आइए हम उनकी शिक्षाओं का पालन करें और सार्वजनिक कल्याण के समग्र लक्ष्य के साथ आगे बढ़ें.
(एएनआई)