नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister narendra Modi) बुधवार देर शाम इंडोनेशिया के जकार्ता के लिए रवाना हो गए. प्रधानमंत्री मोदी 7 सितंबर को जकार्ता में 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. वहीं जकार्ता रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 10 देशों के प्रभावशाली समूह आसियान के नेताओं के साथ भारत की साझेदारी की भविष्य की रूपरेखा पर चर्चा करने को लेकर उत्सुक हैं.
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#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi leaves for Jakarta, Indonesia
— ANI (@ANI) September 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
PM Modi will attend the 20th ASEAN-India Summit and 18th East Asia Summit in Jakarta on September 7. pic.twitter.com/vZE1V7KJ3L
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उन्होंने अपने बयान में 'आसियान' के साथ जुड़ाव को भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ करार दिया और कहा कि पिछले वर्ष हुई व्यापक रणनीतिक साझेदारी ने दोनों पक्षों के संबंधों में नई ऊर्जा का संचार किया है. इंडोनेशिया, 'आसियान' (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन) के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. आसियान को क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है और भारत तथा अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं. प्रधानमंत्री ने सोशल नेटवर्किंग साइट 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'आसियान से संबंधित बैठकों में भाग लेने के लिए जकार्ता रवाना. इसमें 20वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन शामिल है, जो एक ऐसी साझेदारी पर केंद्रित है जिसे हम बहुत पसंद करते हैं. मैं 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी भाग लूंगा, जो स्वास्थ्य सेवा, पर्यावरण और डिजिटल नवाचारों जैसे महत्वपूर्ण विकासात्मक क्षेत्रों पर केंद्रित है.'
मोदी ने कहा कि वह आसियान से संबंधित बैठकों में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति जोको विडोडो के निमंत्रण पर जकार्ता की यात्रा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कि उनका पहला कार्यक्रम 20वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन होगा. उन्होंने कहा, 'मैं आसियान नेताओं के साथ हमारी साझेदारी की भविष्य की रूपरेखा पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं, जो अब अपने चौथे दशक में प्रवेश कर चुकी है. आसियान के साथ जुड़ाव भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है. पिछले वर्ष हुई व्यापक रणनीतिक साझेदारी ने हमारे संबंधों में नई ऊर्जा का संचार किया है.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके बाद वह 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि यह मंच खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य और डिजिटल परिवर्तन सहित क्षेत्र के लिए महत्व के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का एक उपयोगी अवसर प्रदान करता है. उन्होंने कहा, 'मैं इन वैश्विक चुनौतियों से सामूहिक रूप से निपटने के लिए व्यावहारिक सहयोग उपायों पर अन्य ईएएस नेताओं के साथ विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए तत्पर हूं.'
पिछले वर्ष बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए इंडोनेशिया की अपनी यात्रा को याद करते हुए मोदी ने विश्वास जताया कि इस यात्रा से आसियान क्षेत्र के साथ भारत के संबंध और गहरे होंगे. विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) सौरभ कुमार ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में कहा था कि मोदी शिखर सम्मेलन में आसियान-भारत संबंधों में प्रगति की समीक्षा करेंगे और उन्हें आगे की दिशा प्रदान करेंगे. उनके मुताबिक प्रधानमंत्री छह सितंबर की रात को दिल्ली से प्रस्थान करेंगे और सात सितंबर की देर शाम को लौटेंगे. उन्होंने कहा था कि यह देखते हुए कि आसियान शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद जी-20 शिखर सम्मेलन होगा, प्रधानमंत्री की जकार्ता यात्रा को संक्षिप्त रखा गया है.
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(पीटीआई-भाषा)