रुद्रप्रयाग: विश्व विख्यात केदारनाथ मंदिर के भीतर सोने की परत चढ़ाने जाने का मामले में लगातार विरोध बढ़ता ही जा रहा है. केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित अब रात के समय भी मंदिर के बाहर पहरा दे रहे हैं. तीर्थ पुरोहितों को ये डर सता रहा है कि कहीं मंदिर समिति के कर्मचारी रात के समय मंदिर का दरवाजा खोलकर कार्य न करें. इस कारण बारी-बारी से तीर्थ पुरोहित रात के अंधेरे में भी मंदिर के बाहर पहरा दे रहे हैं.
केदारनाथ मंदिर के भीतर महाराष्ट्र के एक दानी की ओर से सोने की परत चढ़ाई जा रही है. पहले यहां 230 किलो चांदी की परतें थीं. अब इन परतों को हटाकर सोने की परतें चढ़ाई जा रही हैं. तांबे की परतों को लगाकर ट्रायल भी शुरू हो गया था. लेकिन तीर्थ पुरोहित मंदिर के गर्भ गृह में सोने की परत चढ़ाने का विरोध कर रहे हैं. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ धाम मोक्ष धाम है. यहां भक्त बाबा केदार के दर्शन करने के बाद मोक्ष प्राप्ति के लिये आते हैं न कि सोने-चांदी को देखने.
केदारनाथ धाम में सोना-चांदी मढ़ने से यहां की पौराणिक परंपराओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. आज तक यहां सोना नहीं था तो क्या तीर्थ यात्री यहां दर्शनों के लिये नहीं आ रहे थे. इस बाबत तीर्थ पुरोहितों ने बदरी केदार मंदिर समिति के सीईओ को भी पत्र भेजा है और मंदिर के गर्भ गृह में सोने की परत चढ़ाये जाने का कार्य रोकने की मांग की है.
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केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, अंकुर शुक्ला का कहना है कि मंदिर के भीतर किसी भी हाल में सोने की परत नहीं चढ़ाने दी जायेगी. अगर जबरन कार्य किया जाता है तो इसका विरोध किया जायेगा. उन्होंने कहा कि इसके विरोध में तीर्थ पुरोहित रात के समय भी मंदिर के बाहर पहरा दे रहे हैं.
बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा कि मंदिर के गर्भ गृह में कोई छेड़छाड़ नहीं हो रही है. वर्तमान में मंदिर के गर्भ गृह में चांदी की परतें हैं, जिन्हें हटाकर उनके स्थान पर सोने की परतें लगाई जा रही हैं. कुछ ही लोग इसका विरोध कर रहे हैं. मंदिर के गर्भ गृह में जब स्वर्ण मंडित हो जायेगा तो उसकी दिव्यता व भव्यता बढ़ जायेगी.