सोलन: शुक्रवार को एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू बद्दी पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने हिमाचल भाजपा विधायकों के साथ बैठक (Himachal BJP legislators meeting in Baddi) ली. वहीं, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने भाजपा विधायकों से संवाद किया. इस दौरान भाजपा विधायकों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में अपना समर्थन देने की बात कही.
मंच से भाजपा विधायकों को संबोधित करते हुए द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि, हिमाचल एक पावन धरती है यहां के देवी देवताओं और धरती को वे प्रणाम करती हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल की संस्कृति और पर्यटन (Himachal Culture and Tourism) का एक अलग रूप विश्व भर में देखने को मिलता है. मुर्मू ने कहा कि आज वह हिमाचल प्रदेश में अपने उम्मीदवार पद का प्रचार पसार करने के लिए आई हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का इतिहास (Himachal Pradesh History) उतना ही प्राचीन है जितना मानव अस्तित्व का. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वेद पुराणों में भी हिमाचल का इतिहास देखा जा सकता है.
मेरी जिंदगी का हर दिन संघर्ष भरा: द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उनके जीवन का हर दिन हर मिनट हर सेकेंड संघर्ष भरा रहा है और उन्होंने हर दिन कुछ न कुछ नया सीखा है. उन्होंने कहा कि जिस संस्कृति में पली बढ़ी हैं उसको वे आगे लेकर जाना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि वे आदिवासी परिवार में जन्मी हैं जहां पर न रास्ता का ठिकाना था और न ही बिजली. मुर्मू ने कहा कि मैंने कभी भी पद की लालसा नहीं की है. उन्होंने कहा कि शायद मेरा काम ही मुझे यहां तक आगे लेकर आया है.
चुनौती भरा रहा है अब तक का सफर: उन्होंने कहा कि पार्षद से लेकर विधायक, विधायक के बाद मंत्री और अब राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने तक का सफर चुनौती भरा रहा है. उन्होंने कहा कि वे आज अगर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनी हैं तो वह अपने काम के चलते बनी हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने सादी जिंदगी जी है वह चाहती हैं कि उनकी संस्कृति उनकी परंपरा आगे आए.
मुझे अपना काम पसंद है: इस दौरान द्रौपदी मुर्मू ने हिमाचल भाजपा विधायकों का धन्यवाद किया कि उन्होंने उनका सहयोग किया है. उन्होंने कहा कि जब उनसे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए बायोडाटा मांगा गया तो उन्होंने कहा कि मेरे पास ऐसा कोई भी प्रोफाइल ऐसा कोई डॉक्यूमेंट नहीं था जिसे वे भेज सकें. ऐसे में एक पेज पर उन्होंने अपना बायोडाटा भेजा था. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता मुझे कितने लोग पसंद करते हैं, लेकिन मुझे अपना काम पसंद है. उन्होंने कहा कि मुझे शत प्रतिशत समर्थन आप लोगों की तरफ से मिला है उसके लिए धन्यवाद और वह देश की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगी इसका विश्वास दिलाती हैं.
राजनीतिक सफर पर एक नजर : 20 जून 1958 को ओडिशा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. वह 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर में जिला बोर्ड की पार्षद चुनी गई थीं. राजनीति में आने के पहले वह श्री अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी है. वह ओडिशा में दो बार विधायक रह चुकी हैं और उन्हें नवीन पटनायक सरकार में मंत्री पद पर भी काम करने का मौका मिला था. उस समय बीजू जनता दल और बीजेपी के गठबंधन की सरकार थी. ओडिशा विधानसभा ने द्रौपदी मुर्मू को सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से भी नवाजा था.
18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव: 18 जुलाई 2022 को राष्ट्रपति चुनाव (presidential election 2022) होंगे और 21 जुलाई को देश को नए राष्ट्रपति मिल जाएंगे. बता दें कि वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (presdinet ram nath kovind) का कार्यकाल 24 जुलाई 2022 को खत्म हो रहा है. वहीं, पिछली बार 17 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति चुनाव हुए थे.