लखनऊ: राजधानी लखनऊ में पहली बार देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind)का प्रेसीडेंशियल ट्रेन (Presidential Train) से 28 जून को आगमन होने वाला है. राष्ट्रपति के आगमन को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं. राष्ट्रपति 25 जून को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से एक विशेष राष्ट्रपति ट्रेन से कानपुर की यात्रा पर निकलेंगे. इस दौरान वह अपने जन्मस्थान, कानपुर देहात के गांव परौख भी जाएंगे.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में अपने जन्म स्थान की यात्रा के लिए ट्रेन में सफर करेंगे. इस दौरान वह स्कूल के दिनों और समाजसेवा के शुरुआती दिनों के अपने पुराने परिचितों के साथ मुलाकात करेंगे।
पंद्रह साल के अंतराल के बाद कोई निवर्तमान राष्ट्रपति ट्रेन में सफर करेगा. राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद की अपने जन्मस्थान की यह पहली यात्रा होगी. हालांकि वह पहले भी यात्रा करना चाहते थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते ऐसा नहीं हो सका.
राष्ट्रपति भवन की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद की अपने जन्मस्थान की यह पहली यात्रा होगी. हालांकि वह पहले भी यात्रा करना चाहते थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते ऐसा नहीं हो सका.
बयान में कहा गया है, 'ट्रेन कानपुर देहात के झिंझक और रुरा दो जगह रुकेगी, जहां राष्ट्रपति स्कूल के दिनों और समाजसेवा के शुरुआती दिनों के अपने पुराने परिचितों से मुखातिब होंगे.' बयान के अनुसार ये दोनों जगह कानपुर देहात में राष्ट्रपति के जन्मस्थान परौंख गांव के निकट हैं. यहां 27 जून को उनके सम्मान में दो समारोहों का आयोजन किया जाएगा.
इससे पहले साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने ट्रेन में सफर किया था. वह भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) के कैडेट की पासिंग आउट परेड में शरीक होने के लिए विशेष ट्रेन से दिल्ली से देहरादून गए थे.
बयान में कहा गया है कि कोविंद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की दो दिवसीय यात्रा के लिये 28 जून को कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से ट्रेन में रवाना होंगे. 29 जून को वह विशेष उड़ान से नई दिल्ली लौटेंगे.
पढ़ें : राष्ट्रपति कोविंद, सोनिया, राहुल ने जाम्बिया के प्रथम राष्ट्रपति के निधन पर दुख जताया
रेलवे रिकॉर्ड के मुताबिक पहली बार कोई राष्ट्रपति ट्रेन से लखनऊ आ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक करीब 115 साल पहले स्वतंत्रता आंदोलन के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सन 1916 में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में हिस्सा लेने पहली बार ट्रेन से लखनऊ आए थे. यहां चारबाग स्टेशन के बाहर उनकी पंडित जवाहर लाल नेहरू से मुलाकात भी हुई थी.
रेलखंड की बारीकी से की जा रही मॉनिटरिंग
डीसीपी मध्य डॉक्टर ख्याति गर्ग के मुताबिक प्रेसीडेंशियल ट्रेन के आने पर राष्ट्रपति के स्टेशन से बाहर निकलने तक कई चक्रों की सुरक्षा होगी. राष्ट्रपति 25 जून को प्रेसीडेंशियल ट्रेन से नई दिल्ली से कानपुर आएंगे. यहां तीन दिन के प्रवास के बाद वह 28 जून को लखनऊ पहुंचेंगे. वहीं रेलवे ने कानपुर से लखनऊ तक के लिए अलर्ट जारी कर दिया है. प्रतिदिन इस 72 किलोमीटर के रेलखंड की बारीकी से मॉनिटरिंग की जा रही है. रेलखंड की जांच के लिए विंडो ट्रेलिंग की जा रही है.
दूसरी ओर रेलवे ने परिचालन से जुड़े श्रेष्ठ अधिकारियों की तैनाती की है, जिससे कानपुर से लखनऊ तक प्रेसीडेंशियल ट्रेन के पहुंचने तक कोई बाधा न हो. इस सेक्शन पर गैंगमैन की क्षमता बढ़ाकर लाइन की पेट्रोलिंग भी तेज कर दी गई है. चारबाग स्टेशन पर आने के बाद प्रेसीडेंशियल ट्रेन को कड़ी सुरक्षा में रखा जाएगा. चारबाग स्टेशन पर अन्य ट्रेनों और यात्रियों से सुरक्षा में किसी तरह की बाधा न हो, इसके लिए प्लेटफार्म नंबर एक से राष्ट्रपति के परिसर के बाहर निकलने तक एक अलग सुरक्षा घेरा बनाया जाएगा. जिसमें पुलिस के अलावा जीआरपी व आरपीएफ के अधिकारी भी तैनात होंगे. वहीं, पुलिस से लेकर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने कानपुर और लखनऊ स्टेशन को सजाना संवारना शुरू कर दिया है. राष्ट्रपति की यात्रा में कोई व्यवधान न हो इसके लिए विशेष बैठकें की जा रही हैं.