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राष्ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी समेत गणमान्यों ने संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर को नमन किया

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By ANI

Published : Dec 6, 2023, 9:49 AM IST

Updated : Dec 6, 2023, 11:20 AM IST

देश आज महापरिनिर्वाण दिवस मना रहा है. इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी समेत बड़े नेताओं ने संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर को नमन किया.

PM Modi pays tribute to BR Ambedkar on his death anniversary observed as Mahaparinirvan Divas
पीएम मोदी ने महापरिनिर्वाण दिवस पर बीआर अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी

नई दिल्ली : देश में आज डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की याद में महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जा रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ने संसद परिसर में डॉ. बीआर अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबासाहेब को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर 'एक्स' पीएम ने लिखा, 'पूज्य बाबा साहेब भारतीय संविधान के निर्माता होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर समर्थक थे.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के जीवन के सिद्धांतों का युवाओं सहित सभी को पालन करना चाहिए. हम इन सिद्धांतों का कई तरीकों से पालन और कार्यान्वयन कर सकते हैं. इस साल हमें एक मौका मिला है. सुप्रीम कोर्ट परिसर में बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा देखकर ऐसा लगता है कि वह हमारे बीच हैं.'

उन्होंने अपना जीवन शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया. आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें मेरा सादर नमन. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी बाबा साहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की. बाबा साहेब डॉ. बीआर अमदेबकर ने अपना पूरा जीवन एक समान और न्यायपूर्ण समाज की स्थापना, राष्ट्र की प्रगति, सभी के लिए मानवाधिकार और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित कर दिया था. उनकी पुण्य तिथि पर मैं उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

  • #WATCH | On the death anniversary of BR Ambedkar, CJI DY Chandrachud in Delhi says, "The principles of the life of Dr Babasaheb Ambedkar should be followed by all including the youth. We can follow and implement these principles in many ways. This year we got a statue of… pic.twitter.com/EUuVN5mn7q

    — ANI (@ANI) December 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संदेश में कहा, 'महापरिनिर्वाण दिवस' पर मैं बाबासाहेब अंबेडकर और हमारे राष्ट्र के लिए उनके उल्लेखनीय योगदान को नमन करता हूं. उनके विचारों ने लाखों लोगों को प्रेरित किया और हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भारत के संविधान के निर्माण में उनकी भूमिका को कभी नहीं भूलेंगी.

पीएमओ राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बाबासाहेब को याद करते हुए कहा, 'आज हम महापरिनिर्वाण दिवस पर बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को याद करते हैं. हमारे संविधान के मुख्य वास्तुकार, बाबासाहेब ने एक समतामूलक और मजबूत भारत के निर्माण के लिए जीवन भर अथक प्रयास किया. अपने संदेश में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, 'हमारे संविधान के मुख्य निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि.'

सामाजिक न्याय और समानता के उनके आदर्श लोगों की सेवा करने में हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे. 14 अप्रैल 1891 को जन्मे बाबा साहेब अम्बेडकर एक भारतीय न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे. उन्होंने दलितों के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया. 6 दिसंबर 1956 को उनकी मृत्यु हो गई. बाबा साहेब अम्बेडकर एक प्रतिभाशाली छात्र थे. उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन विश्वविद्यालय दोनों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.

उन्होंने शहर के मुख्य जल टैंक से पानी लेने के अछूत समुदाय के अधिकार के लिए लड़ने के लिए महाड में एक सत्याग्रह का नेतृत्व किया. 25 सितम्बर, 1932 को अम्बेडकर और मदन मोहन मालवीय के बीच पूना पैक्ट नामक समझौते पर हस्ताक्षर किये गये. समझौते के कारण, दलित वर्ग को विधायिका में पहले आवंटित 71 सीटों के बजाय 148 सीटें प्राप्त हुईं.

ये भी पढ़ें- Ambedkar Jayanti 2022: संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर को पूरा देश कर रहा नमन

नई दिल्ली : देश में आज डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की याद में महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जा रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ने संसद परिसर में डॉ. बीआर अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबासाहेब को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर 'एक्स' पीएम ने लिखा, 'पूज्य बाबा साहेब भारतीय संविधान के निर्माता होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर समर्थक थे.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के जीवन के सिद्धांतों का युवाओं सहित सभी को पालन करना चाहिए. हम इन सिद्धांतों का कई तरीकों से पालन और कार्यान्वयन कर सकते हैं. इस साल हमें एक मौका मिला है. सुप्रीम कोर्ट परिसर में बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा देखकर ऐसा लगता है कि वह हमारे बीच हैं.'

उन्होंने अपना जीवन शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया. आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें मेरा सादर नमन. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी बाबा साहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की. बाबा साहेब डॉ. बीआर अमदेबकर ने अपना पूरा जीवन एक समान और न्यायपूर्ण समाज की स्थापना, राष्ट्र की प्रगति, सभी के लिए मानवाधिकार और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित कर दिया था. उनकी पुण्य तिथि पर मैं उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

  • #WATCH | On the death anniversary of BR Ambedkar, CJI DY Chandrachud in Delhi says, "The principles of the life of Dr Babasaheb Ambedkar should be followed by all including the youth. We can follow and implement these principles in many ways. This year we got a statue of… pic.twitter.com/EUuVN5mn7q

    — ANI (@ANI) December 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संदेश में कहा, 'महापरिनिर्वाण दिवस' पर मैं बाबासाहेब अंबेडकर और हमारे राष्ट्र के लिए उनके उल्लेखनीय योगदान को नमन करता हूं. उनके विचारों ने लाखों लोगों को प्रेरित किया और हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भारत के संविधान के निर्माण में उनकी भूमिका को कभी नहीं भूलेंगी.

पीएमओ राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बाबासाहेब को याद करते हुए कहा, 'आज हम महापरिनिर्वाण दिवस पर बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को याद करते हैं. हमारे संविधान के मुख्य वास्तुकार, बाबासाहेब ने एक समतामूलक और मजबूत भारत के निर्माण के लिए जीवन भर अथक प्रयास किया. अपने संदेश में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, 'हमारे संविधान के मुख्य निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि.'

सामाजिक न्याय और समानता के उनके आदर्श लोगों की सेवा करने में हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे. 14 अप्रैल 1891 को जन्मे बाबा साहेब अम्बेडकर एक भारतीय न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे. उन्होंने दलितों के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया. 6 दिसंबर 1956 को उनकी मृत्यु हो गई. बाबा साहेब अम्बेडकर एक प्रतिभाशाली छात्र थे. उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन विश्वविद्यालय दोनों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.

उन्होंने शहर के मुख्य जल टैंक से पानी लेने के अछूत समुदाय के अधिकार के लिए लड़ने के लिए महाड में एक सत्याग्रह का नेतृत्व किया. 25 सितम्बर, 1932 को अम्बेडकर और मदन मोहन मालवीय के बीच पूना पैक्ट नामक समझौते पर हस्ताक्षर किये गये. समझौते के कारण, दलित वर्ग को विधायिका में पहले आवंटित 71 सीटों के बजाय 148 सीटें प्राप्त हुईं.

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Last Updated : Dec 6, 2023, 11:20 AM IST
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