अमरावती: मार्केट में जब से बॉल पॉइंट पेन आए तब से स्याही वाले पेन की मांग खत्म होने लगी. लेकिन तेनाली के एक कलम व्यापारी को अब भी खोई हुई विरासत यानी फाउंटेन पेन से प्यार है. वे फाउंटेन पेन की नि:शुल्क मरम्मत करते हैं.
राजमुंदरी रत्नम पेन और तेनाली प्रसाद पेन को अतीत में किसी परिचय की आवश्यकता नहीं थी. किसी की जेब में सुनहरे रंग की टोपी वाला फाउंटेन पेन ले जाना क्लास का पर्याय था. हालांकि वे बदलते समय के साथ गायब हो गए. गुंटूर में रेनार पेन स्टोर्स के मालिक वेंकट नारायणमूर्ति उन्हें संरक्षित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. स्वतंत्रता पूर्व युग के इस्तेमाल किए गए लोगों से लेकर आधुनिक समय की कृतियों तक हर तरह के फाउंटेन पेन यहां पाए जा सकते हैं. जो न केवल दुर्लभ बल्कि कीमती भी हैं. नारायणमूर्ति पुराने जमाने की आधुनिक कलमों को संरक्षित करते हैं और क्षतिग्रस्त कलमों की मुफ्त में मरम्मत करते हैं.
नारायणमूर्ति की दुकान विभिन्न प्रकार के स्याही पेन के साथ-साथ विदेशों के कुछ सबसे महंगे पेन भी प्रदान करती है. ग्राहकों की पसंद के अनुरूप सोने, चांदी और पीतल से बने पेन भी यहां आसानी से उपलब्ध हैं. साथ ही ग्राहकों को 30 अलग-अलग रंगों की इंक ऑफर की जाती है. नारायणमूर्ति का कहना है कि फाउंटेन पेन के उनके प्यार ने उन्हें मुफ्त में मरम्मत करने के लिए प्रेरित किया है. उन्होंने कहा कि कई युवाओं को फाउंटेन पेन के लिए लिंक लेते देखना एक स्वागत योग्य दृश्य है. उन्होंने कहा कि बदलते समय के अनुरूप बदलाव और जोड़कर सभी को स्याही पेन भी उपलब्ध कराया जा रहा है.
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