कोटा. राजस्थान के कोटा को शिक्षा नगरी कहा जाता है, जहां हर साल हजारों छात्र इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना लेकर आते हैं. ऐसा ही सपना मध्य प्रदेश के कृष्णकांत का भी पूरा हुआ है. जेईई एडवांस्ड क्रैक करने के बाद कृष्णकांत को आईआईटी कानपुर की सीएस ब्रांच (कंप्यूटर साइंस ब्रांच) में एडमिशन अब मिल जाएगा. उन्होंने कोटा के एक निजी कोचिंग संस्थान से पढ़ाई की थी, जिसके बाद जेईई एडवांस्ड में उनकी ऑल इंडिया 924 रैंक बनी है. साथ ही ओबीसी कैटेगरी में 154 रैंक आई है.
एमपी के सागर जिले के बिचपुरी गांव के दिहाड़ी मजदूर कमलेश साहू के बेटे कृष्णकांत ने जी तोड़ मेहनत कर सफलता हासिल की है. कृष्णकांत के पिता कमलेश का कहना है कि वे ज्यादा पढ़ते तो आज अच्छी पोजीशन पर होते, इसलिए उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाई से दूर नहीं किया. बच्चों को पढ़ा-लिखाकर अच्छी पोजीशन पर पहुंचाना ही उनका लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि बेटे को आईआईटी में एडमिशन मिल जाएगी तो आने वाले दिनों में परिवार की स्थिति ठीक हो जाएगी.
बच्चों को पढ़ाने के लिए बने दिहाड़ी मजदूर : कमलेश साहू 12वीं पास हैं और पारिवारिक बंटवारे में उनके हिस्से में महज डेढ़ एकड़ जमीन और कच्चा मकान ही आया, जिसे वो आज तक पक्का नहीं करवा पाए. 3 बच्चों का लालन-पालन करने के लिए कमलेश और उनकी पत्नी कुंती दूसरे के खेतों पर दिहाड़ी मजदूरी भी करने जाते हैं. मां कुंती भी आठवीं पास हैं. कृष्णकांत की बड़ी बहन जूली बीएससी कर चुकी है, जबकि छोटा भाई शिवकांत दसवीं में पढ़ रहा है.
फैकल्टी ने कोटा में किया मोटिवेट : कृष्णकांत की कक्षा 6 से दसवीं तक की पढ़ाई निजी स्कूल से निशुल्क रही. इसके बाद सागर से कक्षा 12वीं तक सरकारी स्कूल से पढ़ाई की. उनके 10वीं में 97.5 और 12वीं में 92.2 प्रतिशत अंक आए थे. कृष्णकांत की 11वीं की पढ़ाई के समय कोविड-19 आ गया था. ऐसे में मोबाइल और इंटरनेट के अभाव में उनकी पढ़ाई कुछ दिनों के लिए रुक गई, फिर रिश्तेदारों ने मदद की तब पढ़ाई दो महीने बाद शुरू हुई. कृष्णकांत का कहना है कि फैकल्टी ने उन्हें काफी मोटिवेट किया था. उन्होंने कहा कि बीटेक के बाद कुछ समय के लिए जॉब करूंगा, ताकि परिवार की स्थिति बेहतर कर सकूं. इसके बाद खुद का बिजनेस शुरू करूंगा, ताकि जॉब करने की जगह लोगों को जॉब दे सकूं.
जेईई मेन में 76 परसेंटाइल, एडवांस्ड में किया कमाल : कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के निदेशक नवीन माहेश्वरी का कहना है कि कृष्णकांत ने 12वीं के साथ पहली बार मध्य प्रदेश से ही जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन की परीक्षा दी थी. इसमें उनके 53 परसेंटाइल स्कोर हुए थे. स्कूल के टीचर ने कोटा जाकर कोचिंग करने के लिए मोटिवेट किया. इसके बाद कृष्णकांत ने साल 2023 में कोटा में प्रवेश लिया. परिजनों ने भी उसकी पढ़ाई में कोई व्यवधान नहीं होने दिया. जेईई मेन 2023 में उसके 76 परसेंटाइल बने थे, इससे वो थोड़ा निराश हुआ, हालांकि फैकल्टी के साथ उसने दिन-रात मेहनत की और एडवांस्ड में 91 परसेंटाइल स्कोर किया.