नई दिल्ली: बीजेपी के हमेशा से एजेंडे में सबसे ऊपर रहने वाला विषय राम मंदिर का सपना अब साकार होने जा रहा है और 22 जनवरी की तारीख भी तय कर दी गई है. जहां इस मौके पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचेंगे, वहीं पूरे देश जी नहीं, विदेशों में रहने वाले भी रामभक्तों का तांता एक महीने तक होने वाले समारोह में लगा रहेगा. कैसी होगी इस शहर की व्यवस्था जब इतनी बड़ी संख्या में रामभक्त अयोध्या पहुंचेंगे.
तैयारियों को लेकर ईटीवी भारत से बात करते हुए, अयोध्या से सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि अयोध्या में 22 जनवरी के लिए संख्या तय कर दी गई है और 24 जनवरी से भक्तों की संख्या बढ़ेगी और 22 जनवरी से 40 दिनों तक रामभक्त देश के अलग-अलग भागों से यहां आयेंगे. उन्हें रामलाला के दर्शन करवाए जायेंगे. इसके लिए मंदिर ट्रस्ट तो तमाम व्यवस्था कर ही रहा है, साथ ही स्थानीय प्रशासन भी पूरी तरह से चाक चौबंद है.
उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद की तरफ से तमाम तैयारियां लगभग अंतिम समय में चल रही हैं. भाजपा सांसद का कहना है कि रामभक्तों की तैयारी कभी रुकी ही नहीं थी. अदालत के फैसला आने से पहले से ही चल रही थी और अब अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस सवाल पर कि इस मौके पर क्या आप स्थानीय सांसद के नाते विपक्ष को भी न्योता देंगे? सांसद ने कहा कि वैसे तो मेहमानों की सूची विश्व हिंदू ट्रस्ट बना रहा है, लेकिन हम लोग विपक्ष को जरूर न्योता देंगे, जिन्हे आना होगा, वो आएंगे जिन्हें नहीं आना, उनकी अपनी मर्जी.
इस सवाल पर कि क्या रामभक्तों के ठहरने की पूरी व्यवस्था की जा रही है? स्थानीय सांसद ने कहा कि लगभग 6 हजार रामभक्त प्रतिदिन 40 दिन तक आयेंगे और उनके रहने खाने ठहरने का इंतजाम ट्रस्ट की तरफ से किया जाएगा और ये सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी को रामलला के दर्शन हो पाए.
इस सवाल पर कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 सुप्रीम कोर्ट ने भी वैध ठहराया है, इस पर क्या कहना है? भाजपा सांसद ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटने से अलगाववादी ताकतों को मायूसी हुई थी और आज अदालत ने उसे सही और वैध ठहराकर उनकी उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है. एक देश में अलग विधान कैसे हो सकता है. सर्वोच्च न्यायालय ने बहुत बढ़िया फैसला दिया है, ताकि अलगाववादी ताकतों के मंसूबों पर पानी फिर गया है.