गुना : मध्यप्रदेश के गुना जिले के सिरसी थाना क्षेत्र में एक गर्भवती महिला के कंधे पर उसके देवर को बैठकर तीन किलोमीटर चलाया गया. इस दौरान महिला की बैट से पिटाई भी की जा रही थी. महिला पांच महीने गर्भवती है. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रह है.
घटना बमौरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत राय स्थित दगडफला गांव की है. भील समाज की एक महिला की पहली शादी बांसखेड़ी निवासी एक युवक से हुई थी. बाद में वह एक अन्य युवक के साथ सगाई करने के बाद रहने लगी. महिला ने बताया कि उसके पति ने उसे छोड़ने की बात कही थी इसलिए वह युवक के साथ रहने लगी थी.
करीब एक माह से वह और युवक पति-पत्नी की तरह रह रहे थे. जिसकी सूचना उसके पूर्व ससुरालवालों को मिली तो, उसके ससुर, जेठ सहित करीब आठ लोग उसके घर आए.
देवर को कंधे पर बैठकर तीन किलोमीटर चलाया
महिला ने बताया कि पहले तो ससुराल वालों ने उससे मारपीट की. घटना के समय उसका पति मजदूरी के लिए घर से बाहर गया था. वह घर पर अकेली थी. मारपीट के बाद ससुरालवालों ने देवर को उसके कंधे पर बैठा दिया. इसके बाद बांसखेड़ी गांव यानि उसकी पूर्व ससुराल चलने को कहा. यह रास्ता तीन किलोमीटर का है. वहीं जब महिला ने इसका विरोध किया तो, सभी ने उसके साथ जबरदस्ती की. बाद में क्रिकेट के बल्ले से मारते हुए उसे ले जाया गया.
इस घटना के दो-तीन अलग-अलग वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं. सिरसी पुलिस ने मारपीट की धाराओं में महिला के पूर्व ससुराल के चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
पूर्व सीएम ने किया ट्वीट
गुना में महिला के साथ हुए इस घटना पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि 'प्रदेश के गुना जिले के बांसखेड़ी गांव में एक गर्भवती महिला के साथ घटित घटना बेहद शर्मशार करने वाली, इंसानियत व मानवता को तार- तार कर देने वाली है. एक गर्भवती महिला के कंधे पर एक युवक को बैठाकर उसका नंगे पैर जुलूस निकाला गया, रास्ते भर उसकी लाठी- डंडो से बेरहमी से पिटाई की गयी.
ये हम कैसे प्रदेश में जी रहे?
पूर्व सीएम ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि शिवराज जी, ये हम कैसे प्रदेश में जी रहे हैं, क्या यही आपका सुशासन है? एक महिला के साथ ये कैसा अमानवीय व्यवहार ? एक महिला का जुलूस निकलता रहा और कोई रोकने वाला नहीं ? कहां सोता रहा आपका पुलिस प्रशासन ?
दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई?
तीसरे ट्वीट में पूर्व सीएम ने लिखा कि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो और इस गंभीर मामले में लापरवाही बरतने वाले दोषी अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो. महिला को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाए. उसका समुचित इलाज सरकार करवाये और उसकी हरसंभव मदद की करें.