धनबाद: सरकारी व्यवस्था की लापरवाही के कारण एक गर्भवती महिला की जान चली गई. गर्भवती महिला की गंभीर हालत को देखते हुए उसे रांची के रिम्स रेफर किया गया था. महिला को झारखंड सरकार द्वारा संचालित 108 एंबुलेंस से रांची ले जाया जा रहा था. लेकिन बीच रास्ते में ही एंबुलेंस खराब हो गई. मरीज के परिजन घंटों तक दूसरी गाड़ी का इंतजार करते रहे, लेकिन दूसरी गाड़ी की व्यवस्था नहीं हो सकी. इसी बीच महिला ने दम तोड़ दिया.
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इस घटना के बाद से झारखंड की सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. मरीज की जान बचाने की जिम्मेदारी जिन कंधों पर है, उन्हीं की लापरवाही के कारण महिला की जान चली गई. महिला के साथ ही महिला के गर्भ में पलने वाला शिशु जन्म भी नहीं ले सका.
घटना धनबाद जिले के महुदा के मछियारा में घटी है. जहां एंबुलेंस खराब हो गई. एंबुलेंस के ईएमटी (इमरजेंसी टेक्नीशियन) की मानें तो तकनीकी दिक्कत के कारण वाहन खराब हुई है. उसने दूसरे एंबुलेंस की व्यवस्था के लिए प्रयास भी किया. लेकिन दूसरे एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सकी. वहीं गर्भवती महिला के परिजन और उनके पति का कहना है कि 108 एंबुलेंस खराब होने के बाद काफी देर तक दूसरी गाड़ी का इंतजार करते रहे. लेकिन दूसरी एंबुलेंस वहां समय से नहीं पहुंच सकी. ईएमटी के द्वारा आश्वासन दिया गया कि जल्द ही दूसरी गाड़ी आ जाएगी. लेकिन वह नहीं आई.
12 सितंबर को महिला को किया गया था अस्पताल में भर्ती: बता दें कि गिरिडीह जिले के चरघरा के रहने वाले धीरेंद्र यादव की 20 वर्षीय पत्नी शांति कुमारी आठ महीने की गर्भवती थीं. परिजनों ने उन्हें 12 सितंबर को धनबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां उनकी स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को डॉक्टरों ने उन्हें रांची रिम्स रेफर कर दिया. जिसके बाद मरीज के परिजन उन्हें झारखंड सरकार की 108 डायल सेवा एंबुलेंस संख्या 0823 एमपी 8403बी से रांची रिम्स ले जा रहे थे. इस दौरान महुदा के मछियारा में एंबुलेंस अचानक खराब हो गई और महिला की मौत हो गई.
इस पूरे मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉक्टर चंद्रभानु प्रतापन ने कहा कि 108 एंबुलेंस एजेंसी के द्वारा चलाई जाती है. इस घटना के लिए किस पर कार्रवाई करनी है. इसके लिए हमें जांच पड़ताल करनी पड़ेगी. किन शर्तों पर एजेंसी को एंबुलेंस की व्यवस्था सुचारू ढंग से चलने के लिए दी गई है, यह जांच पड़ताल के बाद ही साफ हो सकेगा.