आगरा: मोहब्बत की निशानी ताजमहल की खूबसूरती को चार चांद लगाने वाले बेशकीमती पत्थर हर साल गायब हो रहे हैं. इसलिए, ताजमहल की चमक और सौंदर्य बनाए रखने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने गायब पत्थरों की जगह नए बेशकीमती पत्थर लगाए गए हैं. बीते सात साल की बात करें तो ताजमहल में करीब ढाई करोड़ रुपये खर्च करके बेशकीमती स्टोन लगाए गए हैं. यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत एएसआई ने दी है.
बता दें कि, मुगल बादशाह शाहजहां ने जब मोहब्बत की निशानी ताजमहल को तामीर कराया था तो उसके संगमरमरी बदन पर खूबसूरती के लिए पच्चीकारी से बेशकीमती स्टोन लगवाए थे. समय के साथ ताजमहल में जड़े गए बेशकीमती स्टोन अब उखड़ रहे हैं. इस बारे में आरटीआई एक्टिविस्ट ने ताजमहल से गायब हो रहे बेशकीमती स्टोन की जानकारी एएसआई से मांगी. एएसआई के जनसूचना अधिकारी महेश चंद्र मीणा ने आरटीआई के जवाब में पच्चीकारी (इनले वर्क) से गायब स्टोन की जगह वैसे ही स्टोन लगाने की जानकारी दी. इसको लेकर एएसआई की ओर से टेंडर भी जारी किए जाते हैं.
यहां से गायब हुए बेशकीमती स्टोन
एएसआई की जानकारी के मुताबिक, ताजमहल के मुख्य गुम्बद, शाहजहां-मुमताज की कब्र, रॉयल गेट और ताजमहल के अन्य हिस्सों से बेशकीमती पत्थर गायब हुए हैं.
किताबों में बेशकीमती पत्थर का जिक्र
बता दें कि, तमाम इतिहासकार ने अपनी किताबों में ताजमहल की सुंदरता में लगाए गए बेशकीमती पत्थर का जिक्र है. पुस्तक 'द ताज एंड इट्स एनवॉयरमेंट' में लिखा है कि, ताजमहल के निर्माण में 42 तरह के पत्थर लगवाए गए थे. बेशकीमती स्टोन को लेकर मौलवी मुईनुद्दीन ने अपनी किताब में इसका जिक्र किया है.
यह कराया गया काम
एएसआई की ओर से जो आंकड़े दिए गए हैं. उसके मुताबिक, वर्ष 2021-22 में दक्षिण और पश्चिमी मीनारों पर 15.77 लाख रुपये का काम कराया गया है. वर्ष 2018-19 में 51 लाख रुपये, वर्ष 2017-18 में 42 लाख रुपये, वर्ष 2016-17 में 20 लाख रुपये का काम कराया. जबकि, वर्ष 2015-16 में 12141 रुपये बताया गया है. लेकिन, ताजमहल के इनले वर्क को देखते हुए यह आंकड़ा अधूरा है.
कहां से कितने पत्थर गायब हुए
पत्थर का नाम | स्थान | संख्या |
अतीक | बगदाद | 540 |
फिरोजा | तिब्बत | 670 |
मूंगा | भारत | 143 |
रूबी | बड़सान | 142 |
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