मुंबई : जामा मस्जिद में महिलाओं के लिए अलग से इबादतगाह है, जहां महिलाएं नमाज अदा करती नजर आईं. इस मुद्दे पर महिलाओं का कहना है कि जब नमाज का समय होगा तो वे अब मस्जिद आ सकेंगी. नई मुंबई के तलुजा इलाके में रहने वाली सैयदा सुल्तान परवीन फातिमा (Syeda Sultan Parveen Fatima) का कहना है कि वह बहुत खुश हैं कि मस्जिद ने महिलाओं के पूजा करने के लिए अलग जगह बनाई है, जहां वे नमाज अदा कर सकती हैं.
सुल्तान परवीन का कहना है कि मस्जिद में महिलाओं के लिए पहले से ही व्यवस्था है लेकिन अब एक नियमित जगह अलग करना गर्व की बात है जहां हम महिलाएं नमाज अदा कर सकती हैं. जामिया मस्जिद के चेयरमैन शोएब खतीब का कहना है कि यह इलाका खरीदारी के लिए मशहूर है. इसे ध्यान में रखते हुए हमने महिलाओं के लिए प्रार्थना स्थल आवंटित करने के बारे में सोचा. इस पर मुफ्तियों से चर्चा हुई और हमने उनकी अनुमति के बाद ही यह कदम उठाया.
शोएब खतीब का कहना है कि इस अंदाज में मुंबई में अन्य पूजा स्थलों को भी महिलाओं के लिए आवंटित किया जा सकता है. कानून इसकी इजाजत देता है. इस्लाम ने महिलाओं को समानता का दर्जा दिया है, लेकिन साथ ही शरीयत ने कुछ नियम और कानून बनाए हैं जहां वे अपनी सीमा के भीतर सब कुछ कर सकती हैं. इसमें न केवल प्रार्थना बल्कि व्यापार, उच्च शिक्षा भी शामिल है.
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