प्रयागराज : माफिया अतीक अहमद के गुर्गे पर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का केस दर्ज किया गया है. करेली थाने ने हिस्ट्रीशीटर समेत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट गई है. रंगदारी मांगने का ये मामला 21 फरवरी का बताया जा रहा है, जब उमेश पाल की हत्या नहीं की गई थी.
बता दें, 25 जनवरी 2005 में बसपा विधायक रहे राजू पाल की सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में रुखसाना नाम की महिला भी गोली बारी में घायल हुई थी और वो घटना की चश्मदीद गवाह भी थी. राजू पाल की हत्या का आरोप अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के साथ ही गैंग के अन्य शूटरों पर लगा. उसी दौरान रुखसाना को कई बार राजू पाल हत्याकांड में गवाही देने से रोकने का भी प्रयास किया गया. इसी बीच बीते 21 फरवरी को रुखसाना के भाई मोहम्मद नूर को मारा पीटा गया और गवाही से मुकरने के लिए धमकाया भी गया. साथ ही अतीक अहमद के गैंग के खास गुर्गे ग्राम प्रधान मुबारक और उसके परिवार वालों द्वारा धमकाते हुए 50 लाख रुपये की रंगदारी देने की भी मांग की गई. पीड़ित ने पुलिस को बताया की प्रधान मुबारक उसके भाई सराफत और अरबाज व इशरत उर्फ गुड्डू ने मिलकर उसे मारा पीटा और रंगदारी न देने पर हत्या करने की धमकी भी दी थी.
पुलिस मामले की जांच में जुटी : राजू पाल हत्याकांड के गवाह रुखसाना के भाई की तहरीर पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने मोहम्मद नूर की तहरीर पर बक्शी मोढ़ा के प्रधान मुबारक और उसके भाई शराफत के साथ ही मुबारक के बेटे अरबाज और इशरत के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. इसी के साथ पुलिस ने नामजद प्रधान की तलाश में उसके घर दबिश भी दी, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही घर से फरार हो चुका था.