देहरादून: महिला सशक्तिकरण का जीता जागता एक और उदाहरण उत्तराखंड की बेटी प्रतिभा थपलियाल के रूप में सामने आया हैं. दो बच्चों की गृहणी मां प्रतिभा पिछले 3 वर्षों से बॉडी बिल्डिंग को अपना जुनून बनाकर न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान बनाने की रेस में जुटी हैं. प्रतिभा थपलियाल ने बीते 6 माह पहले सिक्किम में आयोजित राष्ट्रीय बॉडी बिल्डिंग महिला प्रतियोगिता में चौथा स्थान प्राप्त कर उत्तराखंड का नाम रोशन किया है.
प्रतिभा का अब अगला लक्ष्य एशिया बॉडी बिल्डिंग और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले महिला बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन कर नाम कमाने का है. साधारण हाउस वाइफ के रूप में बॉडी बिल्डिंग के फील्ड में नई ऊंचाइयों को छूने की तमन्ना रखने वाली प्रतिभा इससे पहले उत्तराखंड के वॉलीबॉल खेल में कैप्टन और इंडिया महिला क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर चुकी हैं. फिलहाल, प्रतिभा का जुनून बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में बड़ा नाम कमाने का है. एक साधारण गृहणी और पेइंग गेस्ट हाउस चलाने वाली प्रतिभा कैसे एक महिला सशक्तिकरण के रूप में अपने बॉडी बिल्डिंग करियर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए तपस्या कर रही हैं.
मोटापा घटाने से शुरू हुआ बॉडी बिल्डिंग का सफर: प्रतिभा थपलियाल बताती हैं कि लगभग 3 वर्ष पहले उन्होंने बॉडी बिल्डिंग की शुरुआत सिर्फ अपने वजन को घटाने के लिए शुरू की थी. साधारण गृहणी होने के चलते 2 बच्चों की मां और पेइंग गेस्ट हाउस (PG) चलाने वाली प्रतिभा ने अपने पति की देखरेख में जिम जाना शुरू किया. उनके पति भी बॉडी बिल्डिंग का शौक रखते हैं. पति भूपेश थपलियाल की निगरानी में प्रतिभा जिम में घंटों पसीना बहाती हैं.
तीन साल के अथक प्रयास और मेहनत के बल पर प्रतिभा ने वो मुकाम हासिल किया है कि अब उनको राष्ट्रीय स्तर की बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता के लिए जाना जाता है. प्रतिभा पिछले 6 माह से बॉडी बिल्डिंग की प्रतियोगिता में शामिल होती रहीं और बीते फरवरी माह 2022 को उन्होंने सिक्किम जाकर राष्ट्रीय स्तर की महिला बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने चौथा स्थान हालिया किया.
अपने खर्चे पर लेती हैं अच्छी डाइट: प्रतिभा थपलियाल के मुताबिक, आज वह अपने घरेलू काम के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बॉडी बिल्डिंग कंपटीशन में किस्मत आजमाने के लिए सुबह और शाम तीन-तीन घंटे जिम जाकर खूब मेहनत करती हैं. हालांकि, बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में उन्हें आगे बढ़ने के लिए आम जिंदगी की तरह खानपान और अन्य की कई रूटीन लाइफ को छोड़ना पड़ा है. मसलन, वह अपनी बॉडी बिल्डिंग जुनून को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए एक प्रोफेशनल की तरह हेल्थी डाइट लेती हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बॉडी बिल्डिंग कंपटीशन में जाने की तैयारी कर रही हैं.
निकालकर आगे बढ़ सकती हैं महिलाएं: उत्तराखंड की पहली महिला बॉडी बिल्डिंग में नाम कमाने वाली प्रतिभा थपलियाल के मुताबिक, पहाड़ की महिलाएं बहुत ही मजबूत होती हैं. ऐसे में उनका सभी महिलाओं को एक संदेश है कि वह अपने अपने शौक और सपनों को पूरा करने के लिए अपनी सामान्य जिंदगी के साथ-साथ कुछ समय निकालकर दृढ़ संकल्प से किसी भी क्षेत्र में मेहनत कर आगे बढ़ सकती हैं.
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पति का सबसे बड़ा सहयोग: प्रतिभा थपलियाल के मुताबिक, बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उनको सबसे बड़ा मॉरल सपोर्ट उनके पति भूपेश थपलियाल से मिला है. पति भूपेश लगातार उनको इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए एक प्रोफेशनल प्रशिक्षक की तरह न सिर्फ उनके इस सपने को आगे बढ़ाने के लिए मदद कर रहे हैं बल्कि उनका भरपूर सहयोग भी कर रहे हैं.
प्रतिभा जैसे खिलाड़ियों पर सरकार का कोई ध्यान नहीं: प्रतिभा थपलियाल जैसी न जाने कितनी महिलाएं हैं, जिनके अंदर जिंदगी में कुछ कर गुजरने की तमन्ना है. लेकिन किन्हीं कारणों से वे आगे नहीं बढ़ पाती हैं. बॉडी बिल्डिंग हो या कोई भी अन्य खेल का क्षेत्र आज सरकारों को प्रतिभा थपलियाल जैसी होनहार और मेहनती महिलाओं को इस तरह के खेल और प्रतियोगिताओं में आगे बढ़ाने के लिए न सिर्फ आर्थिक मदद की दरकार है. साथ ही उनको प्रोत्साहन देने की भी जरूरत है. फिलहाल, बॉडी बिल्डिंग ने उत्तराखंड की पहली महिला के रूप में देश और दुनिया में नाम कमाने के लिए जी जान से मेहनत करने वाली प्रतिभा थपलियाल को राज्य सरकार खेल मंत्रालय से कोई मदद अब तक नहीं मिल सकी है.