अमृतसर : कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच चुनाव रणनीतिकार (election strategist) प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab CM Captain Amarinder Singh) के प्रमुख सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया है. प्रशांत किशोर ने यह इस्तीफा ऐसे वक्त में दिया है, जब अगले साल पंजाब में विधानसभा चुनाव है.
सूत्रों की मानें तो प्रशांत किशोर ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रमुख सलाहकार (Principal Advisor) के पद से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि उन्होंने सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका से अस्थाई ब्रेक (temporary break from active role in public life) लेने का फैसला किया है.
पंजाब के सीएम को लिखे अपने पत्र में प्रशांत किशोर ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका से अस्थायी ब्रेक लेने के मेरे फैसले के मद्देनजर, मैं आपके प्रधान सलाहकार के रूप में जिम्मेदारियों को संभालने में सक्षम नहीं हूं, चूंकि मुझे अभी अपनी भविष्य की कार्रवाई के बारे में फैसला करना है, इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध करें.
आम आदमी पार्टी और अकाली दल को हो सकता है फायदा
प्रशांत किशोर के रिजाइन के बाद पंजाब कांग्रेस में हलचल तेज हो चुकी है तो वहीं शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी इस स्थिति का फायदा जरूर पहुंचेगा, क्योंकि शिरोमणि अकाली दल ने पहले ही प्रशांत किशोर के खासम खास रणनीतिकार साथी को अकाली दल की रणनीति बनाने का जिम्मा सौंपा हुआ है, तो वहीं अब आम आदमी पार्टी भी जल्द मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान कर पंजाब में राजनीति तेज करेंगे और आम आदमी पार्टी का एजेंडा लोगों के सामने जल्द रखेंगे.
इस दौरान पंजाब विधानसभा प्रेस गैलरी के प्रधान और सीनियर पत्रकार अश्वनी कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर ने अभी अपनी टीम के साथ पूरा कामकाज नहीं संभाला था, लेकिन अभी कांग्रेस के पास 6 महीने का वक्त बाकी है, जो दोबारा कांग्रेस सरकार बनाने के लिए काम और रणनीति बना सकती है. हालांकि यह कांग्रेसी सेट बैंक जरूर है, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू पर डबल जिम्मेदारी आ चुकी है. क्योंकि उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन मजबूत करने के साथ-साथ कांग्रेस को चुनाव जिताने में भी मेहनत करनी पड़ेगी.
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वहीं, इस दौरान सीनियर पत्रकार रमनजीत सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर अब सरकार में रहकर ज्यादा कांग्रेस के लिए काम कर सकेंगे क्योंकि चर्चा यह भी चल रही है कि कांग्रेस हाईकमान की तरफ से प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करवाया जा सकता है और प्रशांत किशोर का समय 2024 के चुनाव के लिए कांग्रेस हाईकमान इस्तेमाल करना चाहती है, तो साफ तौर पर जाहिर है कि पंजाब में भी 2022 का विधानसभा चुनाव प्रशांत किशोर को जिताने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी.