मैसूर: कर्नाटक के मैसूर में एक व्यक्ति ने कोटे अंजनेय मंदिर के सामने प्राणायाम किया और चिलचिलाती धूप में 42 मिनट तक अपनी नंगी आंखों से सूरज को देखा. जानकारी के अनुसार उनका नाम बद्री नारायण है. उनके लिए एक साहसिक कार्य करना एक रोमांच है. उन्होंने ऐसा कारनामा कर सभी को हैरान कर दिया है. इसके जरिए वह वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं. वह पहले भी योग के जरिए कई रिकॉर्ड बना चुके हैं और अब वह इस तरह का एडवेंचर करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं.
ईटीवी भारत से बात करने के बाद बद्री नारायण ने कहा, 'मेरी मां इस उपक्रम की प्रेरणा हैं. रथ सप्तमी का दिन मेरी मां का जन्मदिन है. मैं यह साहसिक कार्य उन्हें समर्पित करता हूं. मैं इस साल उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करता हूं. मैं अपने गुरु के मार्गदर्शन में यह साहसिक कार्य कर रहा हूं.' बद्री नारायण अब तक करीब 1,300 प्राचीन स्थलों पर शीर्षासन योग कर चुके हैं. इसमें कंबोडिया, मलेशिया और भारत के कई प्राचीन स्थल भी शामिल हैं. उनके साहसिक कार्य के लिए कई संस्थाओं ने उन्हें लिंक अवार्ड, आशीष वर्ल्ड रिकॉर्ड, एलीट वर्ल्ड रिकॉर्ड समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया है.
सूर्य को नंगी आंखों से देखकर किया जाने वाला प्राणायाम बहुत खतरनाक होता है. हालांकि इसके कई फायदे हैं. इस प्रक्रिया को हम 'सूर्य किरण क्रिया' कहते हैं. इस तरह की क्रिया हमारे मस्तिष्क के पिछले हिस्से को सक्रिय करती है. बद्री नारायण कहते हैं, यह मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक जीवन के लिए बहुत उपयोगी है और इस क्रिया से हमारे शरीर को विटामिन डी की आपूर्ति होती है.
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सूर्य को नग्न आंखों से सूर्योदय के आधे घंटे पहले और सूर्यास्त के आधे घंटे पहले देखा जा सकता है. लेकिन दोपहर 12 बजे नंगी आंखों से देखना खतरनाक होता है. बद्री नारायण ने लोगों से अनुरोध किया कि कोई भी इस तरह के प्रयास में शामिल न हो. उन्होंने ईटीवी भारत को सूचित किया कि उन्होंने दोपहर 12 बजे से दोपहर 12:42 बजे तक नंगी आंखों से त्राटक प्राणायाम करके विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया है और इसे विश्व रिकॉर्ड के लिए भेजेंगे.