नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा लेकर कांग्रेस पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली दंगों की निंदा जितनी की जाए वह कम है. जिसने भी इसे प्रेरित किया, उसे दंडित किया जाना चाहिए. भारत तिरंगे का अपमान नहीं भूलेगा. कांग्रेस ने लगातार इन किसानों के विरोध प्रदर्शन को हवा दी है.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राहुल गांधी लगातार आंदोलन को केवल समर्थन ही नहीं कर रहे थे बल्कि उकसा भी रहे थे. CAA को लेकर ऐसा ही किया था. सड़क पर आने को वो उकसाते हैं और दूसरे दिन से सड़क पर आंदोलन शुरू होता है. कांग्रेस की सरकार ने जानबूझ कर किसानों को उकसाया, कल के यूथ कांग्रेस और कांग्रेस से संबंधित संस्थाओं के ट्वीट भी प्रमाण हैं.
दिल्ली पुलिस पर पत्थर भी फेंके गए
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने हिंसा के दौरान उल्लेखनीय संयम प्रदर्शित किया. उन पर तलवारों से हमला किया गया और यहां तक कि पत्थर भी फेंके गए, लेकिन उन्होंने जवाबी हमला नहीं किया. उन्होंने धैर्य के साथ स्थिति को नियंत्रण में लाया.
पीएम की लोकप्रियता से कांग्रेस हताश, अशांति फैलाने की साजिश
बकौल जावड़ेकर, भाजपा और विशेषकर पीएम मोदी की लोकप्रियता और सफलता लगातार बढ़ रही है. कांग्रेस और कम्यूनिस्टों की घट रही है. उनको चिंता परिवार राज की है, जिसको लोगों ने नकार दिया है. कांग्रेस हताश और निराश है, चुनाव में हार रहे हैं, कम्युनिस्टों की भी वही हालत है. इसलिए पश्चिम बंगाल में नई दोस्ती का रिश्ता ढूंढ रहे हैं. कांग्रेस किसी भी तरह से देश में अशांति फैलाना चाहती है.
सरकार ने लगातार चर्चा की
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने कृषि कानूनों पर 10 राउंड चर्चा की है, साल-डेढ़ साल कानून रोकने, स्थगित करने की भी तैयारी दिखाई है. चर्चा के लिए बुलाया, हर बिंदु पर चर्चा करके दिखाइए कि किसानों का कौन सा अधिकार इन कानूनों से कम हुआ है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), एपीएमसी मंडी, मालिकाना हक किसी को भी दिक्कत नहीं पहुंची है, सब जारी रहेगा ये मालूम है इनको.
चुनावी हार के बाद माहौल बिगाड़ने में लगे
इन कानूनों से किसान को विकल्प देने का प्रयास है. ये कांग्रेस भी समझती है, लेकिन ये समझौता होने नहीं देना चाहती है. एक तरह से कभी-कभी लगता है कि ये लोग जो चुनाव में पराजित हुए हैं, वो सब इकट्ठा होकर देश में माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
बता दें कि दोपहर में प्रकाश जावड़ेकर ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने कोप्रा के एमएसपी को 10,335 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला लिया है. यह कीमत साल 2020 की दरों की तुलना में 375 रुपये ज्यादा है.
उन्होंने दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए उत्पात के संबंध में कहा था कि दिल्ली पुलिस आज शाम प्रेस वार्ता करेगी और कल किसान रैली के दौरान हिंसा के बारे में सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा.