पटना: बिहार की राजधानी पटना में ट्रूकॉलर (Truecaller) की तर्ज पर एक कॉलर ऐप 'भारत कॉलर ऐप' (Bharat Caller App) डेवलप किया है, जो इन दिनों लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है. इस ऐप में लोगों की प्राइवेसी का विशेष ध्यान रखा गया है. ये ऐप 15 अगस्त को लॉन्च किया गया था और अब तक दो लाख के करीब यूजर्स इस ऐप से जुड़ चुके हैं. इस ऐप को पटना के प्रज्वल ने डेवलप किया है.
इस बारे में ऐप डेवलपर प्रज्वल ने बताया कि मैंने, मेरे दोस्त कुणाल और रंजीता के साथ मिलकर भारत कॉलर ऐप के नाम से कॉलर आईडी ऐप डेवलप की है. कॉलर ऐप वो होता है जिसमें अगर कोई व्यक्ति आपको कॉल करता है, तो भले ही उसका नंबर आपके मोबाइल में सेव ना हो मगर उसके नाम को मोबाइल पर डिस्प्ले कर दिया जाता है. इसके लिए उनके पास एक बहुत बड़ा डेटाबेस होता है, जहां से उस नंबर के अनुसार नाम मैच कर स्क्रीन पर शो कर दिया जाता है.
उन्होंने बताया कि उनके पास 50 करोड़ से अधिक नंबर का डेटाबेस है, जिसके अनुसार स्क्रीन पर नंबर शो किया जाता है. आप जब ऐप को डाउनलोड करते हैं तो सबसे पहले आपके नाम की जानकारी ली जाती है और ये जानकारी सर्वर में सेव हो जाती है और आप जब कभी किसी को कॉल करते हैं, तो उसके पास उस नाम से कॉल चला जाता है, बशर्ते उसके पास भी यही ऐप हो.
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प्रज्वल ने बताया कि इस ऐप को बनाने का आइडिया उन्हें तब आया जब एक बहुत बड़े विदेशी कॉलर ऐप को बीते दिनों भारत सरकार ने इंडियन आर्मी के लोगों के लिए बैन कर दिया और बताया कि इससे उनको प्राइवेसी का खतरा है. ऐसे में उन्होंने निर्णय लिया कि एक स्वदेशी ऐप डाउनलोड किया जाए, जिसमें लोगों की प्राइवेसी का विशेष रूप से ख्याल रखा जाए.
उन्होंने बताया कि लोगों का जो कुछ भी डेटाबेस होता है, उसे एक्सेस करने का उनके किसी भी कर्मी को अनुमति नहीं है और ना ही वो लोग कभी डेटाबेस एक्सेस करते हैं. इसका जो सर्वर है, वो भारत में है और विदेशों में कहीं भी इसका एक्सेस नहीं है. प्रज्वल ने बताया कि बहुत सारी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी के सीईओ भारतीय हैं, मगर अब तक कोई इंडियन कॉलर ऐप नहीं था, ऐसे में उन्होंने निर्णय लिया कि उनका इस फील्ड में अब तक का काम करने का जो कुछ भी अनुभव है, उसके आधार पर एक स्वदेशी कॉलर ऐप डेवलप किया जाए और उसमें लोगों की प्राइवेसी को विशेष महत्व दिया जाए.
प्रज्वल ने बताया कि इस ऐप को उन्होंने 15 अगस्त के दिन लांच किया और इसका काफी बेहतरीन रिस्पॉन्स देखने को मिला है और काफी लोग इससे जुड़ रहे हैं. इस ऐप को लेकर लोगों के बेहतरीन सुझाव भी उन्हें मिल रहे हैं और इसके आधार पर प्रतिदिन ऐप में डेवलपमेंट किया जा रहा है. यह अभी डेवलपिंग प्रोसेस में है.
उन्होंने दावा किया कि आने वाले 1 महीने में ये पूरी तरह से डेवलप कर लिया जाएगा और इस प्रकार से डेवलप किया जाएगा कि ग्लोबल लेवल पर यह ऐप विभिन्न कॉलर एप्लीकेशन से कंपीट कर सकेगा. इस ऐप को बनाने में उन्हें लगभग 3 महीने का समय लगा है. इसकी विशेषता ये है कि डाटा प्राइवेसी और नेशनल सिक्योरिटी पर उनका पूरा फोकस है. यह इंश्योर किया जाता है कि किसी भी व्यक्ति के डाटा को कोई लीक ना कर सकें.
बता दें कि प्रज्वल पटना के मीठापुर के रहने वाले हैं और बेंगलुरु से बीटेक के बाद आईआईएम से एमबीए कर चुके हैं. उन्होंने पटना में 12वीं तक राजवंशी नगर स्थित डीएवी से पढ़ाई की है और उनके पिता ज्योति कुमार सिन्हा एक सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी हैं. प्रज्वल सिन्हा को पिछले साल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्टार्टअप के लिए नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है.
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