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UKSSSC सचिवालय रक्षक दल भर्ती घोटाले में पहली सफलता, प्रदीप पाल अरेस्ट, पेन ड्राइव से चुराया था पेपर

UKSSSC पेपर लीक मामले के बाद उत्तराखंड एसटीएफ ने अब उत्तराखंड सचिवालय रक्षक दल भर्ती घोटाले में भी कार्रवाई शुरू कर दी है. रक्षक दल भर्ती घोटाले में Uttarakhand STF ने पहली गिरफ्तारी की है. आरोपी यूपी के बाराबंकी का रहने वाला है.

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Published : Aug 27, 2022, 3:50 PM IST

Updated : Aug 27, 2022, 4:08 PM IST

देहरादून: सितंबर 2021 में हुए उत्तराखंड सचिवालय रक्षक दल भर्ती परीक्षा में सामने आए घोटाले में एसटीएफ टीम को पहली सफलता हासिल हुई है. एसटीएफ की टेक्निकल टीम की गहन जांच पड़ताल के बाद इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस से मिले सुराग के आधार पर इस केस में उत्तर प्रदेश बाराबंकी निवासी प्रदीप पाल को गिरफ्तार किया गया है.

Uttarakhand STF की गिरफ्त में आया प्रदीप पाल पहले लखनऊ स्थित RIMS प्रिंटिंग प्रेस का पहले कर्मचारी था और बाद में वो आयोग में लंबे समय तक कार्यरत था. प्रदीप ने ही पेन ड्राइव के माध्यम से प्रश्न पत्र को चुराया था और फिर अपने अन्य साथियों की मदद से परीक्षार्थियों के साथ लाखों रुपए में सौदा तय कर पेपर बेचा था. फिलहाल एसटीएफ गिरफ्तार प्रदीप पाल से उससे नेटवर्क से जुड़े लोगों के बारे में गहन पूछताछ कर आगे की जानकारी जुटा रही है.
पढ़ें- UKSSSC पेपर लीक में लखनऊ से RIMS कंपनी का मालिक राजेश चौहान और प्रदीप पाल गिरफ्तार

पूछताछ में अहम खुलासे: पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तों एवं अन्य गवाहों के बयानों से एसटीएफ को जानकारी मिली कि 26 सितंबर 2021 को सचिवालय रक्षक भर्ती आयोजित हुई थी, उसमें भी कई अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले उपलब्ध हो गया था. जिसके बाद एसटीएफ द्वारा सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा की जांच की गई जांच उपरांत परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के साक्ष्य प्राप्त हुए एवं एसटीएफ द्वारा दिनांक 24 अगस्त 2022 को थाना रायपुर पर मुकदमा अपराध संख्या 351 धारा 420 467 468 471/120 आईपीसी एवं 9/10 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम पंजीकृत कराया गया था

आयोग की बिल्डिंग से ही चुराया गया था पेपर: जांच के दौरान प्रकाश में आया कि सचिवालय रक्षक भर्ती में कुल 33 पद हैं और कुल 66 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. जिसमें शारीरिक परीक्षा होनी अभी शेष है. सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा के संबंध में की जा रही विवेचना में यह तथ्य प्रकाश में आया कि सचिवालय रक्षक का प्रश्न पत्र आयोग द्वारा ही बिल्डिंग में लगी प्रिंटिंग मशीनों में छपवाया गया था. जिसका टेंडर आरएमएस टेक्नोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था.

आरएमएस टेक्नोसॉल्यूशन लिमिटेड के कर्मचारी प्रदीप पाल एवं उनकी टीम परीक्षा की तिथि से 1 सप्ताह पूर्व आयोग में प्रश्न पत्र सैट करने एवं छपवाने के लिए आयोग की प्रिंटिंग प्रेस में रायपुर में आए थे. जहां पर प्रदीप पाल द्वारा पेनड्राइव के माध्यम से यह पेपर चुराया गया था. आयोग की बिल्डिंग में लगे सीसीटीवी फुटेज चेक करने पर पता चला कि पेन ड्राइव के जरिए ही प्रदीप पाल ने पेपर चुराया था.

आरोपी ने कबूला जुर्म: गिरफ्तार अभियुक्त प्रदीप पाल द्वारा पूछताछ में बताया गया कि आयोग की बिल्डिंग में पेपर छपने के दौरान मौका पाकर पेनड्राइव के माध्यम से उसे पेपर चुराया था और जयजीत दास को दिया गया था. एसटीएफ के मुताबिक आरोपी प्रदीप पाल वर्ष 2017 से आरएमएस टेक्नोसॉल्यूशंस लिमिटेड में कम्प्यूटर ऑपरेटर है और कंपनी के प्रिंटिंग प्रेस संबंधी कार्य देखता है एवं देहरादून में पाम सिटी में कंपनी के फ्लैट में रहता था.

बता दें कि UKSSSC 2021 पेपर लीक मामले में STF की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बीच पिछले दिनों देहरादून के थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस मुख्यालय ने सचिवालय रक्षक दल भर्ती घोटाले की जांच भी एसटीएफ को सौंपी थी. उसी क्रम में एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए इस केस में पहली गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के बाराबंकी निवासी प्रदीप पाल के रूप में की है. बताया जा रहा है कि अभी इस मामले में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं, जिसके बारे में एसटीएफ साक्षर सबूत जुटाकर गहन जांच में जुटी है.

STF की अपील: STF ने अपील जारी करते हुए कहा है कि जो भी छात्र सचिवालय रक्षक परीक्षा में अनुचित साधन इस्तेमाल कर पास हुए हैं, उनको जांच-पड़ताल में चिन्हित कर लिया गया है. ऐसे में इस परीक्षा से जुड़े अभ्यर्थी अपने बयान खुद आकर दर्ज कराएं ताकि सही कार्रवाई की जा सके या STF अपने अनुसार कार्रवाई करेगी.
पढ़ें- सचिवालय रक्षक दल भर्ती में मुकदमा दर्ज, हाकम सिंह मुख्य आरोपी, गैंगस्टर एक्ट में संपत्ति होगी जब्त

बता दें कि सचिवालय रक्षक दल भर्ती मामले (secretariat guard team recruitment case) में एसटीएफ की प्रारंभिक जांच के बाद रायपुर थाने में गुरुवार देर शाम मुकदमा (Case registered against Hakam Singh) दर्ज किया गया था. पूरे मामले में हाकम सिंह 120बी के तहत आरोपी बनाया गया है.

गौरतलब हो कि UKSSSC पेपर लीक मामले के साथ-साथ पिछले दिनों सचिवालय रक्षक दल और कनिष्ठ सहायक (ज्यूडिशियल) के अलावा 2020 में आयोजित फॉरेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले की जांच भी एसटीएफ को सौंपी गई है. सचिवालय रक्षक दल भर्ती मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने आज पहली गिरफ्तारी की है.

देहरादून: सितंबर 2021 में हुए उत्तराखंड सचिवालय रक्षक दल भर्ती परीक्षा में सामने आए घोटाले में एसटीएफ टीम को पहली सफलता हासिल हुई है. एसटीएफ की टेक्निकल टीम की गहन जांच पड़ताल के बाद इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस से मिले सुराग के आधार पर इस केस में उत्तर प्रदेश बाराबंकी निवासी प्रदीप पाल को गिरफ्तार किया गया है.

Uttarakhand STF की गिरफ्त में आया प्रदीप पाल पहले लखनऊ स्थित RIMS प्रिंटिंग प्रेस का पहले कर्मचारी था और बाद में वो आयोग में लंबे समय तक कार्यरत था. प्रदीप ने ही पेन ड्राइव के माध्यम से प्रश्न पत्र को चुराया था और फिर अपने अन्य साथियों की मदद से परीक्षार्थियों के साथ लाखों रुपए में सौदा तय कर पेपर बेचा था. फिलहाल एसटीएफ गिरफ्तार प्रदीप पाल से उससे नेटवर्क से जुड़े लोगों के बारे में गहन पूछताछ कर आगे की जानकारी जुटा रही है.
पढ़ें- UKSSSC पेपर लीक में लखनऊ से RIMS कंपनी का मालिक राजेश चौहान और प्रदीप पाल गिरफ्तार

पूछताछ में अहम खुलासे: पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तों एवं अन्य गवाहों के बयानों से एसटीएफ को जानकारी मिली कि 26 सितंबर 2021 को सचिवालय रक्षक भर्ती आयोजित हुई थी, उसमें भी कई अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले उपलब्ध हो गया था. जिसके बाद एसटीएफ द्वारा सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा की जांच की गई जांच उपरांत परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के साक्ष्य प्राप्त हुए एवं एसटीएफ द्वारा दिनांक 24 अगस्त 2022 को थाना रायपुर पर मुकदमा अपराध संख्या 351 धारा 420 467 468 471/120 आईपीसी एवं 9/10 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम पंजीकृत कराया गया था

आयोग की बिल्डिंग से ही चुराया गया था पेपर: जांच के दौरान प्रकाश में आया कि सचिवालय रक्षक भर्ती में कुल 33 पद हैं और कुल 66 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. जिसमें शारीरिक परीक्षा होनी अभी शेष है. सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा के संबंध में की जा रही विवेचना में यह तथ्य प्रकाश में आया कि सचिवालय रक्षक का प्रश्न पत्र आयोग द्वारा ही बिल्डिंग में लगी प्रिंटिंग मशीनों में छपवाया गया था. जिसका टेंडर आरएमएस टेक्नोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था.

आरएमएस टेक्नोसॉल्यूशन लिमिटेड के कर्मचारी प्रदीप पाल एवं उनकी टीम परीक्षा की तिथि से 1 सप्ताह पूर्व आयोग में प्रश्न पत्र सैट करने एवं छपवाने के लिए आयोग की प्रिंटिंग प्रेस में रायपुर में आए थे. जहां पर प्रदीप पाल द्वारा पेनड्राइव के माध्यम से यह पेपर चुराया गया था. आयोग की बिल्डिंग में लगे सीसीटीवी फुटेज चेक करने पर पता चला कि पेन ड्राइव के जरिए ही प्रदीप पाल ने पेपर चुराया था.

आरोपी ने कबूला जुर्म: गिरफ्तार अभियुक्त प्रदीप पाल द्वारा पूछताछ में बताया गया कि आयोग की बिल्डिंग में पेपर छपने के दौरान मौका पाकर पेनड्राइव के माध्यम से उसे पेपर चुराया था और जयजीत दास को दिया गया था. एसटीएफ के मुताबिक आरोपी प्रदीप पाल वर्ष 2017 से आरएमएस टेक्नोसॉल्यूशंस लिमिटेड में कम्प्यूटर ऑपरेटर है और कंपनी के प्रिंटिंग प्रेस संबंधी कार्य देखता है एवं देहरादून में पाम सिटी में कंपनी के फ्लैट में रहता था.

बता दें कि UKSSSC 2021 पेपर लीक मामले में STF की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बीच पिछले दिनों देहरादून के थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस मुख्यालय ने सचिवालय रक्षक दल भर्ती घोटाले की जांच भी एसटीएफ को सौंपी थी. उसी क्रम में एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए इस केस में पहली गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के बाराबंकी निवासी प्रदीप पाल के रूप में की है. बताया जा रहा है कि अभी इस मामले में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं, जिसके बारे में एसटीएफ साक्षर सबूत जुटाकर गहन जांच में जुटी है.

STF की अपील: STF ने अपील जारी करते हुए कहा है कि जो भी छात्र सचिवालय रक्षक परीक्षा में अनुचित साधन इस्तेमाल कर पास हुए हैं, उनको जांच-पड़ताल में चिन्हित कर लिया गया है. ऐसे में इस परीक्षा से जुड़े अभ्यर्थी अपने बयान खुद आकर दर्ज कराएं ताकि सही कार्रवाई की जा सके या STF अपने अनुसार कार्रवाई करेगी.
पढ़ें- सचिवालय रक्षक दल भर्ती में मुकदमा दर्ज, हाकम सिंह मुख्य आरोपी, गैंगस्टर एक्ट में संपत्ति होगी जब्त

बता दें कि सचिवालय रक्षक दल भर्ती मामले (secretariat guard team recruitment case) में एसटीएफ की प्रारंभिक जांच के बाद रायपुर थाने में गुरुवार देर शाम मुकदमा (Case registered against Hakam Singh) दर्ज किया गया था. पूरे मामले में हाकम सिंह 120बी के तहत आरोपी बनाया गया है.

गौरतलब हो कि UKSSSC पेपर लीक मामले के साथ-साथ पिछले दिनों सचिवालय रक्षक दल और कनिष्ठ सहायक (ज्यूडिशियल) के अलावा 2020 में आयोजित फॉरेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले की जांच भी एसटीएफ को सौंपी गई है. सचिवालय रक्षक दल भर्ती मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने आज पहली गिरफ्तारी की है.

Last Updated : Aug 27, 2022, 4:08 PM IST
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