पुणे: प्रदीप कुरुलकर हनी ट्रैप मामले में एटीएस ने पुणे कोर्ट में 2000 पेज की चार्जशीट दाखिल की है. साथ ही कुरुलकर के पॉलीग्राफ और वॉयस टेस्ट पर कोर्ट 7 जुलाई को फैसला सुनाएगा. एटीएस ने डीआरडीओ के तत्कालीन निदेशक प्रदीप कुरुलकर का पॉलीग्राफ और आवाज परीक्षण कराने की मांग की थी. प्रदीप कुरुलकर पर पाकिस्तान को गुप्त सूचनाएं देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने कहा है कि वह 7 जुलाई को अपना फैसला सुनाएगी.
2000 पेज की चार्जशीट दाखिल: DRDO के डायरेक्टर प्रदीप कुरुलकर को कोर्ट में पेश किया गया. कुरुलकर को एटीएस की ओर से पॉलीग्राफ और वॉयस टेस्ट से गुजरने के लिए कहा गया था. एटीएस ने यह भी आरोप लगाया कि प्रदीप कुरुलकर जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. एटीएस ने प्रदीप कुरुलकर के खिलाफ कोर्ट में 2000 पेज की चार्जशीट दाखिल की है.
जरदास गुप्ता सह-अभियुक्त: एटीएस ने जरदास गुप्ता को सह आरोपी बनाया है, जिसने प्रदीप कुरुलकर को अपने जाल में फंसाया और पाकिस्तान के लिए जासूसी की. जब जरदास गुप्ता और कुरुलकर दोनों मोबाइल पर बात कर रहे थे, तो कॉल यूनाइटेड किंगडम से दिखाई दे रही थी. हालांकि, जांच में पता चला कि कॉल असल में पाकिस्तानी इंटेलिजेंस से आ रही थी. यह मामला संज्ञान में आने के बाद पिछले कुछ महीनों से सुरक्षा तंत्र के जरिए कुरुलकर की जांच की जा रही थी. उसकी गतिविधियां उजागर होने के बाद उसके खिलाफ एटीएस में शिकायत दर्ज करायी गयी थी.
लैपटॉप व अन्य सामग्री जब्त: प्रदीप कुरुलकर को एटीएस ने हनीट्रैप मामले में 3 मई को गिरफ्तार किया था. उसके द्वारा प्रयुक्त मोबाइल, लैपटॉप और अन्य सामग्री एटीएस ने जब्त कर ली थी. एटीएस ने लैपटॉप समेत अन्य सामग्री जांच के लिए पुणे स्थित फोरेंसिक लैब को सौंपी थी. उस जांच में पता चला कि डीआरडीओ द्वारा सौंपा गया लैपटॉप कुरुलकर का नहीं बल्कि किसी और का था.
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एटीएस ने इस मामले की जानकारी डीआरडीओ के दिल्ली स्थित सतर्कता एवं सुरक्षा प्रभाग के निदेशक कर्नल प्रदीप राणा को पत्र के जरिये दी. इस पर संज्ञान लेते हुए राणा ने 26 मई को कुरुलकर का लैपटॉप सील कर एटीएस को सौंप दिया.