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Threat To Judiciary: सेवानिवृत्ति के बाद जजों की नियुक्ति न्यायपालिका के लिए खतरा : कांग्रेस - Post Retirement Appointment Of Judges

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस अब्दुल नजीर की नियुक्ति के बाद इसे न्यायपालिका के लिए खतरा बताया. इस संबंध में उन्होंने पूर्व मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली के कहे गए कोट का उल्लेख किया. वहीं कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भाजपा पर इसको लेकर हिंदुओं और मुसलमानों को बांटने का आरोप लगाया.

Congress leader Abhishek Manu Singhvi
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी
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Published : Feb 12, 2023, 6:28 PM IST

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में एस. अब्दुल नजीर की नियुक्ति के बाद, कांग्रेस ने रविवार को कहा कि 'यह न्यायपालिका के लिए खतरा है.' कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने पूर्व कानून और वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली को कोट किया. जेटली ने 2013 में कहा था, सेवानिवृत्ति से पहले के निर्णय सेवानिवृत्ति के बाद की नौकरियों और न्यायपालिका के लिए इसके खतरे से प्रभावित होते हैं. सिंघवी ने कहा, हम भी इसी भावना को साझा करते हैं, यह न्यायपालिका के लिए खतरा है. उन्होंने कहा, यह किसी व्यक्ति विशेष के बारे में नहीं है क्योंकि मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता हूं लेकिन सिद्धांत रूप में हम सेवानिवृत्ति के बाद न्यायाधीशों की नियुक्ति के खिलाफ हैं.

सिंघवी ने कहा कि भाजपा का यह बचाव कि यह पहले भी हुआ था, कोई बहाना नहीं हो सकता और मुद्दा जस का तस है. कांग्रेस सांसद और संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने अरुण जेटली का वीडियो क्लिप शेयर किया और कहा कि पिछले 3-4 सालों में इसका पर्याप्त सबूत है. रंजन गोगोई के बाद यह दूसरी नियुक्ति है. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच का हिस्सा रहे जस्टिस एस. अब्दुल नजीर जनवरी में सेवानिवृत्त हुए थे. न्यायमूर्ति नजीर के नेतृत्व वाली संविधान पीठ ने 2016 की नोटबंदी प्रक्रिया को सही ठहराया था. उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और नेताओं के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की कोई जरूरत नहीं है.

जस्टिस नजीर का 5 जनवरी 1958 को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बेलुवई में जन्म हुआ था. जस्टिस नजीर ने लॉ की डिग्री हासिल हासिल करने के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की और 12 मई 2003 को इसके अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए. वह 24 सितंबर 2004 को स्थायी न्यायाधीश बने और 17 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत हुए.

न्यायमूर्ति नजीर कई ऐतिहासिक संविधान पीठ के फैसलों का हिस्सा थे, जिसमें ट्रिपल तालक, निजता का अधिकार, अयोध्या मामला और हाल ही में नोटबंदी पर केंद्र के 2016 के फैसले और सांसदों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता शामिल है. न्यायमूर्ति नजीर ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका की स्थिति आज उतनी गंभीर नहीं है जितनी पहले हुआ करती थी, हालांकि गलत सूचना के कारण गलत धारणा व्यक्त की जाती है.

  • Delhi | BJP has divided Hindus & Muslims. Appeasement is when a community gets more than it deserves but Muslims did not even get their fair share. Appointing Justice Nazeer as Governor is reducing faith of people in judiciary: Rashid Alvi, Congress pic.twitter.com/pqmVB4hd3a

    — ANI (@ANI) February 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भाजपा ने हिंदुओं और मुसलमानों को बांटा - अल्वी

इसी क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राशिद अल्वी ने भाजपा पर हिंदुओं और मुस्लिम को बांटने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जस्टिस नजीर को राज्यपाल नियुक्त करने से लोगों में न्यायपालिका में विश्वास कम हो रहा है. उन्होंने कहा कि लोग राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि सरकार के दबाव में ऐसा हुआ है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका स्वतंत्र होनी चाहिए और संविधान के अनुच्छेद 50 के अनुसार कार्यपालिका से कोई संबंध नहीं होना चाहिए.

ये भी पढ़ें - Governor and Lt Governor changes: 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल और एलजी बदले

(इनपुट-एजेंसी)

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में एस. अब्दुल नजीर की नियुक्ति के बाद, कांग्रेस ने रविवार को कहा कि 'यह न्यायपालिका के लिए खतरा है.' कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने पूर्व कानून और वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली को कोट किया. जेटली ने 2013 में कहा था, सेवानिवृत्ति से पहले के निर्णय सेवानिवृत्ति के बाद की नौकरियों और न्यायपालिका के लिए इसके खतरे से प्रभावित होते हैं. सिंघवी ने कहा, हम भी इसी भावना को साझा करते हैं, यह न्यायपालिका के लिए खतरा है. उन्होंने कहा, यह किसी व्यक्ति विशेष के बारे में नहीं है क्योंकि मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता हूं लेकिन सिद्धांत रूप में हम सेवानिवृत्ति के बाद न्यायाधीशों की नियुक्ति के खिलाफ हैं.

सिंघवी ने कहा कि भाजपा का यह बचाव कि यह पहले भी हुआ था, कोई बहाना नहीं हो सकता और मुद्दा जस का तस है. कांग्रेस सांसद और संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने अरुण जेटली का वीडियो क्लिप शेयर किया और कहा कि पिछले 3-4 सालों में इसका पर्याप्त सबूत है. रंजन गोगोई के बाद यह दूसरी नियुक्ति है. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच का हिस्सा रहे जस्टिस एस. अब्दुल नजीर जनवरी में सेवानिवृत्त हुए थे. न्यायमूर्ति नजीर के नेतृत्व वाली संविधान पीठ ने 2016 की नोटबंदी प्रक्रिया को सही ठहराया था. उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और नेताओं के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की कोई जरूरत नहीं है.

जस्टिस नजीर का 5 जनवरी 1958 को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बेलुवई में जन्म हुआ था. जस्टिस नजीर ने लॉ की डिग्री हासिल हासिल करने के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की और 12 मई 2003 को इसके अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए. वह 24 सितंबर 2004 को स्थायी न्यायाधीश बने और 17 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत हुए.

न्यायमूर्ति नजीर कई ऐतिहासिक संविधान पीठ के फैसलों का हिस्सा थे, जिसमें ट्रिपल तालक, निजता का अधिकार, अयोध्या मामला और हाल ही में नोटबंदी पर केंद्र के 2016 के फैसले और सांसदों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता शामिल है. न्यायमूर्ति नजीर ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका की स्थिति आज उतनी गंभीर नहीं है जितनी पहले हुआ करती थी, हालांकि गलत सूचना के कारण गलत धारणा व्यक्त की जाती है.

  • Delhi | BJP has divided Hindus & Muslims. Appeasement is when a community gets more than it deserves but Muslims did not even get their fair share. Appointing Justice Nazeer as Governor is reducing faith of people in judiciary: Rashid Alvi, Congress pic.twitter.com/pqmVB4hd3a

    — ANI (@ANI) February 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भाजपा ने हिंदुओं और मुसलमानों को बांटा - अल्वी

इसी क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राशिद अल्वी ने भाजपा पर हिंदुओं और मुस्लिम को बांटने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जस्टिस नजीर को राज्यपाल नियुक्त करने से लोगों में न्यायपालिका में विश्वास कम हो रहा है. उन्होंने कहा कि लोग राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि सरकार के दबाव में ऐसा हुआ है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका स्वतंत्र होनी चाहिए और संविधान के अनुच्छेद 50 के अनुसार कार्यपालिका से कोई संबंध नहीं होना चाहिए.

ये भी पढ़ें - Governor and Lt Governor changes: 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल और एलजी बदले

(इनपुट-एजेंसी)

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