कोलकाता (पश्चिम बंगाल) : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि यदि आपका वोट आपकी मृत्यु या संपत्ति के विनाश का कारण बनता है, तो यह लोकतंत्र के अंत का ही संकेत है. विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद राज्य में हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों का जल्द ही दौरा करना है.
राज्यपाल ने कहा कि संवैधानिक कर्तव्य के तहत मैंने राज्य में प्रभावित हिस्सों का दौरा करने का फैसला किया है और सरकार से व्यवस्था करने के लिए कहा है. दुर्भाग्य से उनकी प्रतिक्रिया बहुत गतिशील नहीं रही है. मैं अपने कार्यक्रम के साथ आगे बढ़ूंगा और आने वाले दिनों में स्वयं के दौरे की व्यवस्था करूंगा. उन्होंने ममता सरकार को विश्वसनीयता बहाल करने और लोकतांत्रिक आवरण को कलंकित करने वाले दोषियों को सजा दिलाने का आह्वान किया.
धनखड़ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चुनाव के बाद हम राज्य में एक गहरे संकट में हैं. प्रतिशोधी हिंसा, आगजनी, लूटपाट की गतिविधियों के साथ अब डराने-धमकाने और जबरन वसूली भी की जा रही है जो चिंताजनक है. राज्यपाल ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी की कोई जवाबदेही नहीं है.
उन्होंने कहा कि चुनाव बाद की हिंसा पर रिपोर्ट मांगी गई थी और कोलकाता पुलिस महानिदेशक से इसे कराने के लिए कहा गया था लेकिन पुलिस आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को आज तक कुछ नहीं मिला.
धनखड़ ने कहा कि कोई भी राज्य की प्रतिक्रिया को मुझसे बेहतर नहीं जानता. जवाबदेही का कोई मतलब नहीं है. 3 मई को मैंने कोलकाता के DGP और CP सहित अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) से उनके क्षेत्रों में स्थिति और उठाए गए कदमों के बारे में रिपोर्ट मांगी थी.
डीजीपी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), सीपी कोलकाता को एक रिपोर्ट भेजी लेकिन उन्होंने (रिपोर्ट) मुझे आज तक नहीं भेजा. मैंने तब मुख्य सचिव को बुलाया, जो डीजीपी के साथ आए लेकिन दोनों के पास कोई रिपोर्ट नहीं.
धनखड़ ने कहा कि सब कुछ ठीक है, कोई हिंसा नहीं है (यह अनुमान लगाया जा रहा है) लेकिन जमीनी स्थिति अलग है. मुझे उम्मीद है कि राज्य सरकार आत्ममंथन करेगी. जमीनी हकीकत का पता लगाएगी और दोषियों को हमारे लोकतांत्रिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.
2 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में हिंसा की सूचना मिली है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि चुनाव के बाद हुई हिंसा में उसके नौ कार्यकर्ता मारे गए हैं.
हालांकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) आरोपों से इनकार कर रही है. 7 मई को गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त चार सदस्यीय टीम ने राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा की रिपोर्ट की और पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर क्षेत्र का दौरा किया था.
टीम ने स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की और उन क्षेत्रों में संपत्ति की नुकसानी का आकलन भी किया. एमएचए ने चार सदस्यीय टीम की प्रतिनियुक्ति की थी, जो प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए एक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारी सहित एक अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी के साथ गए.
इनमें अतिरिक्त सचिव गृह मंत्रालय गोविंद मोहन, अतिरिक्त सचिव शिक्षा मंत्रालय विनीत जोशी, खुफिया ब्यूरो के संयुक्त निदेशक जनार्दन सिंह और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) आईबी के नलिन टीम में शामिल हैं.
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कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 7 मई को पश्चिम बंगाल के गृह सचिव को उन स्थानों का उल्लेख करते हुए एक रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था जहां हिंसा हुई और कदम उठाए गए. इस मामले की अगली सुनवाई आज के लिए निर्धारित थी.