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इंसान तो इंसान, उत्तराखंड के इस जिले में अब पौधे भी होंगे क्वारंटाइन

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Published : Apr 22, 2021, 5:58 AM IST

उत्तराखंड में इंसान तो इंसान अब पौधे भी क्वारंटाइन होंगे. जी हां ये सच है. टिहरी में केंद्र सरकार विदेशी और उन्नत किस्म के पौधों के लिए पोस्ट एंटी क्वारंटाइन सेंटर की स्थापना करने जा रही है. सेंटर में पौधों को क्वारंटाइन किया जाएगा.

अब पौधे भी होंगे क्वारंटाइन
अब पौधे भी होंगे क्वारंटाइन

देहरादून : भारत सरकार उत्तराखंड को एक ऐसा राष्ट्रीय स्तर का संस्थान देने जा रही है, जिसके जरिए न केवल किसानों को उन्नत किस्म के पौधे मिलेंगे बल्कि राज्य के युवाओं को संस्थान के जरिए रोजगार का बेहतर अवसर भी मिलेगा. खास बात ये है कि ये संस्थान एक तरह का पौधों का क्वारंटाइन सेंटर होगा. इसमें हर विदेशी पौधे को अपना क्वारंटाइन पीरियड पूरा करना होगा.

उत्तराखंड में अब विदेशों से आयात होने वाले विभिन्न प्रजाति के पौधों से बीमारी का खतरा नहीं रहेगा. केंद्र सरकार इसके लिए उत्तराखंड में पोस्ट एंटी क्वारंटाइन सेंटर स्थापित करने जा रही है. इस पोस्ट एंटी क्वारंटाइन सेंटर में विदेशी पौधों को अपना क्वारंटाइन पीरियड पूरा करना होगा. साथ ही उद्यान और कृषि से जुड़े वैज्ञानिकों की रिसर्च और इलाज से भी गुजरना होगा.

बता दें कि करीब एक साल से भारत सरकार उत्तराखंड में इस पहले पोस्ट एंटी क्वारंटाइन सेंटर को स्थापित करने की कोशिशों में जुटी हुई है. राज्य सरकार की तरफ से खुद कृषि मंत्री सुबोध उनियाल भी केंद्रीय स्तर पर कई दौर की बातचीत कर चुके हैं.

खास बात ये है कि लंबे वक्त से करीब 20 एकड़ भूमि इसके लिए तलाश की जा रही थी. जानकारी के मुताबिक, टिहरी जिले में इसके लिए भूमि की तलाश कर ली गई है.

केंद्र सरकार के निर्देश के आधार पर ही नोडल अफसर की तैनाती भी की गई है. राज्य सरकार की तरफ से संयुक्त निदेशक डॉ. रतन कुमार को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है.

जानकारी के तहत इस सेंटर को तैयार करने के रूप में करीब 100 करोड़ का निवेश किया जाएगा. इसमें बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा, साथ ही किसानों को उन्नत किस्म के पौधे भी मिल सकेंगे.

बताया जा रहा है कि नेशनल बागवानी बोर्ड और नेशनल सीड कारपोरेशन दोनों ही मिलकर इस सेंटर को तैयार करेंगे. बता दें कि उत्तराखंड में विदेशों से कई तरह के पौधों को आयात किया जाता है. इनमें ज्यादातर उन्नत किस्म की बागवानी या उद्यान को विकसित करने के लिए विदेशों से मंगाए जाते हैं.

खास बात ये है कि इस दौरान विदेशी पौधों से बीमारियों के भी देश में पहुंचने का खतरा बना रहता है. इसी को देखते हुए पहली बार केंद्र सरकार की तरफ से इस तरह के पोस्ट एंटी क्वारंटाइन सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है.

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि इस दिशा में लगातार बातचीत की जा रही है. फिलहाल केंद्र सरकार से जल्द से जल्द प्रोजेक्ट को शुरू करवाने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है.

संस्थान में रखे जाएंगे विभिन्न प्रजाति के पौधे

भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में सेब, अखरोट और तमाम उन्नत प्रजाति के पौधे रखे जाएंगे, जिनका आयात भारत सरकार करती है. इसके अलावा सगंध खेती से जुड़े यानी फ्लावर्स का आयात किए गये पौधों को भी इस संस्थान में रखा जाएगा.

पढ़ें- ऑक्सीजन का संकट : क्या है स्थिति, एक नजर

प्रत्येक पौधे का क्वारंटाइन पीरियड भी अलग-अलग होगा. 6 महीने से लेकर डेढ़ साल तक का समय अलग-अलग पौधों के लिए क्वारंटाइन पीरियड होगा. भारत सरकार द्वारा ही इस पूरी गतिविधि पर मॉनिटरिंग की जाएगी.

देहरादून : भारत सरकार उत्तराखंड को एक ऐसा राष्ट्रीय स्तर का संस्थान देने जा रही है, जिसके जरिए न केवल किसानों को उन्नत किस्म के पौधे मिलेंगे बल्कि राज्य के युवाओं को संस्थान के जरिए रोजगार का बेहतर अवसर भी मिलेगा. खास बात ये है कि ये संस्थान एक तरह का पौधों का क्वारंटाइन सेंटर होगा. इसमें हर विदेशी पौधे को अपना क्वारंटाइन पीरियड पूरा करना होगा.

उत्तराखंड में अब विदेशों से आयात होने वाले विभिन्न प्रजाति के पौधों से बीमारी का खतरा नहीं रहेगा. केंद्र सरकार इसके लिए उत्तराखंड में पोस्ट एंटी क्वारंटाइन सेंटर स्थापित करने जा रही है. इस पोस्ट एंटी क्वारंटाइन सेंटर में विदेशी पौधों को अपना क्वारंटाइन पीरियड पूरा करना होगा. साथ ही उद्यान और कृषि से जुड़े वैज्ञानिकों की रिसर्च और इलाज से भी गुजरना होगा.

बता दें कि करीब एक साल से भारत सरकार उत्तराखंड में इस पहले पोस्ट एंटी क्वारंटाइन सेंटर को स्थापित करने की कोशिशों में जुटी हुई है. राज्य सरकार की तरफ से खुद कृषि मंत्री सुबोध उनियाल भी केंद्रीय स्तर पर कई दौर की बातचीत कर चुके हैं.

खास बात ये है कि लंबे वक्त से करीब 20 एकड़ भूमि इसके लिए तलाश की जा रही थी. जानकारी के मुताबिक, टिहरी जिले में इसके लिए भूमि की तलाश कर ली गई है.

केंद्र सरकार के निर्देश के आधार पर ही नोडल अफसर की तैनाती भी की गई है. राज्य सरकार की तरफ से संयुक्त निदेशक डॉ. रतन कुमार को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है.

जानकारी के तहत इस सेंटर को तैयार करने के रूप में करीब 100 करोड़ का निवेश किया जाएगा. इसमें बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा, साथ ही किसानों को उन्नत किस्म के पौधे भी मिल सकेंगे.

बताया जा रहा है कि नेशनल बागवानी बोर्ड और नेशनल सीड कारपोरेशन दोनों ही मिलकर इस सेंटर को तैयार करेंगे. बता दें कि उत्तराखंड में विदेशों से कई तरह के पौधों को आयात किया जाता है. इनमें ज्यादातर उन्नत किस्म की बागवानी या उद्यान को विकसित करने के लिए विदेशों से मंगाए जाते हैं.

खास बात ये है कि इस दौरान विदेशी पौधों से बीमारियों के भी देश में पहुंचने का खतरा बना रहता है. इसी को देखते हुए पहली बार केंद्र सरकार की तरफ से इस तरह के पोस्ट एंटी क्वारंटाइन सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है.

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि इस दिशा में लगातार बातचीत की जा रही है. फिलहाल केंद्र सरकार से जल्द से जल्द प्रोजेक्ट को शुरू करवाने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है.

संस्थान में रखे जाएंगे विभिन्न प्रजाति के पौधे

भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में सेब, अखरोट और तमाम उन्नत प्रजाति के पौधे रखे जाएंगे, जिनका आयात भारत सरकार करती है. इसके अलावा सगंध खेती से जुड़े यानी फ्लावर्स का आयात किए गये पौधों को भी इस संस्थान में रखा जाएगा.

पढ़ें- ऑक्सीजन का संकट : क्या है स्थिति, एक नजर

प्रत्येक पौधे का क्वारंटाइन पीरियड भी अलग-अलग होगा. 6 महीने से लेकर डेढ़ साल तक का समय अलग-अलग पौधों के लिए क्वारंटाइन पीरियड होगा. भारत सरकार द्वारा ही इस पूरी गतिविधि पर मॉनिटरिंग की जाएगी.

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