गांदरबल: देशभर में रामनवमी पर्व को लेकर गुरुवार सुबह से ही पूजा-अर्चना का सिलसिला जारी है. गांदरबल में खीरभवानी मंदिर के टोला मूला में भी आधिकारिक तौर पर पूजा की गई, जिसमें जिला उपायुक्त श्यामबीर सिंह, गैर स्थानीय लोगों व कश्मीरी पंडितों ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर कश्मीर घाटी में अमन-चैन के लिए विशेष प्रार्थना का भी आयोजन किया गया. इस दौरान मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया और मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए. आज, इस मंदिर काफी रौनक देखने को मिली क्योंकि बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित एक बार फिर मंदिर के अंदर देखे गए. इनमें ज्यादातर कश्मीरी पंडित कर्मचारी थे, जो कश्मीर में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं.
इस बीच मीडिया से बात करते हुए कश्मीरी पंडितों ने कहा कि हम इस दिन को बड़े चाव से मनाते हैं. हमें खुशी है कि रमजान और रामनवमी एक ही महीने में हैं, इसलिए मुस्लिम और हिंदू समुदाय के लोग मिलकर जश्न मना रहे हैं. हम दुआ करते हैं कि हम मुसलमानों के साथ पहले की तरह एक दूसरे की तकलीफ में शामिल हों. यही कश्मीरवाद है और यह हिंदू मुस्लिम भाईचारे की मिसाल भी है. इसी बीच कानपुर की एक महिला पर्यटक ने कहा कि मुझे इस मंदिर में दर्शन करने का शौक था और आज यहां आकर मैंने अपनी मनोकामना पूरी की.
उन्होंने कहा कि रमजान और रामनवमी के इस महापर्व पर मुझे मुस्लिम भाईचारे की झलक देखकर बहुत खुशी हो रही है. इस दौरान उपायुक्त गांदरबल श्यामबीर सिंह ने बात करते हुए कहा कि हमने जिला प्रशासन द्वारा इस दिन के अवसर पर सुरक्षा, पानी, बिजली और अन्य प्रकार की विशेष व्यवस्था की थी. उन्होंने रमजान और रामनवमी के पवित्र अवसर पर दोनों समुदायों को दिल से बधाई दी. उन्होंने कहा है कि हमने मंदिर में शाम को मुस्लिम भाइयों के लिए इफ्तार का इंतजाम किया है, जो भाईचारे की बेहतरीन मिसाल है.
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