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सीपीसीबी ने पतंजलि, कोक, पेप्सिको, बिसलेरी पर लगाया करोड़ों रुपये का जुर्माना, जानिए क्या है मामला

प्लास्टिक कचरे के डिस्पोजल और कलेक्शन की जानकारी सरकारी बॉडी को नहीं देने के मामले में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने पतंजलि पेय को नोटिस जारी कर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया है.

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Published : Feb 10, 2021, 2:53 PM IST

Updated : Feb 10, 2021, 3:53 PM IST

सीपीसीबी
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नई दिल्ली : सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने पतंजलि, कोक, पेप्सिको और बिसलेरी पर भारी जुर्माना लगाया है. इन कंपनियों पर करीब 72 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. सीपीसीबी ने बिसलेरी पर 10.75 करोड़ रुपये, पेप्सिको इंडिया पर 8.7 करोड़ रुपये और कोका कोला बेवरेजेस पर 50.66 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. पतंजलि पर एक करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगी है. वहीं एक अन्य कंपनी पर 85.9 लाख रुपये का जुर्माना लगा है. यह जुर्माना प्लास्टिक कचरे के डिस्पोजल और कलेक्शन की जानकारी सरकारी बॉडी को नहीं देने के मामले में लगाया गया है.

15 दिन में भराना होगा जुर्माना

CPCB ने कहा है कि इन सभी को 15 दिनों में जुर्माने की रकम भरनी होगी. प्लास्टिक कचरों के मामलों में एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी (EPR) एक पॉलिसी पैमाना है, जिसके आधार पर प्लास्टिक का निर्माण करने वाली कंपनियों को प्रोडक्ट के डिस्पोजल की जिम्मेदारी लेनी होती है.

हिंदुस्तान कोका कोला बेवरेज को जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि यूनिट द्वारा पेश की गई कार्ययोजना के अनुसार, कुल प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन 1.05 लाख टन प्रति वर्ष है, लेकिन अगस्त की अवधि के लिए तिमाही प्रगति रिपोर्ट के अनुसार 2019 से सितंबर 2020 तक, केवल 23,422 टन प्लास्टिक कचरा एकत्र किया गया है और उसका निपटान किया गया है.

जबकि बिसलेरी पर 21,500 टन प्लास्टिक कचरे के लिए जुर्माना लगाया गया है. सीपीसीबी ने यह भी कहा कि त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत दस्तावेज उद्योग द्वारा ईपीआर दायित्व की पूर्ति के लिए कार्य योजना के कार्यान्वयन के साक्ष्य-आधारित मूल्यांकन के लिए जानकारी प्रदान नहीं करते हैं.

पतंजलि के मामले में, सीपीसीबी ने कंपनी को फरवरी और अगस्त में पत्र जारी किए थे, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सितंबर में सीपीसीबी को निर्देश दिया कि वह जबरदस्ती कार्रवाई करे.

पढ़ेंः केरल उच्च न्यायालय ने लगाई सनी लियोनी की गिरफ्तारी पर रोक, ये था मामला

यूनिट के संचालन को बंद करने पर सीपीसीबी के कारण बताओ नोटिस के बाद, पतंजलि ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के तहत पंजीकरण के बारे में सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज दाखिल करने के लिए अक्टूबर 2020 तक का समय मांगा था.

नई दिल्ली : सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने पतंजलि, कोक, पेप्सिको और बिसलेरी पर भारी जुर्माना लगाया है. इन कंपनियों पर करीब 72 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. सीपीसीबी ने बिसलेरी पर 10.75 करोड़ रुपये, पेप्सिको इंडिया पर 8.7 करोड़ रुपये और कोका कोला बेवरेजेस पर 50.66 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. पतंजलि पर एक करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगी है. वहीं एक अन्य कंपनी पर 85.9 लाख रुपये का जुर्माना लगा है. यह जुर्माना प्लास्टिक कचरे के डिस्पोजल और कलेक्शन की जानकारी सरकारी बॉडी को नहीं देने के मामले में लगाया गया है.

15 दिन में भराना होगा जुर्माना

CPCB ने कहा है कि इन सभी को 15 दिनों में जुर्माने की रकम भरनी होगी. प्लास्टिक कचरों के मामलों में एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी (EPR) एक पॉलिसी पैमाना है, जिसके आधार पर प्लास्टिक का निर्माण करने वाली कंपनियों को प्रोडक्ट के डिस्पोजल की जिम्मेदारी लेनी होती है.

हिंदुस्तान कोका कोला बेवरेज को जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि यूनिट द्वारा पेश की गई कार्ययोजना के अनुसार, कुल प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन 1.05 लाख टन प्रति वर्ष है, लेकिन अगस्त की अवधि के लिए तिमाही प्रगति रिपोर्ट के अनुसार 2019 से सितंबर 2020 तक, केवल 23,422 टन प्लास्टिक कचरा एकत्र किया गया है और उसका निपटान किया गया है.

जबकि बिसलेरी पर 21,500 टन प्लास्टिक कचरे के लिए जुर्माना लगाया गया है. सीपीसीबी ने यह भी कहा कि त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत दस्तावेज उद्योग द्वारा ईपीआर दायित्व की पूर्ति के लिए कार्य योजना के कार्यान्वयन के साक्ष्य-आधारित मूल्यांकन के लिए जानकारी प्रदान नहीं करते हैं.

पतंजलि के मामले में, सीपीसीबी ने कंपनी को फरवरी और अगस्त में पत्र जारी किए थे, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सितंबर में सीपीसीबी को निर्देश दिया कि वह जबरदस्ती कार्रवाई करे.

पढ़ेंः केरल उच्च न्यायालय ने लगाई सनी लियोनी की गिरफ्तारी पर रोक, ये था मामला

यूनिट के संचालन को बंद करने पर सीपीसीबी के कारण बताओ नोटिस के बाद, पतंजलि ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के तहत पंजीकरण के बारे में सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज दाखिल करने के लिए अक्टूबर 2020 तक का समय मांगा था.

Last Updated : Feb 10, 2021, 3:53 PM IST
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