अगरतला (त्रिपुरा) : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीआई-एम) के नेता और पूर्व सीएम माणिक सरकार ने शनिवार को कहा कि त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजे 'अप्रत्याशित' थे. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव एक 'प्रहसन' बदल दिया गया. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, त्रिपुरा के पूर्व सीएम ने कहा कि यह अप्रत्याशित है क्योंकि सरकार का प्रदर्शन शून्य था. लोकतंत्र पर हमला किया गया. मतदाताओं को स्वतंत्र रूप से मताधिकार का प्रयोग नहीं करने दिया गया. उन्होंने कहा कि चुनावों को एक स्वांग में बदल दिया गया. संविधान के तहत राज्य में काम नहीं हो रहा है.
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उन्होंने आगे आरोप लगाया कि कई कारणों के कारण भाजपा विरोधी वोट विभाजित हो गये. उन्होंने कहा कि परिणाम हमारे हिसाब से नहीं आये. लेकिन एक बात स्पष्ट है कि 60 फीसदी मतदाताओं ने बीजेपी को वोट नहीं दिया. बीजेपी विरोधी वोट बंट गए. जनता इस बारे में बात कर रही है कि भाजपा को सत्ता में लाने में किसने मदद की है. उन्होंने कहा कि यह बहुत स्पष्ट है, मैं किसी पार्टी का नाम नहीं लेना चाहता.
गौरतलब है कि त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा को 32 सीट पर सफलता मिलीय यह बहुमत के आंकड़े से एक ज्यादा है. चुनाव आयोग ने बताया कि इन चुनावों में भाजपा को लगभग 39 प्रतिशत वोट मिले. जबकि तिपरा मोथा पार्टी 13 सीट जीती. माकपा को 11 सीट पर सफलता मिली. कांग्रेस मजह तीन सीट ही जीत पाई. इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को एक सीट पर सफलता मिली. पहली बार आईपीएफटी का कोई प्रतिनिधि विधानसभा पहुंचेगा.
पूर्वोत्तर में सीपीआई (एम) और कांग्रेस भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए गठबंधन में थे. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, माकपा और कांग्रेस को संयुक्त रूप से लगभग 33 प्रतिशत वोट मिले. मालूम हो कि भाजपा ने 2018 से पहले इस राज्य में एक भी सीट नहीं जीती थी. 2018 में भाजपा में आईपीएफटी के साथ गठबंधन किया. उस चुनाव के परिणाम चौकाने वाले रहे. 35 वर्षों तक सत्ता में रहने वाली वाम मोर्चा को इस गठबंधन ने हरा दिया. इस बार भाजपा ने 55 सीट पर और आईपीएफटी ने छह सीटों पर अपने दावेदार खड़े किये थे. हालांकि गोमती जिले के अम्पीनगर निर्वाचन क्षेत्र में दोनों पार्टियों ने अपने उम्मीदवार खड़े किये थे.
माकपा ने 47 और कांग्रेस ने 13 सीट पर अपनी दावेदारी पेश की थी. माकपा ने अपने हिस्से वाली 47 सीट में 43 सीटों पर अपने उम्मीवार खड़े किये थे. फॉरवर्ड ब्लॉक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के उम्मीदवारों ने एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा.
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(एएनआई)