रांचीः ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 की हालिया रिपोर्ट पर राजनीति का दौर जारी है. अब झारखंड में भी इसपर खींचतान शुरू हो गई है. कांग्रेस प्रवक्ता सह पूर्व सासंद अजय कुमार ने जमशेदपुर में चाय पर चर्चा के दौरान भारत सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि कुपोषण के मामले में हम उस अफगानिस्तान से नीचे हैं, जहां सरकार की जगह तालिबान है. यही नहीं पाकिस्तान से भी पीछे हैं. बांग्लादेश भी हमसे काफी बेहतर स्थिति में है. लेकिन भारत में अमृत काल और कर्तव्य काल की चर्चा हो रही है.
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कांग्रेस के इस सवाल पर प्रदेश भाजपा ने भी जवाब दिया है. भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि अगर अफगानिस्तान और पाकिस्तान हमारे देश से बेहतर हाल में हैं तो राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी समेत पूरे कांग्रेस को अफगानिस्तान और पाकिस्तान में शिफ्ट कर जाना चाहिए . ऐसी विकृत सोच वालों को कम से कम वहां बेहतर खाना तो मिलेगा. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि ये देशद्रोही लोग हैं. हमेशा विकृत विचारों को दिखाते हैं.
गलत बोल गये कांग्रेस नेताः कांग्रेस नेता ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स में अफगानिस्तान को भारत से बेहतर स्थिति में बताया है. जब पूरे रिपोर्ट की पड़ताल की गई तो उनकी बात गलत निकली. इंडेक्स में अफगानिस्तान को 114वां स्थान मिला है. क्योंकि जिन चार पारामीटर यानी अंडर-नॉरिशमेंट (कैलोरी), पांच साल के कम उम्र के बच्चों की चाइल्ड वेस्टिंग (वजन), पांच साल के कम उम्र के बच्चों के चाइल्ड स्टंटिंग (कद) और पांच साल से कम उम्र के बच्चों के चाइल्ड मोर्टालिटी (मृत्युदर)पर फोकस कर जो रिपोर्ट बनी है, उसमें अफगानिस्तान की स्थिति भारत से खराब दिखाई गई है. इस मामले में कांग्रेस नेता डॉ अजय कुमार से ईटीवी भारत की टीम ने फोन पर संपर्क किया और तुलना का आधार पूछा. उन्होंने कहा कि हो सकता है अफगानिस्तान नीचे हो लेकिन पाकिस्तान से तो हमारा देश नीचे है ना. इसके बाद मीटिंग में व्यस्तता का हवाला देते हुए कहा कि इसपर बाद में बात की जाएगी.
क्या है ग्लोबल हंगर इंडेक्सः दरअसल, कुछ दिन पहले ही भुखमरी की स्थिति पर ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 जारी हुआ था. हर साल इस लिस्ट को कंसर्न वर्ल्डवाइड और वर्ल्ड हंगर हेल्प नामक यूरोपियन एनजीओ जारी करता है. इसका आंकलन चार पारामीटर पर किया जाता है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स में दुनिया के 125 देशों में भारत को 111वां स्थान दिया गया है. जबकि भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश की रैंकिंग 81, नेपाल की 69, श्रीलंका की 60 और पाकिस्तान की 102 बताई गई है. लगातार तीसरे साल भारत की रैंकिंग में गिरावट दिखाई गई है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में बच्चों की कमजोरी दर 18.7 प्रतिशत है.
वहीं नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साल 2014 में जब सरकार बनी थी, तब इंडेक्स में भारत का स्थान 55वां था. लेकिन बाद के वर्षों में स्थिति खराब होती चली गई. इंडेक्स के मुताबिक 2015 में 80वां, 2016 में 97वां, 2017 में 100वां, 2018 में 103वां, 2019 में 102वां, 2020 में 94वां, 2021 में 101वां और 2022 में 107वां स्थान भारत को मिला था. रिपोर्ट में सेंट्रल अफ्रीका रिपब्लिक सोमालिया को अंतिम पायदान पर दिखाया गया है.
हालांकि रिपोर्ट जारी होते ही केंद्र सरकार का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अपनी आपत्ति जाहिर कर चुका है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स पर सवाल उठाते हुए इसे भारत की छवि खराब करने का प्रयास बताया गया. मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि चार में से तीन इंडिकेटर बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े हैं जो पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. पिछले साल भी केंद्र सरकार ने रिपोर्ट तैयार करने के मेथड पर सवाल खड़े करते हुए इसे गलत बताया था. खास बात है कि संयुक्त राष्ट्र ने नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 2005 से 2021 के बीच 41.5 प्रतिशत लोग गरीबी से बाहर निकले हैं.