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प्रशांत किशोर ने कांग्रेस से जताई 'नजदीकियां', तो उलझी बिहार की सियासत

Bihar Politics : चुनावी राजनीति का प्रशांत किशोर ने अब तक अपनी राजनीति को दिशा नहीं दी है. फिलहाल वह 'एकला चलो' की राह पर हैं. पदयात्रा के जरिए वह जनता से संपर्क साध रहे हैं. हाल के दिनों में कांग्रेस से नजदीकियों की बात कह कर प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. पढ़ें पूरी खबर..

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 23, 2023, 8:46 PM IST

प्रशांत किशोर की पॉलिटिकल शिफ्टिंग होने वाली है?

पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार के राजनीतिक अखाड़े में कूद चुके हैं. प्रशांत किशोर फिलहाल जनता की नब्ज टटोलने में जुटे हैं. पदयात्रा के जरिए प्रशांत किशोर जनता के बीच जा रहे हैं और जनता को अपने पक्ष में गोल बंद करने की कोशिश कर रहे हैं. बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी लड़ाई है. प्रशांत किशोर दोनों गठबंधन की आलोचना करते आ रहे थे, लेकिन अब प्रशांत किशोर के एक बयान ने बिहार की सियासत में हलचल पैदा करती है.

'बीजेपी के पास 50% से कम वोट' : प्रशांत किशोर ने कहा है कि मेरी विचारधारा और कांग्रेस की विचारधारा करीब है. पीके ने यह भी कहा कि "भाजपा को हराया जा सकता है. आज की तारीख में भी भाजपा के पास 50% से कम वोट है". बता दें कि प्रशांत किशोर अब तक दोनों ही गठबंधन की आलोचना कर रहे थे. प्रशांत किशोर पिछले 30 साल के शासनकाल को बिहार के अंदर कोस रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस से नजदीकियों की खबर ने बिहार के सियासतदानों को उलझन में डाल दिया है.

'बीजेपी अजेय नहीं' :प्रशांत किशोर का मानना है कि भाजपा अजेय नहीं है. भाजपा को भी हराया जा सकता है 2015 के चुनाव में हमने भाजपा को हराया था और आज भी भाजपा को 38% वोट हासिल होते हैं इसका मतलब यह है कि 62% वोट भाजपा के खिलाफ है जरूर इस बात की है कि इस वोट को एकजुट किया जाए भाजपा कांग्रेस की कमियों के वजह से जीत रही है. प्रशांत किशोर के कांग्रेस प्रेम पर भाजपा ने पलटवार किया है.

"प्रशांत किशोर को यह भी जवाब देना चाहिए कि उन्होंने भाजपा के लिए क्यों काम किया था. क्या आज की तारीख में वह परिवारवाद और भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों के पक्ष में खड़े हैं. वैसे इंडिया गठबंधन में भी वह चले जाएंगे फिर भी भाजपा के सेहत पर फर्क नहीं पड़ता. नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के बदौलत फिर हमारी सरकार बनने जा रही है."- दानिश इकबाल, प्रवक्ता, बीजेपी

कांग्रेस ने पीके के बयान का किया स्वागत : वहीं जदयू प्रवक्ता हिमराज राम ने भी प्रशांत किशोर के मंसूबों पर सवाल खड़े किए हैं. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि "प्रशांत किशोर भाजपा के एजेंडे पर काम कर रहे थे. अगर संविधान बचाना है तो प्रशांत किशोर जैसे लोगों को भी इंडिया गठबंधन में आना पड़ेगा". वहीं कांग्रेस पार्टी के मुख्य राजेश राठौड़ ने प्रशांत किशोर के बयान का स्वागत किया है. कांग्रेस नेता ने कहा है कि जो कोई भी कांग्रेस और राहुल गांधी की विचारधारा के साथ सहमत हैं. हम उनका स्वागत करते हैं.

"प्रशांत किशोर ने अपने एक बयान से अपना बेड़ा गर्क कर लिया. पहले प्रशांत किशोर पिछले सभी कार्यकाल की आलोचना कर रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस के नजदीक होने की बात कह कर उन्होंने अपना राजनीतिक नुकसान किया है. आप गरीबी, बेरोजगारी को लेकर 70 साल के शासनकाल पर सवाल उठा रहे थे. लेकिन, अब आप उसी कांग्रेस के पक्ष में आवाज बुलंद कर रहे हैं."- प्रवीण बागी, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक

इसे भी पढ़ेंः 'नीतीश कुमार जिनके साथ रहते हैं, उसके अनुसार अपनी अंतरआत्मा को कर लेते हैं ट्यून'- प्रशांत किशोर का तंज

इसे भी पढ़ेंः 'दोनों हैं मतलब के यार', बोले प्रशांत किशोर- 'नीतीश और लालू के संबंध अच्छे नहीं'

प्रशांत किशोर की पॉलिटिकल शिफ्टिंग होने वाली है?

पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार के राजनीतिक अखाड़े में कूद चुके हैं. प्रशांत किशोर फिलहाल जनता की नब्ज टटोलने में जुटे हैं. पदयात्रा के जरिए प्रशांत किशोर जनता के बीच जा रहे हैं और जनता को अपने पक्ष में गोल बंद करने की कोशिश कर रहे हैं. बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी लड़ाई है. प्रशांत किशोर दोनों गठबंधन की आलोचना करते आ रहे थे, लेकिन अब प्रशांत किशोर के एक बयान ने बिहार की सियासत में हलचल पैदा करती है.

'बीजेपी के पास 50% से कम वोट' : प्रशांत किशोर ने कहा है कि मेरी विचारधारा और कांग्रेस की विचारधारा करीब है. पीके ने यह भी कहा कि "भाजपा को हराया जा सकता है. आज की तारीख में भी भाजपा के पास 50% से कम वोट है". बता दें कि प्रशांत किशोर अब तक दोनों ही गठबंधन की आलोचना कर रहे थे. प्रशांत किशोर पिछले 30 साल के शासनकाल को बिहार के अंदर कोस रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस से नजदीकियों की खबर ने बिहार के सियासतदानों को उलझन में डाल दिया है.

'बीजेपी अजेय नहीं' :प्रशांत किशोर का मानना है कि भाजपा अजेय नहीं है. भाजपा को भी हराया जा सकता है 2015 के चुनाव में हमने भाजपा को हराया था और आज भी भाजपा को 38% वोट हासिल होते हैं इसका मतलब यह है कि 62% वोट भाजपा के खिलाफ है जरूर इस बात की है कि इस वोट को एकजुट किया जाए भाजपा कांग्रेस की कमियों के वजह से जीत रही है. प्रशांत किशोर के कांग्रेस प्रेम पर भाजपा ने पलटवार किया है.

"प्रशांत किशोर को यह भी जवाब देना चाहिए कि उन्होंने भाजपा के लिए क्यों काम किया था. क्या आज की तारीख में वह परिवारवाद और भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों के पक्ष में खड़े हैं. वैसे इंडिया गठबंधन में भी वह चले जाएंगे फिर भी भाजपा के सेहत पर फर्क नहीं पड़ता. नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के बदौलत फिर हमारी सरकार बनने जा रही है."- दानिश इकबाल, प्रवक्ता, बीजेपी

कांग्रेस ने पीके के बयान का किया स्वागत : वहीं जदयू प्रवक्ता हिमराज राम ने भी प्रशांत किशोर के मंसूबों पर सवाल खड़े किए हैं. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि "प्रशांत किशोर भाजपा के एजेंडे पर काम कर रहे थे. अगर संविधान बचाना है तो प्रशांत किशोर जैसे लोगों को भी इंडिया गठबंधन में आना पड़ेगा". वहीं कांग्रेस पार्टी के मुख्य राजेश राठौड़ ने प्रशांत किशोर के बयान का स्वागत किया है. कांग्रेस नेता ने कहा है कि जो कोई भी कांग्रेस और राहुल गांधी की विचारधारा के साथ सहमत हैं. हम उनका स्वागत करते हैं.

"प्रशांत किशोर ने अपने एक बयान से अपना बेड़ा गर्क कर लिया. पहले प्रशांत किशोर पिछले सभी कार्यकाल की आलोचना कर रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस के नजदीक होने की बात कह कर उन्होंने अपना राजनीतिक नुकसान किया है. आप गरीबी, बेरोजगारी को लेकर 70 साल के शासनकाल पर सवाल उठा रहे थे. लेकिन, अब आप उसी कांग्रेस के पक्ष में आवाज बुलंद कर रहे हैं."- प्रवीण बागी, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक

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