ETV Bharat / bharat

महाराष्ट्र : स्थानीय निकाय चुनाव रद्द होने पर कांग्रेस और बीजेपी में वाकयुद्ध

महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने स्थानीय निकाय चुनाव रद्द कर दिया है. इस फैसले से कांग्रेस खुश है तो भाजपा हमलावर है. इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है.

Maharashtra
Maharashtra
author img

By

Published : Jul 10, 2021, 10:06 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में कोविड की स्थिति को देखते हुए स्थानीय निकाय चुनाव रद्द कर दिया है. इस फैसले से राज्य में कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. कांग्रेस मंत्री विजय वडेट्टीवार ने फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह ओबीसी की जीत है. इस बीच, भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि यह राज्य सरकार की सफलता नहीं है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने कोविड की स्थिति के कारण चुनाव रद्द किया है.

वडेट्टीवार ने फैसले का स्वागत किया

विजय वडेट्टीवार ने राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव रद्द करने के फैसले का स्वागत किया. वडेट्टीवार ने कहा, हम फैसले से खुश हैं और यह ओबीसी की जीत है. राज्य सरकार ने लगातार चुनाव आयोग के साथ मुद्दे पर बात की. सीएम ने इसके लिए प्रयास भी किया. उन्होंने नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि चुनाव रद्द होना इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि किसने इसके लिए प्रयास किया.

यह राज्य सरकार की सफलता नहीं है : बावनकुले

भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि चुनाव रद्द करना राज्य सरकार की सफलता नहीं है. चुनाव आयोग ने ही चुनाव रद्द कर दिया था. यह राज्य सरकार के लिए अनुभवजन्य डेटा एकत्र करने और उसे अदालत में पेश करने का एक अवसर है. उन्होंने कहा कि अगर वे ऐसा करते हैं तो इसे राज्य सरकार की सफलता कहा जाएगा.

बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने इस साल के शुरू में स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए कहा था कि अनुसूचित जाति और जनजाति समेत विभिन्न समुदायों के लिये निर्धारित सीटों की संख्या कुल सीटों के 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकती.

फडणवीस ने बताया था भ्रामक

महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले फडणवीस ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से एक गहन जांच (ओबीसी आबादी के मुद्दे पर) के लिए कहा था.

उन्होंने कहा था, 'शीर्ष अदालत ने जनगणना के आंकड़ों के लिये नहीं कहा था. यह प्रस्ताव समय बिताने और इससे बचने के लिये हैं, यह भ्रामक है जिससे कुछ हासिल नहीं होगा. लेकिन, हम प्रस्ताव का समर्थन करेंगे, क्योंकि हम अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ खड़े होना चाहते हैं.'

महाराष्ट्र विधानसभा के दोनों सदनों में पेश किए जाने वाले प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग गठित किया गया है और इसे ओबीसी आबादी पर व्यापक आंकड़े तैयार करने के लिये 2011 की जनगणना के सामाजिक, आर्थिक और जाति आधारित आंकड़ों की जरूरत होगी.

पढ़ेंः क्या शिवसेना चाहती है विधानसभा अध्यक्ष की सीट? भास्कर के बयान से छिड़ी बहस

मुंबई : महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में कोविड की स्थिति को देखते हुए स्थानीय निकाय चुनाव रद्द कर दिया है. इस फैसले से राज्य में कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. कांग्रेस मंत्री विजय वडेट्टीवार ने फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह ओबीसी की जीत है. इस बीच, भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि यह राज्य सरकार की सफलता नहीं है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने कोविड की स्थिति के कारण चुनाव रद्द किया है.

वडेट्टीवार ने फैसले का स्वागत किया

विजय वडेट्टीवार ने राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव रद्द करने के फैसले का स्वागत किया. वडेट्टीवार ने कहा, हम फैसले से खुश हैं और यह ओबीसी की जीत है. राज्य सरकार ने लगातार चुनाव आयोग के साथ मुद्दे पर बात की. सीएम ने इसके लिए प्रयास भी किया. उन्होंने नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि चुनाव रद्द होना इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि किसने इसके लिए प्रयास किया.

यह राज्य सरकार की सफलता नहीं है : बावनकुले

भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि चुनाव रद्द करना राज्य सरकार की सफलता नहीं है. चुनाव आयोग ने ही चुनाव रद्द कर दिया था. यह राज्य सरकार के लिए अनुभवजन्य डेटा एकत्र करने और उसे अदालत में पेश करने का एक अवसर है. उन्होंने कहा कि अगर वे ऐसा करते हैं तो इसे राज्य सरकार की सफलता कहा जाएगा.

बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने इस साल के शुरू में स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए कहा था कि अनुसूचित जाति और जनजाति समेत विभिन्न समुदायों के लिये निर्धारित सीटों की संख्या कुल सीटों के 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकती.

फडणवीस ने बताया था भ्रामक

महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले फडणवीस ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से एक गहन जांच (ओबीसी आबादी के मुद्दे पर) के लिए कहा था.

उन्होंने कहा था, 'शीर्ष अदालत ने जनगणना के आंकड़ों के लिये नहीं कहा था. यह प्रस्ताव समय बिताने और इससे बचने के लिये हैं, यह भ्रामक है जिससे कुछ हासिल नहीं होगा. लेकिन, हम प्रस्ताव का समर्थन करेंगे, क्योंकि हम अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ खड़े होना चाहते हैं.'

महाराष्ट्र विधानसभा के दोनों सदनों में पेश किए जाने वाले प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग गठित किया गया है और इसे ओबीसी आबादी पर व्यापक आंकड़े तैयार करने के लिये 2011 की जनगणना के सामाजिक, आर्थिक और जाति आधारित आंकड़ों की जरूरत होगी.

पढ़ेंः क्या शिवसेना चाहती है विधानसभा अध्यक्ष की सीट? भास्कर के बयान से छिड़ी बहस

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.