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उत्तराखंड BJP ने अवैध मस्जिद-मजारों पर छेड़ा घमासान, कांग्रेस बोली- ये है चुनावी राजनीति की पहचान

साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और साल 2023 में देश के कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने हिंदुत्व का मुद्दा एक बार फिर से छेड़ दिया है. इसको लेकर सियासत गरमाई हुई है. देश के कई राज्यों से धार्मिक राजनीति के तमाम मामले सामने आ रहे हैं. उत्तराखंड में भी आगामी चुनाव से पहले लैंड जिहाद का मुद्दा चर्चाओं में बना हुआ है.

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Published : Apr 12, 2023, 10:13 AM IST

Updated : Apr 12, 2023, 2:57 PM IST

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उत्तराखंड मजार मस्जिद समाचार
अवैध मस्जिद-मजारों पर घमासान

देहरादून: सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाई गई अवैध मजारों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बयान के बाद से ही उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में घमासान मचा हुआ है. आखिर क्या है उत्तराखंड राज्य में अवैध मजारों और लैंड जिहाद से जुड़ा राजनीतिक मुद्दा आइए समझते हैं.

उत्तराखंड में गर्माया लैंड जिहाद का मुद्दा: आगामी चुनाव से पहले उत्तराखंड की राजनीति में गरमाई अवैध मजारों और लैंड जिहाद का मुद्दा इन दिनों सर चढ़कर बोल रहा है. हालांकि, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आदेश जारी करते हुए अपने सभी प्रवक्ताओं और नेताओं को धार्मिक मामलों पर बयानबाजी ना करने के निर्देश दिए हैं, वहीं, भाजपा संगठन खुलकर राज्य में हिंदुत्व का मुद्दा बुलंद करने की कवायद में जुट गया है. मुख्य रूप से भाजपा हिंदुत्व और राम नाम को लेकर चुनाव में बड़ी पकड़ हमेशा ही बनाती रही है. यही वजह है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से भाजपा ने हिंदुत्व का तार छोड़ दिया है.

वन विभाग की जमीन पर चिन्हित हुए अवैध धर्म स्थल: उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊं के क्षेत्र में राजाजी नेशनल पार्क और जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क जैसे विशाल जंगल हैं. यही नहीं उत्तराखंड का 70 फ़ीसदी से अधिक हिस्सा वन क्षेत्र है. पिछले कुछ सालों से वन विभाग की भूमि पर इंसानों का दखल साफ तौर पर देखा जा रहा है. वन विभाग की भूमि पर धर्म के नाम पर अवैध निर्माण कार्य तेजी से फल-फूल रहे हैं. वन क्षेत्र में अवैध कब्जे को लेकर उत्तराखंड वन विभाग ने पिछले साल अवैध धार्मिक स्थलों की सूची भी तैयार की थी. जिसके तहत वन क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में धार्मिक स्थल चिन्हित किए गए थे.

प्रतिबंधित क्षेत्रों में बन गईं मजार!: उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भी अतिक्रमणकारियों ने अवैध कब्जे कर धार्मिक स्थल बना दिए हैं. मिली जानकारी के अनुसार कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क के भीतर कालागढ़, बिजरानी, सोनानदी रेंज, झिरना, सर्पदुली और ढेला में कई धार्मिक स्थल बनाए गए हैं. यही नहीं, कॉर्बेट पार्क के बिजरानी जोन में कुछ साल पहले तक एकमात्र मजार थी जिसे "थपली बाबा की मजार" के नाम से जाना जाता है. लेकिन इस मजार की आड़ में हाल ही के कुछ सालों में 5 और मजारें बना दी गई हैं. इसके अलावा इस क्षेत्र की कुछ अन्य जगहों पर भी तमाम अवैध मजारें बना दी गई हैं.

अवैध मजारों पर कार्रवाई से गर्माई उत्तराखंड की राजनीति: इसी क्रम में कॉर्बेट पार्क के ढेला रेंज में भी पांच मजारें, झिरना रेंज में एक मजार के साथ ही कालागढ़ रेंज में पांच मजारें बना दी गई हैं. सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाई गई इन मजारों को हटाने के लिए वन विभाग की तरफ से कार्रवाई की जा रही है. मार्च 2023 तक वन विभाग ने तमाम अवैध मजारों के कब्जे को खाली कराया है. साथ ही अवैध भूमि पर बनी अन्य मजारों पर कार्रवाई की जा रही है. वहीं, अवैध मजारों पर वन विभाग की ओर से की जा रही कार्रवाई के बाद से ही तमाम संगठन, राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं. विपक्ष भी राज्य सरकार पर धार्मिक राजनीति करने का आरोप लगा रहा है.

लैंड जिहाद पर सीएम धामी सख्त: दरअसल, राज्य सरकार पहले भी वन विभाग की भूमि पर बनी अवैध मजारों को हटाने का बयान दे चुकी है. वहीं, हाल ही में एक बार फिर सीएम धामी ने धर्म के नाम पर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर अवैध मजारों का निर्माण करने वालों को सख्त संदेश दिया है. सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में धर्म के नाम पर किसी भी तरह का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही सख्त संदेश देते हुए कहा कि अतिक्रमण करवाने वाले जो भी लोग हैं, वो अवैध निर्माण को खुद से हटा लें, नहीं तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी. साथ ही कहा कि जिहाद और लैंड जिहाद उत्तराखंड में किसी भी तरह से नहीं चलेगा.

कांग्रेस ने लगाया मुद्दों से भटकाने का आरोप: वहीं, इस पूरे मामले पर कांग्रेस, सरकार पर आरोप लगा रही है कि आगामी चुनाव को लेकर जनता को असली मुद्दों से भटकाने का काम किया जा रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सिर्फ मजारों की नहीं बल्कि ऐसे में सभी धार्मिक स्थलों की बात करनी चाहिए. अतिक्रमण कोई भी करता है वो गलत है. लिहाजा जो पौराणिक मंदिर और मजारें हैं, उनको रेगुलराइज करना चाहिए. क्योंकि वो सालों पहले से बनी हुई हैं. लेकिन जो हाल ही में बनाए गए अवैध धार्मिक स्थल हैं, उन पर रोक लगनी चाहिए. साथ ही सरकार को अपनी संपत्ति को सुरक्षित करने का अधिकार है, लेकिन इसमें धर्म आड़े नहीं आना चाहिए.

बीजेपी बोली- अवैध मजार धर्मांतरण के अड्डे: इस साल पिछले तीन महीनों में अतिक्रमण कर बनाई गई अवैध मजारों को हटाकर जिला प्रशासन ने सरकारी भूमि को खाली करवाया है. इसके साथ ही वन विभाग ने करीब एक हजार अवैध मजारों को चिन्हित किया है जो सरकारी भूमि पर बनी हुई हैं. वहीं, इस पूरे मामले पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि कुछ सोची समझी ताकतें हैं जो अवैध मजारों को संरक्षण और बढ़ावा देने का काम कर रही हैं. साथ ही इन लोगों को कांग्रेस के नेताओं का संरक्षण है, जो तुष्टिकरण की राजनीति कर इनका वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं. साथ ही कहा कि अवैध मजारों और मस्जिदों की आड़ में धर्मांतरण का भी काम करते हैं. ऐसे में अवैध निर्माणों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
ये भी पढ़ें: 'खुद ही हटा लें अतिक्रमण नहीं तो होगी कार्रवाई', हरिद्वार लैंड जिहाद पर CM धामी का अल्टीमेटम

वहीं, प्रदेश के वन क्षेत्रों में बनी अवैध मजारों की कार्रवाई पर, कॉर्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र रामनगर स्थित मजार की देखरेख कर रहे अशरफ अली ने कहा कि ये मजार 40 साल पुरानी है. साथ ही कहा कि इस मजार की देखरेख उनके पिता कर रहे थे. उनकी मृत्यु के बाद पिछले 16 साल वो इस गद्दी को संभाल रहे हैं. अशरफ अली ने कहा कि इस मजार पर सभी धर्मों के लोग आते हैं.

अवैध मस्जिद-मजारों पर घमासान

देहरादून: सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाई गई अवैध मजारों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बयान के बाद से ही उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में घमासान मचा हुआ है. आखिर क्या है उत्तराखंड राज्य में अवैध मजारों और लैंड जिहाद से जुड़ा राजनीतिक मुद्दा आइए समझते हैं.

उत्तराखंड में गर्माया लैंड जिहाद का मुद्दा: आगामी चुनाव से पहले उत्तराखंड की राजनीति में गरमाई अवैध मजारों और लैंड जिहाद का मुद्दा इन दिनों सर चढ़कर बोल रहा है. हालांकि, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आदेश जारी करते हुए अपने सभी प्रवक्ताओं और नेताओं को धार्मिक मामलों पर बयानबाजी ना करने के निर्देश दिए हैं, वहीं, भाजपा संगठन खुलकर राज्य में हिंदुत्व का मुद्दा बुलंद करने की कवायद में जुट गया है. मुख्य रूप से भाजपा हिंदुत्व और राम नाम को लेकर चुनाव में बड़ी पकड़ हमेशा ही बनाती रही है. यही वजह है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से भाजपा ने हिंदुत्व का तार छोड़ दिया है.

वन विभाग की जमीन पर चिन्हित हुए अवैध धर्म स्थल: उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊं के क्षेत्र में राजाजी नेशनल पार्क और जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क जैसे विशाल जंगल हैं. यही नहीं उत्तराखंड का 70 फ़ीसदी से अधिक हिस्सा वन क्षेत्र है. पिछले कुछ सालों से वन विभाग की भूमि पर इंसानों का दखल साफ तौर पर देखा जा रहा है. वन विभाग की भूमि पर धर्म के नाम पर अवैध निर्माण कार्य तेजी से फल-फूल रहे हैं. वन क्षेत्र में अवैध कब्जे को लेकर उत्तराखंड वन विभाग ने पिछले साल अवैध धार्मिक स्थलों की सूची भी तैयार की थी. जिसके तहत वन क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में धार्मिक स्थल चिन्हित किए गए थे.

प्रतिबंधित क्षेत्रों में बन गईं मजार!: उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भी अतिक्रमणकारियों ने अवैध कब्जे कर धार्मिक स्थल बना दिए हैं. मिली जानकारी के अनुसार कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क के भीतर कालागढ़, बिजरानी, सोनानदी रेंज, झिरना, सर्पदुली और ढेला में कई धार्मिक स्थल बनाए गए हैं. यही नहीं, कॉर्बेट पार्क के बिजरानी जोन में कुछ साल पहले तक एकमात्र मजार थी जिसे "थपली बाबा की मजार" के नाम से जाना जाता है. लेकिन इस मजार की आड़ में हाल ही के कुछ सालों में 5 और मजारें बना दी गई हैं. इसके अलावा इस क्षेत्र की कुछ अन्य जगहों पर भी तमाम अवैध मजारें बना दी गई हैं.

अवैध मजारों पर कार्रवाई से गर्माई उत्तराखंड की राजनीति: इसी क्रम में कॉर्बेट पार्क के ढेला रेंज में भी पांच मजारें, झिरना रेंज में एक मजार के साथ ही कालागढ़ रेंज में पांच मजारें बना दी गई हैं. सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाई गई इन मजारों को हटाने के लिए वन विभाग की तरफ से कार्रवाई की जा रही है. मार्च 2023 तक वन विभाग ने तमाम अवैध मजारों के कब्जे को खाली कराया है. साथ ही अवैध भूमि पर बनी अन्य मजारों पर कार्रवाई की जा रही है. वहीं, अवैध मजारों पर वन विभाग की ओर से की जा रही कार्रवाई के बाद से ही तमाम संगठन, राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं. विपक्ष भी राज्य सरकार पर धार्मिक राजनीति करने का आरोप लगा रहा है.

लैंड जिहाद पर सीएम धामी सख्त: दरअसल, राज्य सरकार पहले भी वन विभाग की भूमि पर बनी अवैध मजारों को हटाने का बयान दे चुकी है. वहीं, हाल ही में एक बार फिर सीएम धामी ने धर्म के नाम पर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर अवैध मजारों का निर्माण करने वालों को सख्त संदेश दिया है. सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में धर्म के नाम पर किसी भी तरह का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही सख्त संदेश देते हुए कहा कि अतिक्रमण करवाने वाले जो भी लोग हैं, वो अवैध निर्माण को खुद से हटा लें, नहीं तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी. साथ ही कहा कि जिहाद और लैंड जिहाद उत्तराखंड में किसी भी तरह से नहीं चलेगा.

कांग्रेस ने लगाया मुद्दों से भटकाने का आरोप: वहीं, इस पूरे मामले पर कांग्रेस, सरकार पर आरोप लगा रही है कि आगामी चुनाव को लेकर जनता को असली मुद्दों से भटकाने का काम किया जा रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सिर्फ मजारों की नहीं बल्कि ऐसे में सभी धार्मिक स्थलों की बात करनी चाहिए. अतिक्रमण कोई भी करता है वो गलत है. लिहाजा जो पौराणिक मंदिर और मजारें हैं, उनको रेगुलराइज करना चाहिए. क्योंकि वो सालों पहले से बनी हुई हैं. लेकिन जो हाल ही में बनाए गए अवैध धार्मिक स्थल हैं, उन पर रोक लगनी चाहिए. साथ ही सरकार को अपनी संपत्ति को सुरक्षित करने का अधिकार है, लेकिन इसमें धर्म आड़े नहीं आना चाहिए.

बीजेपी बोली- अवैध मजार धर्मांतरण के अड्डे: इस साल पिछले तीन महीनों में अतिक्रमण कर बनाई गई अवैध मजारों को हटाकर जिला प्रशासन ने सरकारी भूमि को खाली करवाया है. इसके साथ ही वन विभाग ने करीब एक हजार अवैध मजारों को चिन्हित किया है जो सरकारी भूमि पर बनी हुई हैं. वहीं, इस पूरे मामले पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि कुछ सोची समझी ताकतें हैं जो अवैध मजारों को संरक्षण और बढ़ावा देने का काम कर रही हैं. साथ ही इन लोगों को कांग्रेस के नेताओं का संरक्षण है, जो तुष्टिकरण की राजनीति कर इनका वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं. साथ ही कहा कि अवैध मजारों और मस्जिदों की आड़ में धर्मांतरण का भी काम करते हैं. ऐसे में अवैध निर्माणों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
ये भी पढ़ें: 'खुद ही हटा लें अतिक्रमण नहीं तो होगी कार्रवाई', हरिद्वार लैंड जिहाद पर CM धामी का अल्टीमेटम

वहीं, प्रदेश के वन क्षेत्रों में बनी अवैध मजारों की कार्रवाई पर, कॉर्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र रामनगर स्थित मजार की देखरेख कर रहे अशरफ अली ने कहा कि ये मजार 40 साल पुरानी है. साथ ही कहा कि इस मजार की देखरेख उनके पिता कर रहे थे. उनकी मृत्यु के बाद पिछले 16 साल वो इस गद्दी को संभाल रहे हैं. अशरफ अली ने कहा कि इस मजार पर सभी धर्मों के लोग आते हैं.

Last Updated : Apr 12, 2023, 2:57 PM IST
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